पालिका का संविदा सफाई कर्मचारी कर रहा ठेकेदारी, ईओ ने मांगी रिपोर्ट
लखनऊ से लौटी ईओ प्रज्ञा सिंह ने जताई कड़ी नाराजगी, कंपनी के अधिकारी भी किये तलब
मुजफ्फरनगर। शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के साथ ही डलावघरों से कूड़ा निस्तारण की जिम्मेदारी निभा रही निजी क्षेत्र की कंपनी के अवैध कूड़ा ट्रांसफर सेंटर पर हुए हादसे में एक कबाड़ी मजदूर की मौत के प्रकरण में पालिका में नई हलचल है। पालिका की जांच में सामने आया है कि कंपनी के कूड़ा करकट से प्लास्टिक और दूसरा सामान बीनने का ठेका चलाने के लिए पालिका का संविदा सफाई कर्मचारी ही अवैध रूप से काम कर रहा है। कंपनी के आने से पहले यह कर्मचारी पालिका के डलावघरों के ठिये कबाड़ियों को बेचने का काम करता था और अवैध रूप से वसूली करने में लिप्त था। इस मामले में भी पालिका प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। ईओ प्रज्ञा सिंह ने लखनऊ से लौटने के साथ ही नगर स्वास्थ्य अधिकारी से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है और साथ ही कंपनी के अधिकारियों को भी तलब किया है। उन्होंने घटना पर कड़ी नाराजगी प्रकट करते हुए कंपनी के जोन इंचार्ज और प्रबंध निदेशक को लगातार मनाही के बावजूद भी कूड़ा ट्रांसफर सेंटर चलाने के लिए फटकार भी लगाई है।
नगरपालिका परिषद् ने नई दिल्ली की निजी क्षेत्र की कंपनी एमआईटीसी सिक्योरिटी एंड फेसिलिटीज को 14 महीने के लिए डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने, डलावघरों से कूड़ा निस्तारण और अन्य कार्यों के लिए सशर्त ठेका दिया है। इसके लिए कंपनी को पालिका द्वारा करीब 90 लाख रुपये प्रतिमाह का भुगतान किया जायेगा। कंपनी के द्वारा शुरूआत से ही शर्तों का उल्लंघन किया जाता रहा है, जिसको लेकर कंपनी विवादों में रही और पालिका प्रशासन द्वारा कई बार नोटिस के साथ ही कंपनी पर 28 हजार रुपये का जुर्माना भी अधिरोपित किया गया। अब कंपनी ने चरथावल रोड पर अवैध रूप से कूड़ा ट्रांसफर सेंटर चला रखा था, जहां सरवट मदीना कालोनी निवासी मुकर्रम राव पुत्र इकराम को अवैध रूप से कूड़ा बीनने का ठेका दिया हुआ था। यहां पर मुकर्रम का भाई असलम अपनी लेबर के साथ कूड़ा छंटवाने का काम कर रहा था, इसी बीच कंपनी के जेसीबी चालक पंकज ने जेसीबी की टक्कर मजूदर महाकार पुत्र इस्तकार निवासी गांव सुबरी देवबंद को टक्कर मार दी, इससे उसकी मौत हो गई थी। रविवार की सुबह हुए इस हादसे ने पालिका प्रशासन में भी हड़कम्प मचा दिया। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अतुल ने कंपनी के प्रबंध निदेशक कमलजीत को नोटिस जारी करते हुए कई बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है।
तीन दिन के अवकाश के बाद लखनऊ से लौटीं ईओ प्रज्ञा सिंह ने सोमवार को आते ही इस मामले को गंभीरता से लिया और कंपनी के एमडी कमलजीत के साथ ही प्रोजेक्टर मैनेजर जोन इंचार्ज पुष्पराज सिंह को भी तलब किया है। उन्होंने पूरे प्रकरण में एनएसए डा. अतुल से रिपोर्ट मांगी है। ईओ ने निर्देश दिये हैं कि इस मामले में कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी कराने का काम किया जाये। उन्होंने अनुबंध की शर्तों तो तोड़ने और अवैध रूप से काम करने के मामले में कंपनी के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। पालिका प्रशासन की शुरूआती जांच में सामने आया है कि इस प्रकरण में पालिका के एक संविदा सफाई कर्मचारी संदिग्ध रूप से लिप्त है। उसको लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है। इस संविदा कर्मचारी पर पालिका के कई ठेके चलाने और पूर्व में कूड़ा डलावघरों के ठिये अवैध रूप से कबाड़ियों को बेचकर वसूली करने के आरोप भी लगते रहे हैं। कंपनी में भी ये हस्तक्षेप करते हुए अवैध वसूली करा रहा है।
दूसरी ओर इस मामले में मृतक मजदूर के भाई नवाब की ओर से शहर कोतवाली में जेसीबी चालक पंकज पर उसके भाई की जेसीबी से टक्कर मारकर हत्या करने और इसमें सोनू वाल्मीकि नामक ठेकेदार पर धमकी देने तथा साजिश रचने के आरोप लगाते हुए तहरीर दी गई थी, लेकिन पुलिस ने जांच के बाद ही मुकदमा दर्ज करने की बात कही है। शहर कोतवाली प्रभारी ने बताया कि पुलिस जांच में सामने आया है कि सोनू घटना के समय मौके पर मौजूद नहीं था। जेसीबी चालक पंकज से हादसा हुआ है। अभी रिपोर्ट दर्ज नहीं की है। मामले में पड़ताल की जा रही है।