प्रधानी चुनाव की सरगर्मी में चलने लगा शराब का दौर, दलित परिवार खौफजदा, बेटियों से हो रही छेड़छाड़
गुरूवार को कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय पर नई मण्डी थाना क्षेत्र के गांव बिलासपुरी निवासी महेन्द्री पत्नी सलेकचन्द अपने बच्चों और परिजनों के साथ पहुंची थी।
मुजफ्फरनगर। पंचायत चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग की तैयारियों के साथ ही गांव गांव प्रधानी के प्रत्याशियों ने अपने गुल खिलाने शुरू कर दिये हैं। अब गांवों में मुफ्त की शराब का पूरा दौर रंग पर आने लगा है। ऐसे में मुफ्त की शराब पीकर लोगों ने दंगा करना भी शुरू कर दिया है। शहर के निकवटर्ती गांव में एक दलित परिवार ऐसी ही शराब पार्टियों में युवकों के हुडदंग से खौफजदा है।
इस परिवार की बेटियों के साथ कई बार शराबी युवकों ने छेड़छाड़ करने के साथ ही परिवार को धमकाया भी है। परिवार ने आज कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपनी पीड़ा एडीएम प्रशासन को सुनाई तो उन्होंने तत्काल ही पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिये और इस परिवार को पूरे भरोसे के साथ रिक्शा में बैठाकर घर भिजवाया।
गुरूवार को कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय पर नई मण्डी थाना क्षेत्र के गांव बिलासपुरी निवासी महेन्द्री पत्नी सलेकचन्द अपने बच्चों और परिजनों के साथ पहुंची थी। महेन्द्री को जब डीएम कार्यालय पर चक्कर लगाते हुए एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने देखा तो वह इस महिला के पास गये और उसकी पीड़ा को सुना। महिला ने उनको बताया कि उसके परिवार में पति सलेकचन्द व पुत्र बबलू है। हम दलित वर्ग से है। हमारे पडोसी समन पुत्र रामचन्द्र, राजेन्द्र पुत्र स्वराज, रूडा पुत्र अतरसिंह, रामराला पुत्र रामशरण जो खुद भी दलित वर्ग से ही हैं, प्रतिदिन शाम के समय कुछ दूसरे समाज के लोगो के साथ मिलकर शराब पीते हैं। महेन्द्री ने बताया कि ग्राम पंचायत चुनाव की सरगर्मी गांव में तेज हो रही है और भावी प्रत्याशी की ओर से मुफ्त में शराब परोसी जाती है।
ऐसे में रोजमर्रा सभी नशे में धुत्त होकर गाली गलौच करते हैं। उसने बताया कि उसके पुत्र बबलू की 3 बेटिया 10, 12 और 14 साल की आयु की हैं। ये लोग शराब पीकर उन पर अश्लील फब्तियां कसते हैं। छेड़छाड़ करने के लिए मकान मे अन्दर पत्थर फेंकते है, जिससे हमारा पूरा परिवार खौफ में है। महेन्द्री ने परिवार की सुरक्षा और आरोपियों पर कार्रवाई की मांग जिलाधिकारी से करते हुए एडीएम प्रशासन अमित सिंह को प्रार्थना पत्र सौंपा। एडीएम ने पूरा मामले के संज्ञान लेकर तुरंत पुलिस से बात कर पीड़ितों को रिक्शा में बिठवाकर उन्हें उनके गांव भिजवाया। पुलिस को तुरंत पीड़ितों से मिलकर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के दिशा निर्देश दिए।