मुजफ्फरनगर में आरपार की लड़ाई को तैयार किसान, 17 अगस्त को पशुओं के साथ होगा थानों का घेराव
भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में मुजफ्फरनगर का किसान गन्ना पेराई सत्र 2019-20 का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए आंदोलन को कमर कस चुका है। मुजफ्फरनगर की आठ चीनी मिलों पर किसानों का करीब दस अरब गन्ना मूल्य भुगतान बकाया है, इसको लेकर 17 अगस्त को हर थाने पर धरना होगा।
मुजफ्फरनगर। भाकियू का बुढ़ाना थाने पर धरना अब बड़े आंदोलन का रूप लेने जा रहा है। गन्ना मूल्य के बकाया भुगतान और इससे पहले ब्याज की मांग ने पुलिस प्रशासन को नये सिरदर्द में डाल दिया है। आज हुई समझौता वार्ता भी बेनतीजा रही और भाकियू नेताओं ने बकाया मूल भुगतान से पहले 14 दिन के बाद से भुगतान पर ब्याज की रकम का भुगतान करने की शर्त जोड़ते हुए 17 अगस्त को शुगर मिल क्षेत्र के थानों पर पशुओं के साथ धरना प्रदर्शन करने के अपने ऐलान पर अंगद का पैर जमाये रखा। एडीएम प्रशासन और एसपी सिटी की मौजूदगी में घंटों चली वार्ता में भुगतान की कोई सूरत नहीं निकल पायी। मिलों पर आज भी करीब दस अरब रुपया किसानों का गन्ना मूल्य के रूप में बकाया है।
गुरूवार को गन्ना मूल्य के बकाया भुगतान को लेकर एक बैठक का आयोजन जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय सरकूलर रोड में किया गया, जिसमें अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित सिंह, पुलिस अधीक्षक नगर सतपाल अंतिल, जिला गन्ना अधिकारी डा. आरडी द्विवेदी के साथ भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चै. राकेश टिकैत व अन्य पदाधिकारी एवं किसान शामिल रहे। बैठक में जनपद के सभी चीनी मिल प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। इस बैठक में जिला गन्ना अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद में किसानों का लगभग 994 करोड रुपए गन्ना मूल्य शुगर मिलों पर बकाया है। इसी गन्ना मूल्य के भुगतान को लेकर भारतीय किसान यूनियन आंदोलनरत है। भैसाना बजाज शुगर मिल पर अकेले 273 करोड रुपए बकाया है। भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता पिछले 4 दिन से बुढ़ाना कोतवाली में गन्ना बकाया भुगतान की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। बुढ़ाना पुलिस के साथ बनी इस टकराव की स्थिति को टालने के लिए ही आला अफसरों के मार्ग दर्शन में यह समझौता वार्ता भाकियू, मिल अधिकारियों के बीच कराई गयी थी, लेकिन चीनी मिल की हठधर्मी के चलते कोई समाधान नहीं निकल पाया। इस बैठक में जिला गन्ना अधिकारी डा. आरडी द्विवेदी के द्वारा मिलों को भुगतान के लिए प्रतिदिन राशि जारी करने को भी कहा गया, लेकिन कुछ मिलों के द्वारा इस पर सहमति नहीं बन पायी। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चैधरी राकेश टिकैत ने कहा कि गन्ना बकाया पर विलंब को लेकर जो भी ब्याज किसानों का बनता है सर्वप्रथम उसका भुगतान दिया जाये। उन्होंने कहा कि मूल बकाया भुगतान से पहले किसान अब पहले ब्याज का पैसा लेंगे। सभी चीनी मिलों द्वारा इस संबंध में काफी बातचीत के बावजूद भी कोई संतोषजनक जवाब न मिलने के कारण बैठक बेनतीजा रही। इस बैठक में एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने भुगतान को लेकर बनी टकराव की स्थिति को टालने का भरसक प्रयास किया, लेकिन भाकियू नेता मूल भुगतान से पहले ब्याज का पैसा दिलाने पर अडिग रहे, इससे मिलों ने भी हाथ पीछे खींच लिये, जिस कारण कोई भी समाधान नहीं निकल पाया। भाकियू प्रवक्ता चैधरी राकेश टिकैत ने कहा कि 17 अगस्त को सभी चीनी मिल से संबंधित थानों पर धरना दिया जाएगा, जिसमें किसानों द्वारा भुगतान के साथ-साथ गन्ना मूल्य का विवरण भी लिया जाएगा। 14 दिन में भुगतान न करने वाली मिल के खिलाफ किसान खुद से शिकायत कर मिल मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग करेंगे। थाना पुलिस को ऐसे मिल मालिकों के खिलाफ एफआईआर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन आरपार की लड़ाई होगा। सभी किसान अपने पशुओं सहित थाने पर धरना देंगे। बुढ़ाना कोतवाली पर चल रहा धरना भी जारी रहेगा।
बता दें कि बुढ़ाना पुलिस द्वारा यूनियन के एक कार्यकर्ता के साथ बिजली ठेकेदार के विवाद में भाकियू के थाने पर धरने के बावजूद यूनियन कार्यकर्ता पर मुकदमा दर्ज करने और उसके घर दबिश देने को लेकर मामला बिगड़ गया। तभी से यूनियन कार्यकर्ता बुढ़ाना थाने पर धरना जमाये बैठे हैं। इस मामले को लेकर ही अब बड़े आंदोलन की तैयारी है। इससे पुलिस प्रशासन का सिरदर्द बढ़ गया है।
बैठक में भारतीय किसान यूनियन के मंडल महासचिव राजू अहलावत, नवीन राठी, जिला अध्यक्ष धीरज लाटियान, देव अहलावत, धर्मेंद्र मलिक, नीटू, अनुज बालियान, ओंकार सिंह, सुरेश पाल सहित कई बडे नेता उपस्थित रहे।
भाकियू की रोहाना इकाई भी आंदोलन को तैयार
मुजफ्फरनगर। भाकियू ने आईपीएल चीनी मिल के अधिकारियों को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर किसानों का बकाया भुगतान ब्याज सहित नही दिया और चीनी मिल का विस्तारीकरण नही हुआ तो भाकियू एथनॉल प्लांट में चल रहा निर्माण कार्य बंद करेगी। इसके साथ ही भाकियू हाईकमान के निर्देश पर किसानों ने 17 अगस्त के महासंग्राम की तैयारी भी शुरू कर दी है। किसानों की समस्याओं को लेकर भाकियू ने आरपार की लड़ाई का ऐलान किया है। रोहाना इकाई के पदाधिकारियों ने भी 17 अगस्त को आंदोलन की रूपरेखा बनायी। भाकियू नेता हजारो किसानों को साथ लेकर स्टेट-हाइवे जाम कर करेंगे और रोहाना चैकी सील की जायेगी। 17 अगस्त के आंदोलन को सफल बनाने में मुख्य रूप से संजीव भारद्वाज, सतीश भारद्वाज, मणिकांत भारद्वाज, दुष्यन्त त्यागी बहेडी, आशु मलिक, हेमन्त भारद्वाज, आशीष मलीरा, हसरत दीदाहेड़ी, सुशील बाननगर, चैधरी जितेंद्र मास्टर आदि सहित अन्य किसान जुटे हुए हैं।
भाकियू ने रोहाना क्षेत्र की समस्याओं को उठाते हुए कुछ प्रमुख मांग प्रशासन के सामने रखी हैं। जो निम्न प्रकार हैं....
1- रोहाना में स्टेट-हाइवे पर जिला पंचायत के गुंडों द्वारा चल रही अवैध वसूली तत्काल बन्द कराई जाये।
2- रोहाना क्षेत्र के बैंकों में दलालों द्वारा चल रहा भ्रष्टाचार तत्काल बन्द कराकर दलालों पर सख्त कार्यवाही कराई जाये।
3- रोहाना क्षेत्र में बड़े स्तर पर नशे का कारोबार फल-फूल रहा है। उच्चधिकारियों को कई बार शिकायत करने पर नही हुई कोई कार्यवाही।
4- रोहाना खुर्द गांव की हजारो बीघा जमीन पर तहशील कर्मचारी और चकबंदी अधिकारियों द्वारा भूमाफियाओं के कब्जे कराये गये।
5- रोहाना सहकारी गन्ना विकास समिति के भवन के साथ छेड़छाड़ करने वालो कि बजाई जायेगी ईट से ईट।
6- रोहाना क्षेत्र की जनता को पिछले कई महीनों से बिजली कटौती दस घंटो से अधिक नही मिल रही है। शीघ्र ही 18 घंटे आपूर्ति कराई जाये।
7- रोहाना क्षेत्र के समस्त गांव में तलाबों की सफाई, नालों की सफाई, धार्मिक स्थलों के रास्तों की सफाई, और शमशान घाट के रास्तों की सफाई अविलंब कराई जाये।