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शहीद प्रशांत के अंतिम संस्कार में पहुंची सरकार, चार मंत्रियों ने दी श्रद्धांजलि

हजारों नम आंखों ने तिरंगे के नीचे अपने जिले के इस शहीद को विदाई देते हुए भारत माता का जयघोष किया।

शहीद प्रशांत के अंतिम संस्कार में पहुंची सरकार, चार मंत्रियों ने दी श्रद्धांजलि
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मुजफ्फरनगर। जम्मू-कश्मीर के पुलवाला में आतंकी मुठभेड़ में तीन आतंकवादियों को ढेर करने के बाद शहीद हुए भारत मां के लाल सैन्य कर्मी प्रशांत शर्मा को आज आखिरी सलाम पेश करने के लिए पूरी सरकार श्मशान घाट पर नजर आयी। यहां केन्द्र और राज्य सरकार के चार मंत्रियों के साथ भाजपा विधायकों ने श्रद्धांजलि दी तो वहीं इस शहीद को अंतिम नमन करने के लिए डीएम व एसएसपी सहित विपक्षी दलों के नेताओं का भी हुजूम उमड़ा रहा। हजारों नम आंखों ने तिरंगे के नीचे अपने जिले के इस शहीद को विदाई देते हुए भारत माता का जयघोष किया। शामली रोड पर सवेरे भारी जनसैलाब शहीद प्रशांत के घर से नदी रोड स्थित श्मशान घाट तक कतारबद्ध नजर आया। राजकीय सम्मान के साथ शहीद प्रशांत शर्मा का अंतिम संस्कार किया गया। जब शहीद सिपाही के छोटे भाई ने उसकी चिता को मुखाग्नि दी तो माहौल बेहद गमगीन हो गया था। भाई और पिता की आंखों से आंसू थम नहीं रहे थे। यहां पहुंचे हर वर्ग ने इस क्षण गौरव का अनुभव किया।


शुक्रवार की रात दक्षिणी कश्मीर घाटी के पुलवामा जिले में सैन्यकर्मियों का एक दल आतंकियों के इनपुट पर सर्च आॅपरेशन में जुटा हुआ था। इस दल में जनपद के बुढ़ाना मोड निवासी रिटायर्ड फौजी शीशपाल का युवा पुत्र प्रशांत शर्मा भी शामिल था। घात लगाये आतंकियों ने अचानक ही इस दल पर हमला कर दिया। इसमें आतंकियों की गोलियां लगने के कारण प्रशांत शर्मा बुरी तरह से जख्मी हो गया, लेकिन जख्मी प्रशांत ने तब तक तीन आतंकियों को ढेर कर दिया था। इस मुठभेड़ में प्रशांत शर्मा शहीद हो गया। शनिवार के सुबह करीब साढ़े छह बजे कश्मीर से प्रशांत के घर सैन्य अधिकारी ने फोन किया और उसके पिता को मुठभेड़ के बारे में बताते हुए प्रशांत के शहीद होने की खबर दी तो परिवार में कोहराम मच गया। इस शहादत पर पूरे जिले मेें शोक और गम का वातावरण बन गया था। उसी समय से ही राज्य व केन्द्र सरकारों के मंत्रियों के साथ ही अन्य दलों के नेताओं और आम लोगों को शहीद के घर पहुंचने का सिलसिला बना हुआ था।


शनिवार की रात श्रीनगर से हवाई जहाज से शहीद प्रशांत शर्मा का पार्थिव शरीर गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर लाया गया और यहां से सड़क मार्ग से मेरठ कैंट पहुंचा। जहां से रविवार को सवेरे करीब सात बजे सेना की जाट रेजीमेंट के जवान अपने अफसर की निगरानी में शहीद प्रशांत का पार्थिव शरीर लेकर मुजफ्फरनगर पहुंचे, तो यहां काली नदी के पुल से ही हजारों लोगों की भीड़ ने इस शहीद का सलामी और श्रद्धांजलि के साथ स्वागत किया। यहां तिरंगा झण्डा लिये हजारों लोगों की भीड़ अंतिम यात्रा वाहन के पीछे पीछे भारत माता का जयघोष और शहीद प्रशांत के अमरत्व प्राप्त करने के नारे लगाते हुए दौड़ रही थी। इस शहीद के अंतिम दर्शन करने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा था। शहीद का शव घर ले जाया गया तो उसकी माता और पिता के साथ ही भाई व बहन भी बिलख पड़े। उनका रो रोकर बुरा हाल था।

यहां से शहीद की पार्थिव देह को काली नदी रोड स्थित श्मशान घाट पर ले जाया गया। यहां सेना की सलामी गार्द ने ब्रिगेडियर अर्जुन सिंह राठौर, कर्नल सतवीर सातवेंकर के नेतृत्व में गार्ड आॅफ आॅनर के साथ शहीद जवान को अंतिम विदाई दी। इसके साथ ही केन्द्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान, राज्य सरकार के गन्ना मंत्री सुरेश राणा, मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल, राजस्व राज्य मंत्री विजय कश्यप, विधायक उमेश मलिक, विधायक प्रमोद उटवाल, डीएम सेल्वा कुमारी जे., एसएसपी अभिषेक यादव, भाकियू अध्यक्ष चै. नरेश टिकैत, पूर्व मंत्री चै. योगराज सिंह, पूर्व विधायक अनिल कुमार, सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी, रालोद जिलाध्यक्ष अजीत राठी, सपा नेता राकेश शर्मा, कांगेस सेवादल जिलाध्यक्ष पंडित सतीश शर्मा, रईस अहमद सहित पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों व राजनेताओं ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए शहीद को श्रद्धांजलि दी।

पिता बोले-शहादत पर गर्व, छोटे बेटे को बनाऊंगा सैनिक


अपने युवा पुत्र प्रशांत शर्मा की शहादत पर गर्व करने वाले रिटायर्ड फौजी शीशपाल शर्मा ने कहा कि उनको प्रशांत की शहादत पर बहुत गर्व है, लेकिन दुख केवल यह है कि वह उसकी शादी नहीं देख पाये। परिवार प्रशांत की शादी की तैयारियों में जुटा हुआ था। उसके घर में मरम्मत का कार्य अब अधूरा रोक दिया गया है। प्रशांत की शादी मेरठ के गांव अरनावली में करीब तीन साल पहले तय की गयी थी। छह दिसम्बर की तारीख प्रशांत की शादी के लिए निकाली गई और दोनों परिवार तैयारी में जुट गये थे। प्रशांत की बड़ी बहन प्रियंका की शादी भी मेरठ जनपद में हुई है। जबकि उसका छोटा भाई निशांत अभी पढ़ रहा है। शीशपाल का कहना है कि वह अपने छोटे बेटे निशांत को भी सेना में भेजेंगे। उसकी तैयारी भी उसे करा रहे हैं।

पाकिस्तान के खिलाफ दिखा रोष, लगाये नारे, जमकर हुई पुष्प वर्षा


शहीद प्रशांत शर्मा की जम्मू कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहादत पर युवाओं में राष्ट्रवाद का जोश नजर आया। इस शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल सैंकड़ों युवाओं ने तिरंगा हाथों में लेकर जोशीले नारे लगाये। ये युवा प्रशांत के अमर होने का प्रमाण देते हुए जब तक सूरज चांद रहेगा, प्रशांत तेरा नाम रहेगा का नारा लगाते हुए चल रहे थे। इसके साथ ही इन युवाओं ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के भी जमकर नारे लगाये और कश्मीर में अशांति के लिए पडौसी मुल्क को जिम्मेदार ठहराया। इसके साथ ही अंतिम यात्रा के दौरान तिरंगे में लिपटी शहीद की पार्थिव देह पर महिला और पुरुषों ने जमकर फूलों की बारिश भी की। युवाओं ने प्रशांत की अंतिम यात्रा में 'ये देखो कौन आया, शेर आया, शेर आया' और इन्कलाब जिन्दाबाद का नारा लगाकर गमगीन माहौल को उसकी शहादत के गौरव भरे पल में बदलने का काम किया।

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