गौरव 5, राकेश 50 हजार से मान रहे जीत
मुजफ्फरनगर पालिका में कुर्सी की लड़ाई के बीच किस पर बरसेगी शनिदेव की कृपा, परिणाम पर सभी की लगी नजर
5.20 लाख आबादी वाली यूपी की सबसे बड़ी पालिका पर लवली शर्मा और मीनाक्षी स्वरूप के बीच कांटे की टक्कर
सबसे पहले आ सकता है भोकरहेडी, सिसौली नगर पंचायतों का चुनावी परिणाम, भाजपा पर प्रदर्शन दोहराने की चुनौती
मुजफ्फरनगर। अब जनपद में नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर सहित सभी दस निकायों के चुनावी परिणाम जनता के सामने आने वाले हैं। जिला प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के बीच निकाय चुनाव की मतगणना को लेकर काउंट डाउन शुरू कर दिया है। जनपद में दो पालिका और दस नगर पंचायतों में भाजपा के सामने अपना प्रदर्शन दोहराने के साथ ही दोनों पालिकाओं की सत्ता में अपनी वापसी की चुनौती के साथ ही एक दबाव भी रहेगा। मुजफ्फरनगर पालिका में दो बार से भाजपा लगातार हार का सामना कर रही है, हार की हैट्रिक रोकने का भी सवाल उठ रहा है तो वहीं यह चुनाव स्व. चितरंजन स्वरूप की सियासी विरासत को लेकर भी एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। उनके निधन के बाद उनके दो बेटे चुनाव लड़ चुके हैं और अब एक बहू स्वरूप परिवार की सियासी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव मैदान में उतरी हैं।
मुजफ्फरनगर पालिका की चेयरमैनी के लिए भाजपा से मीनाक्षी स्वरूप और सपा-रालोद गठबंधन से सपा प्रत्याशी लवली शर्मा के बीच ही मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। ऐसे में मतदान का प्रतिशत कम रहने के कारण यह मुकाबला टक्कर का माना जा रहा है। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी की जीत के लिए उनके पति गौरव स्वरूप का मनना है कि जीत तो सुनिश्चित है, लेकिन इस जीत का अंतर 5 से 7 हजार के बीच ही रहेगा, जबकि सपा नेता राकेश शर्मा अपनी एक तरफा जीत का दावा कर रहे हैं। उनका मानना है कि लवली शर्मा करीब 50 हजार मतों के अंतर से जीत दर्ज करने जा रही हैं। ऐसा ही आंकड़ा जिले की दूसरी निकायों के अध्यक्ष और सदस्यों पदों पर चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशी या उनके समर्थक कर रहे हैं।
नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर के चुनाव की बात करें तो इस बार सीमा विस्तार में 11 गांव कूकड़ा, सरवट, सूजडू, सहावली, मंधेडा, खान्जापुर, मीरापुर, वहलना, शाहबुद्दीनपुर, अलमासपुर और बीबीपुर जुड़ जाने के बाद बने इस नये शहर की आबादी 5.20 लाख से ज्यादा हो चुकी है। इस आबादी में मतदाताओं की संख्या जनपद की दो विधानसभाओं के बराबर करीब 421420 हो गई है। चार मई को हुए चुनाव में इस आबादी के कुल मतदाताओं में से 50.19 प्रतिशत वोटरों ने अपनी पसंद का चेयरमैन अपने अपने वार्ड का सभासद चुनने के लिए हरे और गुलाबी बैलेट पेपर पर नीली मुहर लगाकर वोट दिया है। मतदाताओं का यह निर्णय मतपेटियों में बंद हैं। मुजफ्फरनगर पालिका में अध्यक्ष पद की सीट इस बार भी सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुई, यह लगातार दूसरी बार है कि मतदाताओं ने महिला चेयरपर्सन चुनने के लिए वोट दिया है। इस पद के लिए कुल दस उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे। इनमें भाजपा से मीनाक्षी स्वरूप पत्नी गौरव स्वरूप, सपा प्रत्याशी के रूप में लवली शर्मा पत्नी राकेश शर्मा, कांग्रेस से बिलकीस चैधरी पत्नी हाकम चंद एडवोकेट, बसपा से रोशन जहां पत्नी इंतजार त्यागी और एआईएमआईएम से छोटी पत्नी गुलबहार मलिक मुख्य रूप से शामिल हैं। यहां मतदान के रूझान के बाद भाजपा की मीनाक्षी स्वरूप और सपा की लवली शर्मा के बीच ही मुख्य मुकाबला बना नजर आया है। मतदान प्रतिशत कम रहने के कारण दोनों के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। अब चूंकि फैसले का दिन नजदीक आ चुका है और मतगणना का काउंट डाउन भी शुरू हो गया है, ऐसे में जीत और हार को लेकर कोई स्पष्ट रूझान सामने नहीं आ पा रहा है। सभी राजनीतिक पंडितों का मानना है कि मुकाबला घस्सम-घस्सा वाला रहेगा। वहीं सपा प्रत्याशी के पति राकेश शर्मा का दावा है कि उनको मुस्लिम-ब्राह्मण समीकरण में अच्छा वोट मिला है, इसके साथ ही सर्वसमाज ने भी उनको वोट दिया है। उनका दावा है कि इस चुनाव में उनकी पत्नी लवली शर्मा की एक तरफा जीत होगी और वो करीब 50 हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीतकर आ रही हैं। जबकि अपनी पत्नी की जीत के प्रति शत प्रतिशत आशा व्यक्त कर रहे भाजपा नेता गौरव स्वरूप मतदान प्रतिशत कम होने के कारण मुकाबले को तगड़ी फाइट बता रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि पार्टी कहीं भी कमजोर नहीं लड़ी है। वो कहते हैं कि उनकी पत्नी मीनाक्षी स्वरूप की जीत पक्की है, लेकिन जीत का मार्जिन कम रहेगा। उनका दावा है कि मीनाक्षी स्वरूप करीब 5 से 7 हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीतेंगी। दोनों ही पक्ष अपनी अपनी जीत और अपने आंकड़े अब नये सिरे से दुरुस्त करने के साथ ही मतगणना टेबिलों पर मजबूत टीम उतारने की अंतिम तैयारी कर चुके हैं। ऐसे में सपा और भाजपा प्रत्याशियों के इस मुकाबले में बसपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के प्रभाव पर भी सभी की नजर रहेगी। यहां तक एआईएमआईएम की पतंग कितने जोर से पेंच लड़ी, इस बात पर भी जीत और हार के आंकड़े का उलटफेर हो सकता है।
वहीं मुजफ्फरनगर के साथ ही खतौली पालिका में भी अपनी सत्ता को वापस पाना भाजपा के लिए चुनौती बना हुआ है। मुजफ्फरनगर पालिका में भाजपा लगातार दो चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी के हाथों पराजित हो रही है। यह भाजपा की हार की हैट्रिक को रोने की चुनौती वाला चुनाव है। वहीं नगर पंचायतों में भी भाजपा को अपना प्रदर्शन कायम रखने की चुनौती पेश आ रही है। मतगणना की बात करें तो सिसौली और भोकरहेडी नगर पंचायतों का परिणाम सबसे पहले आ सकता है, क्योंकि इनमें मतदाता संख्या कम होने के कारण वोटिंग भी कम ही हुई है। इसके साथ ही सपा के वजूद को भी यह चुनाव साबित करेगा। खासकर बुढ़ाना नगर पंचायत के चुनाव परिणाम पर सभी की नजरें लगी हैं। यहां पर सपा नेता प्रमोद त्यागी की भाभी अध्यक्ष पद पर चुनाव मैदान में उतरीं हैं। जानसठ और शाहपुर में भाजपा पर सीट बचाने का दबाव है। अब जनता की निगाह पूरी तरह से 13 मई के दिन पर लगी है।