आईपीएस अभिषेक-सतपाल के साहस को सरकार का सलाम
हरियाणा राज्य से ताल्लुक रखने वाले आईपीएस अभिषेक यादव और उनके जूनियर अफसर आईपीएस सतपाल अंतिल ने मुजफ्फरनगर जनपद में तैनाती के दौरान साहस, सेवा और समर्पण का बेजोड़ प्रदर्शन किया है। रोहित सांडू का एनकाउंटर हो या सीएए का बवाली प्रदर्शन, दोनों ही अफसरों ने अदम्स साहस और आत्मविश्वास का प्रदर्शन कर खाकी के प्रति जनविश्वास को पुख्ता करने का काम किया, जिसका ईनाम उनको स्वतंत्रता दिवस पर मिलने जा रहा है।
मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर का यह सौभाग्य रहा है कि यहां पर डीएम और एसएसपी के साथ ही अन्य आला पदों पर बेहतर कार्यप्रणाली रखने वाले अफसर मिले हैं। आज कलेक्टर और कप्तान का समन्वय इस जनपद में शांति और कानून व्यवस्था को लेकर जो सार्थक और सकारात्मक परिणाम दे रहा है, वह किसी से छिपा नहीं है। पुलिस की बात करें तो यहां पर कप्तान अभिषेक यादव के साथ ही उनके जूनियर एसपी सिटी आईपीएस सतपाल अंतिल की जुगलबंदी ने नशाबंदी, अवैध शराबबंदी और अपराधबंदी को लागू कराते हुए बड़े-बड़े माफियाओं की मूंछ के तांव को हल्का करने का काम किया है। आज इन दोनों अफसरों के साहस को सरकार ने भी सलाम भेजा है। आईपीएस अभिषेक यादव और आईपीएस सतपाल अंतिल को केन्द्र सरकार की ओर से गैलेंट्री अवार्ड के लिए चुना गया है, यह अवार्ड दोनों अफसरों को स्वतंत्रता दिवस यानि 15 अगस्त 2020 को प्रदान किया जायेगा।
जनपद मुजफ्फरनगर में पुलिस कप्तान के रूप में 2012 बैच के आईपीएस अफसर अभिषेक यादव ने 2 जुलाई 2019 को चार्ज संभाला था। मूल रूप से हरियाणा राज्य के गुरूग्राम के महेन्द्रगढ़ के निवासी अभिषेक यादव ने यूं तो अपने करियर की शुरूआत आयकर अधिकारी के रूप में की थी, लेकिन वह आराम की नौकरी के बजाये कुछ चैलेंजिंग करने का मन होने के कारण इस नौकरी से संतुष्ट नहीं थे। इसलिए ही उन्होंने सिविल सर्विस का रास्ता चुना और इसे ब्रेक करते हुए आईपीएस बने। आगरा में एसपी जीआरपी के पद के बाद उनको मुजफ्फरनगर भेजा गया। यहां उनका यह एक वर्ष का कार्यकाल पूरी तरह से चैलंेजिंग ही रहा।
इसी प्रकार जनपद में एसपी सिटी के पद पर तैनात 2015 बैच के आईपीएस अफसर सतपाल अंतिल का ताल्लुक भी अपने कप्तान के गृह राज्य हरियाणा से ही है। सोनीपत जनपद के निवासी सतपाल मनोविज्ञान में महारथ रखते हैं। इसी विषय से पहले बेचलर बने और फिर मास्टर डिग्री हासिल की। यही कारण है कि वह अपराधियों का दिमाग भली प्रकार पढ़कर उनको उन्हीं के अंदाज में जवाब देने का हौसला भी रखते हैं। वह अंडर ट्रेनी अफसर के रूप में आजमगढ़ में तैनात रहे। इसके बाद 26 दिसंबर 2017 को मेरठ में तैनात हुए सतपाल अंतिल ने क्राईम कंट्रोल में अपनी सूझबूझ से एडीजी रहे प्रशांत कुमार को खूब प्रभावित किया। मेरठ में आईपीएस सतपाल अंतिल केंट सीओ, सीओ क्राइम और सीओ लाइन के पद पर तैनात रहे।
यहां उनको एएसपी बनाया गया। इसके बाद 16 फरवरी 2019 को वह मुजफ्फरनगर में एसपी सिटी बनाये गये। यहां उन्होंने रोहित सांडू प्रकरण में गजब की कार्यशैली का प्रदर्शन किया और 14 दिनों में रोहित सांडू को मुठभेड़ में ाना, खतौली गंगनहर में हरियाणा के तीन युवकों की कार सहित डूबकर मरने की घटना का सनसनीखेज खुलासा करना हो या फिर आठ साल के मासूम बच्चे को आठ घंटे में बरामद कराने जैसा सराहनीय कार्य, ऐसे ना जाने कितने जौहर सतपाल अंतिम कप्तान अभिषेक के मार्गदर्शन में कर चुके हैं। जिले में तैनात इस आईपीएस युवा जोड़ी की जुगलबंदी का ही असर रहा था कि सीएए पर बवाल को भयंकर बनाने से पुलिस ने रोक दिया गया। अब इन दोनों के अदम्य साहस को सरकारों ने भी अपना सलाम भेजा है। आईपीएस अभिषेक यादव और आईपीएस सतपाल अंतिल को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पुलिस मेडल आॅफ गैलेंट्री प्रदान किया जायेगा। इसके अलावा एसएसपी को डीजीपी प्रशंसा चिन्ह गोल्ड भी प्रदान किया गया है।
उत्तर प्रदेश से 23 पुलिस कर्मियों को गैलेंट्री अवार्ड, 6 को राष्ट्रपति अवार्ड व 4 पुलिस कर्मियों को उत्कृष्ट कार्यो के लिए सम्मान दिया जाएगा। एडीजी लाॅ एंड आर्डर प्रशांत कुमार को पुलिस मैडल गैलेंट्री से सम्मानित किया जाएगा।