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25 साल बाद मुजफ्फरनगर में हरेन्द्र ने रोकी भाजपा की हैट्रिक

सपा महासचिव हरेन्द्र मलिक ने दो बार के सांसद संजीव बालियान को 24672 से ज्यादा मतों के अंतर से किया पराजित

25 साल बाद मुजफ्फरनगर में हरेन्द्र ने रोकी भाजपा की हैट्रिक
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1999 में भाजपा प्रत्याशी सोहनवीर सिंह भी अपनी हैट्रिक जीत से चूके थे, अब संजीव बालियान भी नहीं लगा पाये अपनी जीत की हैट्रिक

मुजफ्फरनगर। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मुजफ्फरनगर सीट का परिणाम मंगलवार को सामने आ चुका है। ये पूरी तरह से जनता के बीच बनी चर्चाओं के अनुरूप ही रहा है। यहां पर दो बार से सांसद संजीव बालियान को सपा महासचिव और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी हरेन्द्र मलिक ने करारी शिकस्त देने का काम किया है। हरेन्द्र मलिक ने इस जीत के साथ 25 साल पूरा इतिहास दोहराने का काम किया है। 1999 में उन्होंने सपा के ही टिकट पर लड़कर भाजपा के प्रत्याशी सोहनवीर सिंह को जीत की हैट्रिक लगाने से रोकने में अहम भूमिका निभाई थी, आज 25 साल बाद वो फिर से भाजपा प्रत्याशी की जीत की हैट्रिक रोकने में न केवल सफल हुए बल्कि अपने 50 साल के राजनीतिक जीवन में उनको जनता ने सियासी संजीवनी देने का काम किया है। इस चुनाव में हरेन्द्र मलिक ने भाजपा के संजीव बालियान को करीब 26 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से पराजित किया है। इस जीत के बाद भाजपा को करारी शिकस्त के साथ तगड़ा झटका भी लगा।

शहर के कूकड़ा मंडी स्थल पर मंगलवार को सवेरे कड़ी सुरक्षा के बीच जिले की सभी छह विधानसभा सीटों पर 19 अपै्रल को हुए मतदान के लिए मतगणना सम्पन्न कराई गई। यहां पर मुजफ्फरनगर और बिजनौर संसदीय सीटों में विभाजित खतौली, चरथावल, मुजफ्फरनगर और बुढ़ाना तथा बिजनौर सीट के लिए पुरकाजी और मीरापुर की मतगणना हुई। मुजफ्फरनगर संसदीय सीट पर सपा के हरेन्द्र मलिक और भाजपा के प्रत्याशी संजीव बालियान के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिला, लेकिन शुरूआती दो चरणों में बढ़त बनाने वाले संजीव बालियान अंतिम परिणाम तक विजयी आंकड़ा जुटाने के लिए संघर्ष ही करते रहे। इस चुनाव में बसपा प्रत्याशी दारा सिंह प्रजापति ने भाजपा की हार और हरेन्द्र मलिक की जीत के लिए बड़ी भूमिका निभाई है। इसके साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी सुनील त्यागी भी भाजपा के लिए वोट कटुवा साबित हुआ हैं।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मुजफ्फरनगर कूकड़ा मंड़ी में मतगणना प्रारम्भ हुई। सवेरे आठ बजे पोस्टल बैलेट की गिनती को शुरू कराया गया और इसके बाद करीब साढ़े आठ बजे ईवीएम के वोटों की गणना को प्रारम्भ कराया गया। ईवीएम के वोटों की शेयरिंग में भाजपा पिछड़ती ही चली गई। मुजफ्फरनगर सीट पर 19 अपै्रल को 1816284 में से 1074608 मत डाले गये थे। इनमें करीब 4600 पोस्टल वोट अलग हैं। आज ईवीएम की मतगणना में भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा और वो अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के हरेन्द्र मलिक के मुकाबले 25989 वोटों के अंतर से अपना तीसरा चुनाव हारे हैं। इस हार के साथ ही संजीव बालियान का अपनी जीत की हैट्रिक लगाना का सपना भी पूरा नहीं हो पाया है। 25 साल के बाद भाजपा प्रत्याशी के सामने जीत की हैट्रिक का चांस आया था। इससे पहले 1999 में भाजपा प्रत्याशी सोहनवीर सिंह भी तीसरी बार चुनाव मैदान में उतरे थे। इस चुनाव में जनपद के 1217407 मतदाताओं में से 56.80 यानि 691547 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसमें सईदुज्जमा ने इस चुनाव 196669 वोट प्राप्त किये और कांग्रेस रालोद गठबंधन में वो जीत गये थे। यह उनकी अप्रत्याशित जीत रही। दूसरे नम्बर पर रहे भाजपा के सोहनवीर सिंह को 170918 वोट मिले थे। जबकि बसपा के राजपाल सैनी 163721 मत प्राप्त कर तीसरे और सपा के हरेन्द्र मलिक 112499 वोट लेकर चौथे स्थान पर रहे थे। बसपा और सपा प्रत्याशियों ने उस चुनाव में तो 2024 में बसपा प्रत्याशी दारा सिंह ने भाजपा प्रत्याशी से जीत की हैट्रिक का अवसर छीनने का काम किया है।

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट के परिणाम में सपा के हरेन्द्र मलिक को 469804 और भाजपा के संजीव बालियान को 443815 मत प्राप्त हुए। हरेन्द्र सिंह ने 25989 मतों के अंतर से जीत दर्ज की, जबकि इसमें पोस्टल वोट शामिल नहीं हैं। पोस्टल वोट जुड़ने के बाद करीब 26 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से भाजपा यह चुनाव हारी है। बसपा के दारा सिंह प्रजापति ने उम्मीद से ज्यादा वोट लिये हैं। उनको 143323 मत मिले, जबकि भाजपा के विरोध के कारण निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने वाले सुनील त्यागी ने भी 7131 वोट लेकर भाजपा की हार में मुख्य भूमिका निभाने का काम किया है। जीतने के बाद हरेन्द्र मलिक ने कहा कि यह जनता और सत्ता का चुनाव है, इसलिए वो नहीं बल्कि जनता एक तानाशाह सत्ता के खिलाफ जीती है। अब जिले में भाईचारे को तोड़ने वाले बर्दाश्त नहीं किये जायेंगे।

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