खुब्बापुर प्रकरणः पीड़ित छात्र का शारदेन स्कूल में हुआ दाखिला
लखनऊ से आये अफसरों की टीम ने स्कूल पहुंचकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कराया पालन, कक्षा दो में पढ़ेगा छात्र

लखनऊ से आये अफसरों की टीम ने स्कूल पहुंचकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कराया पालन, कक्षा दो में पढ़ेगा छात्रखुब्बापुर थप्पड़ कांड के मामले में पीड़ित छात्र के भविष्य को लेकर शनिवार को एक सुखद खबर सामने आई। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बच्चे का दाखिला जिले के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में शामिल शारदेन स्कूल में करा दिया गया है। बच्चे का दाखिला स्कूल में कराये जाने को लेकर काफी दिनों से जद्दोजहद चल रही थी। बच्चे और उसके अभिभावकों को स्कूल द्वारा दाखिला कराये जाने के लिए दस्तावेज पूरे नहीं होने के नाम पर चक्कर कटवाये जा रहे थे।
इसी को लेकर शुक्रवार को भी खूब ड्रामा चला। बीएसए ने विद्यालय को नोटिस भी जारी किया और शनिवार को लखनऊ से आई वरिष्ठ अफसरों की टीम के साथ बीएसए विद्यालय पहुुंचे तथा बच्चे का उसके आयु वर्ग के अनुसार कक्षा दो में दाखिला करा दिया गया। विद्यालय प्रबंधन का कहना है कि दस्तावेज आज ही पूरे हुए और हमने दाखिला दे दिया है। सोमवार से बच्चा विद्यालय को ज्वाइन करेगा।
बता दें कि मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव खुब्बापुर के नेहा पब्लिक स्कूल में शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने पांच का पहाड़ा नहीं सुनाने पर अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र की सहपाठियों से पिटाई करा दी थी। इसी दौरान जातीय टिप्पणी का भी आरोप उन पर है। प्रकरण के दौरान पीड़ित छात्र के चचेरे भाई ने वीडियो बना लिया। वीडियो के वायरल होते ही प्रतिक्रियाएं आने लगीं और शिक्षिका को गिरफ्तार करने की मांग उठने लगी। आरोपी शिक्षिका पर एफआईआर दर्ज हो गई। यह प्रकरण पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय सुर्खियों में आ गया था। इस मामले में पीड़ित छात्र के भविष्य को देखते हुए महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, सुप्रीम कोर्ट ने बच्चे की शिक्षा का प्रबंध करने के आदेश राज्य की सरकार को दिये थे, इसके बाद से ही बच्चे का दाखिला कराये जाने के प्रयास शुरू हुए, लेकिन उसका दाखिला नहीं हो पा रहा था। इस याचिका पर अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद पीड़ित छात्र का दाखिला कराने के लिए बीएसए शुभम शुक्ला ने मेरठ रोड स्थित सीबीएसई से सम्ब( शारदेन स्कूल में प्रक्रिया शुरू कराई थी। लगातार प्रयास किये जा रहे थे, शुक्रवार को भी बच्चे के पिता इरशाद और बीएसए विद्यालय पहुंचे थे, लेकिन प्रवेश की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। पीड़ित छात्र के पिता का कहना था कि स्कूल ने छात्र के कोविड वैक्सीनेशन का प्रमाणपत्र, टीसी, जाति प्रमाणपत्र, आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेजों की मांग की थी। केवल वैक्सीनेशन प्रमाणपत्र के अभाव में दाखिला नहीं दिए जाने का आरोप है। शुक्रवार को लखनऊ से अधिकारियों ने बीएसए शुभम शुक्ला से बात की और प्रवेश के विषय में पूछा। इसके बाद बीएसए शारदेन स्कूल पहुंचे। उन्होंने विद्यालय को तत्काल प्रभाव से दाखिला किए जाने के निर्देश दिए। बीएसए ने दाखिला नहीं देने पर स्कूल को नोटिस दे दिया था और रिपोर्ट शासन को भेज दी थी।
शनिवार को सवेरे लखनऊ से ज्वाइंट डायरेक्टर बेसिक शिक्षा राजेन्द्र प्रसाद और राज्य कार्यालय परियोजना ;समग्र शिक्षाद्ध से विशेषज्ञ गुरविन्दर सिंह मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने बीएसए शुभम शुक्ला से उनके कार्यालय में पीड़ित छात्र के प्रवेश को लेकर पूरी जानकारी ली और बीएसए को साथ लेकर शारदेन स्कूल पहुंचे, जहां टीम के अफसरों ने विद्यालय की प्रधानाचार्या धारा रतन और प्रबंधक विश्व रतन से मुलाकात की। बच्चे के पिता इरशाद को भी विद्यालय में बुलाया गया। विद्यालय में दस्तावेज पूरे कराये गये और इसके बाद बच्चे को उसके आयु वर्ग के अनुसार कक्षा दो में शारदेन स्कूल में प्रवेश दे दिया गया। बताया गया कि बच्चे को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधान के अन्तर्गत शारदेन स्कूल में प्रवेश दिया गया है। इससे 14 साल की आयु तक वह शारदेन स्कूल में आरटीई के तहत निःशुल्क शिक्षा हासिल कर पायेगा।