महाराणा प्रताप मूर्ति प्रकरण-65 लोग मुचलका पाबंद
सोशल मीडिया पर सभासद की टिप्पणी के बाद प्रशासन का बड़ा एक्शन, पालिका बोर्ड मीटिंग में ईदगाह के पास मूर्ति लगाने का हो चुका है प्रस्ताव, शांति भंग की आशंका में हुई कार्यवाही, सपा नेता, सभासद और समाजसेवी पर भी कार्यवाही
मुजफ्फरनगर। शहर में शामली रोड पर महापुरुष महाराणा प्रताप की मूर्ति लगाये जाने के नगर पालिका परिषद् के प्रस्ताव को लेकर लगातार नये विवाद सामने आ रहे हैं। एक सभासद द्वारा पिछले दिनों सोशल मीडिया पर महाराणा प्रताप मूर्ति स्थापित करने के विरोध में सामने आई महिला सभासद को लेकर की गयी टिप्पणी पर जिला प्रशासन ने बेहद गंभीर संज्ञान लिया और दोनों समुदायों के 65 लोगों को शांति भंग की आशंका के अन्तर्गत मुचलका पाबंद कर दिया गया है। इनमें भाजपा के भी कई सभासद शामिल हैं, सपा नेताओं के साथ ही समाजसेवी कार्यकर्ता और कई ऐसे लोग भी हैं, जिनका महाराणा प्रताप की मूर्ति लगाये जाने को लेकर विरोध या समर्थन से कोई वास्ता मतलब ही नहीं है। ऐसे में अब इन लोगों को जमानत कराने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बता दें कि 7 अक्टूबर को नगरपालिका परिषद् की बोर्ड मीटिंग में रखे गये एजेंडे के प्रस्ताव संख्या 354 के अन्तर्गत शामली रोड पर ईदगाह के पास तिराहे पर महाराणा प्रताप की मूर्ति लगाये जाने को लेकर काफी विवाद हुआ था। बाद में यह प्रस्ताव बहुमत के आधार पर पारित हुआ। इसके पक्ष में 26 और विपक्ष में 17 सभासद खड़े नजर आये। प्रस्ताव पारित होने के बाद से ही इस मामले को लेकर जिले में साम्प्रदायिक गरमाहट महसूस की जा रही है। इसको लेकर खुफिया विभाग की रिपोर्ट में भी बवाल की आशंका से इंकार नहीं किया गया। यह मामला लगातार ही प्रशासन की मानीटरिंग में बना हुआ है। पिछले दिनों महाराणा प्रताप की मूर्ति के लिए बोर्ड मीटिंग में मुस्लिम सभासदों के साथ विरोध करने वाली एक सभासद को लेकर दूसरे सभासद ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी कर डाली। इस मामले को जिला प्रशासन ने बेहद गंभीरता से लिया। इस टिप्पणी के साथ ही मामले की संवेदनशीलता को भांपते हुए पुलिसिया रिपोर्ट के आधार पर सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह के कार्यालय से दोनों समुदायों के 65 लोगों को शांति भंग की आशंका को देखते हुए मुचलका पाबंद किया गया है। इसमें कई भाजपा के सभासद भी शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय से प्रथम पक्ष के रूप में कुल 33 लोगों को मुचलका पाबंद किया गया है। इनमें भाजपा सभासद राजीव शर्मा, हनी पाल, अमित उर्फ बाॅबी, मनोज वर्मा के अलावा सभासद प्रवीण कुमार पीटर, प्रशांत चौधरी, मोहित मलिक, गुड्डू उर्फ सलेक मलिक, रकम सिंह, राहुल भारद्वाज, पूर्व सभासद योगेश मित्तल, सुनील मित्तल, रूपेश चन्द्रवीर, अशोक शर्मा, नन्दू प्रेमपुरी, योगेश अग्रवाल, अनिल सिंह, कंवरपाल वर्मा, मोहन वर्मा, लाला शर्मा, मोनू रेता, भूरा रेता, विक्की बंसल, सतेन्द्र, रजत कुमार, सुलभ वर्मा, गौरव, दुलारी मित्तल, हिमांशु उर्फ गुल्ली जैन, अक्षय चौहान काला और शिब्बू उर्फ शिवकुमार के नाम शामिल हैं।
इसके अलावा द्वितीय पक्ष के रूप में सभासद अब्दुल सत्तार, नौशाद कुरैशी, सरफराज काला, सरफराज रहमतनगर, उमर एडवोकेट, अहमद अली, नदीम खां, पूनम शर्मा, गय्यूर गाडा, मोबनी, तसलीम उर्फ तस्सु, शहजाद उर्फ खन्ना, सेकुलर फ्रंट के गौहर सिद्दीकी, भूरा कुरैशी, सपा नेता अंसार आढती, अनीस आढती, अकबर आढती, हसनी, दानिश, आसिफ उर्फ चिकना, नईम चम्बल, आसिफ उर्फ कांचू, राहुल मुमत्याज, सादिक, अनस, राशिद, मोसीन, टोनी, मुन्ना, दानिस और शहजाद चीकू को भी मुचलका पाबंद किया गया है। इनमें कई लोग ऐसे भी हैं जिनका महाराणा प्रताप की मूर्ति के मामले में विरोध या समर्थन से कोई लेना देना नहीं है। इसके बाद भी उनको शांति भंग में मुचलका पाबंद होने के कारण सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट से जमानत कराने के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है।
महाराणा प्रताप मूर्ति प्रकरण को लेकर की गयी कार्यवाही पर सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह का कहना है कि इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है। यह कुछ दिन पुराना मामला है। यदि संबंधित थाना पुलिस के द्वारा शांति भंग की दृष्टिगत धारा 107-16 में कुछ लोगों के खिलाफ कार्यालय को चालानी रिपोर्ट भेजी है तो इसके लिए मुचलका पाबंद किया गया होगा, कितने लोग मुचलका पाबंद हुए हैं और कितने लोगों ने इसमें अपनी जमानत करायी है, इसकी सही जानकारी अभी मुझे नहीं है।
विवाद नहीं चाहते दोनों पक्षों के लोग
मुजफ्फरनगर। शहर में नगरपालिका परिषद् के द्वारा अमर शहीद और महापुरुष महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापित कराने के मामले में दोनों ही पक्षों के लोग कोई विवाद नहीं चाहते हैं। वार्ड 50 के सभासद अब्दुल सत्तार का कहना है कि महाराणा प्रताप हमारे देश के शूरवीर यो(ा थे, उनका पूरे देशवासी सम्मान करते हैं। उनकी प्रतिमा शहर में लगाये जाने पर हमें कोई आपत्ति नहीं है। उनका स्मारक शहर में किसी बड़े स्थान पर लगाने के लिए हमने अपनी बात बोर्ड मीटिंग में रखी थी। हमारा किसी तरह का कोई मनमुटाव नहीं है ना कोई लड़ाई झगड़ा है। ईदगाह प्रार्थना स्थल है। यहां पर मूर्ति सही नहीं रहेगी, यही बात हमने प्रशासन तक पहुंचायी है। बाकी शासन प्रशासन का जो आदेश होगा हमें मान्य है। वहीं सभासद प्रवीण पीटर का कहना है कि स्थान को लेकर कोई विवाद नहीं है। शहर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा होनी चाहिए, यही हम चाहते हैं। इसके लिए प्रशासन कोई भी स्थान तय कर सकता है। हमारा कोई विवाद नहीं है। उनका कहना है कि इसमें पुलिस प्रशासन ने मुचलका पाबंद किया है, हम अपनी जमानत करा रहे हैं।