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अहंकार के आकाश से उतर हकीकत देखें मोदीः अनिल कुमार

पूर्व विधायक बोले-किसान आंदोलन पूरे देश का संघर्ष है, जनाक्रोश का माखौल उड़ा रही भाजपा, कहा-250 किसानों की मौत पर देश के राजा के पास संवेदना के लिए एक मिनट, एक शब्द भी नहीं

अहंकार के आकाश से उतर हकीकत देखें मोदीः अनिल कुमार
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मुजफ्फरनगर। किसान आंदोलन को लेकर केन्द्र सरकार और भाजपा के प्रति किसान पंचायतों में जो रोष नजर आ रहा है, उसको लेकर भाजपा भी अपनी प्लानिंग कर रही है। ऐसे में विपक्षी नेताओं ने अब सरकार पर अहंकारी और गूंगी-बहरी व अंधी होने के आरोप लगाने शुरू कर दिये हैं। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पुरकाजी सीट से विधायक रहे अनिल कुमार ने भी भाजपा की नीतियों के खिलाफ आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि एक राजा को राजा की भांति ही व्यवहार करना चाहिए। सभी प्रजा एक समान है, लेकिन केन्द्र सरकार अहंकार में चूर है। किसी की पीड़ा नजर नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अहंकार के आकाश से नीचे उतरकर धरातल पर हकीकत को देखना चाहिए। अपने मन की बात करने वाले पीएम मोदी को कभी किसानों के मन की पीड़ा भी सुनने के लिए संवेदनशील होना चाहिए।

पूर्व विधायक अनिल कुमार ने कहा कि देश का किसान जब जब भी आंदोलित हुआ है, सत्ता की ताकत को झुकना पड़ा है। गुलाम भारत से लेकर आजाद भारत तक किसानों ने एकजुटता के साथ अनेक लड़ाईयां लड़ी हैं। किसानों से ही इस देश की पहचान है। आज पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसी सरकार ने सड़कों पर मरते किसानों की सुध लेना तो दूर, उनके प्रति संवेदना का एक शब्द भी नहीं कहा। पीएम नरेन्द्र मोदी अपने मन की बात जनता से करते आ रहे हैं, लेकिन कभी उन्होंने देश की जनता के मन को समझने का काम नहीं किया है।


भाजपा के लोग किसानों के इस आंदोलन को आतंकवादियों, माओवादियों और खालिस्तानियों के साथ ही कुछ क्षेत्र के लोगों का आंदोलन बताकर अन्नदाता का माखौल उड़ा रहे हैं, लेकिन सरकार खामोश है। किसान अपनी फसलों को, अपनी जमीन को बचाने के लिए दिन रात तीन महीनों से ज्यादा समय से संघर्ष कर रहा है। करीब 250 लोगों की मौत सड़कों पर इस आंदोलन में हो चुकी है, लेकिन देश का राजा होने के नाते, प्रजा का पहरेदार होने के नाते पीएम मोदी ने एक मिनट भी शोक नहीं जताया, एक शब्द इन किसानों के प्रति नहीं कहा है।

पूर्व विधायक अनिल कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार को जिद छोड़कर किसानों की बातों को मानना चाहिए। सरकार यह कहकर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती कि यह केवल एक क्षेत्र का आंदोलन है। किसान आंदोलन आज राष्ट्रव्यापी संघर्ष बन चुका है। भले ही भाजपा के लोगों को सत्ता के नशे में जनता का आक्रोश नहीं दिखाई दे रहा हो, लेकिन वोट के समय इनको जनता सबक सिखाने का काम करेगी। किसानों की पीड़ा को इस सरकार को महसूस करना चाहिए। पूंजीपतियों के लाड में जनता को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। तानाशाही कुछ ही दिनों तक चल पाती है। उन्होंने कहा कि सपा ने हमेशा ही किसानों और मजदूरों के हितों की लड़ाई लड़ी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले ही दिन से किसानों की इस लड़ाई का समर्थन किया है। यह पहली बार हो रहा है कि देश और प्रदेश में लाठीतंत्र के आगे लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया जा रहा है। विपक्ष को मुकदमों का भय दिखाकर दबाया जा रहा है। किसान नेताओं को ब्लैकमेलर बताया गया है। यह किसानों का अपमान है, भाजपा के लोग किसानों के इस आंदोलन को भी जातिगत संघर्ष और हिन्दू-मुस्लिम के झगड़ों तक पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा पूरी ताकत के साथ किसानों के साथ खड़ी है।

सन्त रविदास ने सामाजिक गैर बराबरी को मिटाया

मुजफ्फरनगर। प्रत्येक वर्ष की भांति शोभायात्रा निकाली गई। इस अवसर पर महान सन्त शिरोमणि गुरु रविदास की शोभायात्रा का टाउनहाल से शुभारंभ पूर्व विधायक वरिष्ठ सपा नेता अनिल कुमार ने किया। उन्होंने गुरु रविदास के चरणों में करते हुए कहा कि आज जिस प्रकार हमारे देश में सामाजिक परिवेश सामने है, ऐसे समय रविदास की मानवतावादी विचारधारा पर चलने की आवश्यकता है। सन्त रविदास ने हमेशा ही कर्म को महत्व दिया। साथ ही साथ समाज मे उपजी गैरबराबरी की कुरीति को अपने प्रेरक वचनों से खत्म करने का काम किया। कार्यक्रम में मेरी साथ समाजवादी के वरिष्ठ नेता गौरव स्वरूप, राकेश शर्मा, शलभ गुप्ता, जोनी आर्य, वीरेन्द्र जागहेड़ी, सावन कुमार एडवोकेट, संजीव लाम्बा, वीरेन्द्र कल्लरपुर, गौरव कुमार मौजूद रहे। पूर्व विधायक अनिल कुमार ने पुरकाजी विधान सभा क्षेत्र के गाँव सरवट, पचेन्डा कलाँ, बेहड़ी, सादपुर, हरिनगर झबरपुर, सुभाषनगर, बचन सिंह कालोनी, छपार, गोधना आदि गाँवों मेें जाकर सन्त रविदास जयंती समारोह कार्यक्रमों में शामिल होकर लोगों को सन्त शिरोमणि रविदास की विचारधारा को अपनाने का आह्नान किया।

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