मुजफ्फरनगर ईओ विनय त्रिपाठी सस्पेंड
उद्यान विभाग की दीवार को तोड़ने के मामले में जिलाधिकारी की संस्तुति पर हुई पहली बड़ी कार्यवाही। डीएम ने जांच के उपरांत शासन को भेजी थी रिपोर्ट। ईओ सहित 60 अज्ञात पर दर्ज है कोतवाली में एफआईआर।
मुजफ्फरनगर। शहर के कंपनी बाग की भूमि पर स्थित उद्यान विभाग की दीवार को तोड़ने के प्रकरण में पहली बड़ी कार्यवाही की गयी है। इस मामले में शासन ने नगरपालिका परिषद् के ईओ विनय कुमार मणि त्रिपाठी को सस्पेंड कर दिया है। इस मामले में जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने जांच कराने के बाद शासन को रिपोर्ट भेजी थी, तभी से यह माना जा रहा था कि जल्द ही इस प्रकरण में गंभीर कार्यवाही हो सकती है। पहले ही उद्यान विभाग की दीवार तोड़ने के मामले में डीएम की स्वीकृति के बाद उद्यान अधिकारी द्वारा ईओ व 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई हुई है। इस कार्यवाही से पालिका में भारी हलचल है।
ज्ञात रहे कि 7 अक्टूबर को आयोजित की गयी नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर की बोर्ड मीटिंग में सभासद राजीव शर्मा, प्रवीण पीटर आदि ने कंपनी बाग की 46 बीघा भूमि पर उद्यान विभाग द्वारा अवैध कब्जे करते हुए दीवार बनाने के आरोप लगाकर भूमि मुक्त कराने का प्रस्ताव रखा था। सदन ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव पर मुहर लगायी। इस बोर्ड मीटिंग में उसी दिन कंपनी बाग की भूमि से कब्जा हटवाने की तैयारी की गयी और बोर्ड मीटिंग के तुरंत बाद ही ईओ विनय कुमार मणि पालिका के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों तथा सभासदों के साथ कंपनी बाग पहुंचे। उन्होंने उद्यान विभाग को बिना कोई पूर्व सूचना या नोटिस दिये ही जेसीबी मशीन से दीवार तोड़वा दी थी। इस मामले में उद्यान अधिकारी ने जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. से शिकायत की तो उनकी स्वीकृति मिलने पर अगले दिन ईओ विनय त्रिपाठी तथा 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गयी थी। इसके बाद ईओ विनय त्रिपाठी द्वारा गुपचुप तरीके से उद्यान विभाग के कब्जे वाली भूमि की पैमाइश कराई गई तो पालिका प्रशासन बैकफुट पर खड़ा नजर आया था। इस पैमाइश में उद्यान विभाग के पास उसको आवंटित भूमि में से भी कम भूमि पाई गयी थी। डीएम ने इस प्रकरण की जांच निकाय प्रभारी अधिकारी अजय कुमार अम्बष्ट को सौंपी थी। उन्होंने अपनी आख्या डीएम को दे दी थी। सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों इस प्रकरण में जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने अपनी रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी थी। इसमें चेयरपर्सन और ईओ के बीच की खींचतान को भी जिक्र किया गया था और कार्यवाही की संस्तुति भी की गयी थी, तभी से यह संभावना बनी थी कि ईओ के खिलाफ जल्द ही कार्यवाही हो सकती थी।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार शासन ने डीएम सेल्वा कुमारी जे. की संस्तुति पर मुजफ्फरनगर पालिका के ईओ विनय कुमार मणि त्रिपाठी को सस्पेंड कर दिया है। इस कार्यवाही को लेकर ईओ विनय त्रिपाठी ने पुष्टि करते हुए बताया कि उनको भी शासन से हुई कार्यवाही की जानकारी मिली है। अब देखना यह है कि इस मामले में दर्ज एफआईआर में आगे की क्या कार्यवाही होती है। ईओ के सस्पेंड होने की जानकारी मिलने पर पालिका में भी काफी हलचल नजर आयी। यहां यह भी गौरतलब है कि जिस प्रस्ताव के आधार पर बोर्ड मीटिंग में उद्यान विभाग की दीवार को तोड़कर कब्जा हटवाने की कार्यवाही की गयी है, उस प्रस्ताव का बोर्ड मीटिंग की प्रोसेडिंग में कोई भी जिक्र नहीं किया गया है।
बता दें कि नगरपालिका परिषद् के अधीन कंपनी बाग की भूमि में से उद्यान विभाग को विभागीय कार्यालय और पौधशाला के निर्माण के लिए प्रदेश के राज्यपाल ने भूमि हस्तांतरित करने के आदेश जारी किये थे। इसके लिए 18 अगस्त 1992 को प्रदेश शासन के तत्कालीन अनु सचिव रवीन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर भूमि हस्तांतरित करने की जानकारी दी थी। दरअसल डीएम मुजफ्फरनगर ने 27 जुलाई 1991 को शासन को पत्र लिखकर भूमि हस्तांतरण के लिए आग्रह किया था। अनु सचिव के इस पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि नगरपालिका मुजफ्फरनगर के प्रबंध की कमला नेहरू वाटिका की 9246.69 वर्गमीटर नजूल भूहिम को कार्यालय एवं पौधाशाला की स्थापना के लिए सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित करने की कार्योत्तर स्वीकृति राज्यपाल ने प्रदान की है। सभासद राजीव शर्मा का कहना है कि इससे साफ है कि उद्यान विभाग को कंपनी बाग से करीब 11.50 बीघा भूमि हस्तांतरित की गयी, लेकिन मौके पर विभाग की ओर से करीब 46 बीघा भूमि पर कब्जा जमा लिया गया है। अब शेष भूमि को बोर्ड सुरक्षित करने का काम करेगा।