अब हर दिन कोरोना पाजिटिव के घरों की सुध लेगी पालिका टीम
नगरपालिका परिषद् में नोडल अधिकारी की रिपोर्ट और मण्डलायुक्त द्वारा कार्यवाही की चेतावनी से हड़कम्प मचा हुआ है। इसके लिए आज ही त्वरित कार्यवाही करते हुए ईओ ने सफाई निरीक्षकों की प्रतिदिन कोरोना पाजिटिव लोगों की सूची लेकर उनके घरों तक टीम भेजने के निर्देश जारी कर दिये हैं।
मुजफ्फरनगर। नोडल अधिकारी विशेष सचिव नगर विकास डा. इन्द्रमणि त्रिपाठी की जांच में कोरोना पाजिटिव लोगों और परिवार के प्रति बरती जा रही गंभीर लारवाही उजागर होने के बाद नगरपालिका परिषद् में हलचल मच गयी है। पालिका प्रशासन ने अब कार्यवाही से बचने के लिए प्रत्येक दिन कोरोना पाजिटिव मरीजों के घर, गली और आस पडौस को सैनिटाइज कराने को टीम तैयार कर ली है।
कार्यवाहक ईओ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरएस राठी ने सभी सफाई नायकों को आदेश जारी किये हैं कि उनके संबंधित वार्ड के हाट स्पाट एरिया में जहाँ पर कोरोना पोजिटिव केस निकलता है, वहाँ पर तथा आस पास के मकानों पर सेनेटाईजेशन कराना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि यह आदेश पूर्व में भी दिये जा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी आपके द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि अब इसमें लापरवाही को लेकर सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि पालिका स्तर से अब यह व्यवस्था की गयी है कि प्रतिदिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की जाने वाली कोरोना पाजिटिव लोगों की रिपोर्ट की पूरी मानीटरिंग सफाई निरीक्षकों के द्वारा की जायेगी।
वह कंट्रोल रूम से सूची प्राप्त करतेे हुए तत्काल ही संबंधित सफाई नायकों को भेजते हुए उसी दिन या अगले दिन सुबह सम्बन्धित मरीज के मकान एवं उसके आसपास सेनेटाईजेशन कराना सुनिश्चित करेगे तथा आसपास के मकानों में रहने वाले व्यक्तियों से सेनेटाईजेशन कराने का लिखित में प्रमाण लेंगे। सफाई नायक सम्बन्धित गली में कराये गये सेनेटाईजेशन के फोटो लेते हुए इसकी रिपोर्ट प्रतिदिन अपने अपने सम्बन्धित सफाई निरीक्षक को उपलब्ध कराएंगे।
उन्होंने अपने आदेश में यह चेतावनी भी दी है कि यदि उक्त कार्य में सफाई नायक या सम्बन्धित सफाई निरीक्षकों के स्तर से लापरवाही की जाती है तो उनके विरुद्ध डिजास्टर मेनेजमेन्ट एक्ट तथा एपिडेपिक एक्ट के अन्तर्गत कार्यवाही किये जाने हेतु उच्चाधिकारियों को संस्तुति कर दी जायेगी। उन्होंने इन आदेशों का अनुपालन कड़ाई से किया जाना सुनिश्चित करने पर जोर दिया है।
नोडल अधिकारियों को सब दिखता है, जिले के अफसरों ने क्यों मूंद ली आंखें?
मुजफ्फरनगर। जनपद में कोरोना काल में जिले के अफसरों को जो कमी या लापरवाही नजर नहीं आती, यहां समीक्षा के लिए आने वाले नोडल अधिकारी उस तक आसानी से पहुंच जाते हैं। आज कोरोपा पाजिटिव लोगों के स्वास्थ्य के साथ ही उनके परिवार और आस पडौस को राम भरोसे छोड़ने के लिए गंभीर लापरवाही भी नोडल अधिकारी की गंभीरता से सामने आ सकी है।
बता दें कि मई 2020 में शासन ने कोरोना संक्रमण के लिए मुजफ्फरनगर में व्यवस्था को देखने के लिए आईएएस अधिकारी आर एन यादव को नोडल अधिकारी बनाकर भेजा था। आरएन यादव ने हाॅट स्पाट और क्वारंटीन सेंटरों का निरीक्षण किया। चरथावल में एक क्वारंटीन सेंटर में वह पहुंचे, वहां रखे गये लोगों जिनमें ज्यादातर से प्रवासी श्रमिक थे, उनसे बात की तो नोडल अधिकारी की इस जांच में कोरोना काल में भोजन घोटाला सामने आया। इसके बाद एडीएम प्रशासन को छुट्टी पर जाना पड़ा और एक अधिकारी को डीएम द्वारा सस्पेंड कर दिया गया। बात आई गई हो गयी, लेकिन सवाल आज भी खड़े हुए हैं। ऐसा ही मामला आज नोडल अधिकारी डा. इन्द्रमणि त्रिपाठी की हाॅट स्पाट और होम आइसोलेट किये गये लोगों के घर जाकर जांच के बाद सामने आया है। दो-तीन दिनों के अपने सफर पर आने वाले नोडल अधिकारी अपनी आंखों को खोेलकर सभी कुछ देख लेते हैं, लेकिन दिन रात यहां पर रहकर काम करने वाले अफसरों की आंखें नहीं खुल पा रही है। इसलिए ही लगातार खामी सामने आ रही है।