योगीराज के एक अफसर का आदेश-उद्यमियों ने जताया गहरा रोष
यूपी वाणिज्य कर के कमिश्नर के आदेश के खिलाफ इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा ज्ञापन
मुजफ्फरनगर। उद्यमियों ने उत्तर प्रदेश के वाणिज्य कर विभाग के कमिश्नर के एक आदेश को राज्य सरकार की मंशा के विपरीत करार देते हुए इस पर रोष व्यक्त किया है। इन उद्यमियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजकर इस आदेश को निरस्त कराने की मांग की है।
गुरूवार को नई मण्डी स्थित एक रेस्टोरेंट में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज कुमार और महासचिव अश्वनी खंडेलवाल ने बताया कि यूपी के कमिश्नर वाणिज्य कर विभाग ने 10 सितम्बर 2020 को एक आदेश जारी किया है, इसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश माल एवं सेवाकर अधिनियम 2017 की धारा 67 के अन्तर्गत आदेश दिया है कि वार्षिक टर्नओवर के आधार पर प्रतिमाह कम से कम दस प्रतिष्ठानों में तलाशी की कार्यवाही जीएसटी संबंधित मामलों में विभागीय अधिकारी द्वारा किया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने बताया कि यह आदेश व्यवहारिक नहीं है।
इसको लेकर ही हमने राज्य के मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करते हुए महत्वपूर्ण तथ्यों को सामने रखा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी आने के बाद सभी रिटनर्स, ई-वे बिल्स आदि आॅनलाइन प्रक्रिया से ही जमा होते हैं और जीएसटी विभाग के पास सभी डाटा आनलाइन उपलब्ध होता है। ऐसे में एसआईबी या अन्य जांच केवल दस ही उद्यमियों के लिए क्यों निर्धारित की जा रही है। आईआईए का मानना है कि विभाग को सभी उद्यमियों पर पैनी नजर रखते हुए जहां भी केाई अनियमितता हो वहां पर आयकर विभाग की तहर केवल आनलाइन स्पष्टीकरण मांगना चाहिए, अन्यता इस तरह का आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की की जीरो टोलरेंस की मंशा के खिलाफ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला होगा। उन्होंने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कमिश्नर वाणिज्य कर का यह आदेश निरस्त करने का अनुरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां प्रदेश में उद्यमियों को निवेश के लिए आमंत्रित किया जा रहा है, वहां अधिकारियों द्वारा ऐसे आदेश करना अनुचित है। ऐसे आदेश उद्यमियों को हतोत्साहित करने वाले साबित हो रहे हैं। इससे प्रदेश में उद्यमिता और निवेश पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।