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टंडेढा और तित्सा में वोट देने से लोगों ने किया परहेज

गांव का जर्जर रास्ता नहीं बनने से नाराजगी के कारण किया मतदान का बहिष्कार, मनाने के लिए अफसरों को छूटते रहे पसीने; ग्रामीणों के अनशन के बीच पहुंचे एसडीएम जानसठ का मान-मनौवल भी ठुकराया, राशन डीलर, आंगनवाडी से डलवाये वोट

टंडेढा और तित्सा में वोट देने से लोगों ने किया परहेज
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मुजफ्फरनगर। बिजनौर लोकसभा सीट की मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के दो गांवों में ग्रामीणों ने गांव का मुख्य सम्पर्क मार्ग ही जर्जर अवस्था में होने लगातार मांग के बावजूद भी मार्ग का निर्माण नहीं कराये जाने से आक्रोशित होकर मतदान दिवस पर अपनी बात पर कायम रहते हुए वोट नहीं डाला। इन ग्रामीणों का मनाने के लिए जिला प्रशासन कई दिनों से लगा हुआ था। मतदान का बहिष्कार होने और ग्रामीणों के अनशन की खबरें चली तो जिला प्रशासन के अफसरों को इन गांवों तक फिर से दौड़ लगानी पड़ी, लेकिन अफसरों के मान मनौवल के बाद भी ग्रामीण वोट करने नहीं पहुंचे। हालांकि एसडीएम ने दावा किया कि ग्रामीणों ने मतदान का कोई विरोध नहीं किया है और दोनों गांवों में मतदान कराया गया है। उनके दावे का परिणाम 4 जून को सामने आ जायेगा। वहीं एक गांव में तो अफसरों ने केवल गांव के राशन डीलर, आंगनबाडी और बीएलओ तथा उनके परिवार के लोगों के वोट डलवाये। ग्रामीणों का कहना है कि जब गांव में आने जाने का ही मार्ग दयनीय है तो वो किसी को वोट देकर क्या करेंगे।

बता दें कि मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के जानसठ ब्लाॅक के गांव टंढेड़ा के लोग लंबे समय से गांव के मुख्य मार्ग के निर्माण की मांग कर रहे हैं। सड़क निर्माण नहीं होने से गुरूवार को ग्रामीण गांव में बनाए गए मतदान केंद्र के बाहर अनशन पर बैठ गए। देर शाम नायब तहसीलदार विपिन कुमार व ब्लाक प्रमुख जानसठ नरेंद्र चैधरी ने ग्रामीणों को समझाने-बुझाने की कोशिश की, लेकिन सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद पूरी रात ग्रामीण अनशन पर ही बैठे रहे। शुक्रवार सवेरे भी ग्रामीणों का यह अनशन जारी रहा। मतदान केन्द्र के अंदर कोई भी ग्रामीण वोट करने नहीं पहुंचा और पूर्ण बहिष्कार कर दिया। इसके बाद एसडीएम जानसठ सुबोध कुमार टंढेडा पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनका भी विरोध किया। उन्होंने अनशन पर बैठे ग्रामीणों को हर प्रकार से समझाने का प्रयास करते हुए मतदान के लिए आमंत्रित किया, लेकिन ग्रामीणों ने साफ इंकार कर दिया। सूत्रों के अनुसार एसडीएम ने पहल करते हुए गांव के राशन डीलरों, आंगनवाडी कार्यकत्रियों और बीएलओ तथा उनके परिजनों को बुलाकर मतदान केन्द्र पर वोटिंग शुरू कराई, लेकिन इसमें आम ग्रामीण शामिल नहीं हुए। दोपहर बाद तक भी टंढ़ेड़ा में अनशन वाले केंद्र पर मतदान शुरु नहीं हो सका। मौके पर ककरौली थाना पुलिस भी बुला ली गई थी। इस दौरान पूर्व प्रधान धर्मेंद्र, दुर्गेश, विजयकांत, इरफान, मोहम्मद अली, रणवीर, यशपाल, मोनू, ब्रह्मपाल, पूर्व प्रधान पवन सिंह, बालिस्टर सहित सैंकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।

वहीं मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के ही दूसरे गांव तिस्सा में भी गांव के मुख्य सम्पर्क मार्ग की हालत बेहद दयनीय होने के कारण ग्रामीणों में रोष नजर आया। ग्रामीणों ने मार्ग का निर्माण नहीं होने के कारण मतदान का बहिष्कार कर दिया। गांव में ज्यादातर लोगों ने मतदान नहीं किया। वहीं एसडीएम जानसठ सुबोध कुमार का कहना है कि दोपहर के समय दोनों गांवों में जाकर ग्रामीणों को समझा लिया गया था। गांवों में कोई बहिष्कार नहीं हुआ है, ग्रामीणों ने मतदान में भागीदारी की।

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