शराब माफिया संजीव काला की सम्पत्ति जब्त
डीएम सेल्वा कुमारी जे. ने गैंगस्टर एक्ट में दिये से चल-अचल सम्पत्ति सीज करने के निर्देश, एसएसपी अभिषेक यादव के निर्देशन में मुजफ्फरनगर पुलिस ने 29 लाख रुपये की सम्पत्ति को शासन के पक्ष में किया कुर्क।
मुजफ्फरनगर। अपराध के रास्ते सम्पत्ति अर्जित करने के दोषी पाये जाने पर शराब माफिया संजीव उर्फ काला की 29 लाख रुपये कीमत की चल अचल सम्पत्ति को आज मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा शासन के पक्ष में सीज करने की कार्रवाई की गयी। डीएम सेल्वा कुमारी जे. ने पिछले दिनों ही अवैध शराब की तस्करी करने वाले अपराधी संजीव उर्फ काला के विरु( गैंगस्टर एक्ट में सम्पत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया था।
रविवार को एसडीएम सदर दीपक कुमार और सीओ नई मण्डी धनंजय सिंह कुशवाहा के नेतृत्व में नई मण्डी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध अस्लहों से लैस होकर अपमिश्रित शराब की तस्करी एवं लूट जैसी घटनाओं को कारित करने वाले अभियुक्त संजीव उर्फ काला उर्फ कल्लू पुत्र वेदप्रकाश के खिलाफ की गयी गैंगस्टर एक्ट 14;1द्ध के अन्तर्गत लगभग 29 लाख रुपये कीमत की चल व अचल सम्पत्ति सीज की है।
नई मण्डी कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर अनिल कपरवान ने बताया कि अभियुक्त संजीव उर्फ काला उर्फ कल्लू वर्ष 2002 से संगठित गिरोह बनाकर लगातार संगीन घटनाओं को अंजाम देता रहा व वर्ष 2020 में अभियुक्तों से लगभग 10 लाख रुपये की अवैध अपमिश्रित शराब बरामद की गयी थी, जिसमें भारी मात्रा में नकली भरे व खाली पव्वे, बार कोड, रेपर आदि बरामद हुए थे।
~Property Seizure under 14(1) Gangsters Act~
— MUZAFFARNAGAR POLICE (@muzafarnagarpol) February 7, 2021
अवैध अस्लहों से लैस होकर अपमिश्रित शराब की तस्करी एवं लूट जैसी घटनाओं को कारित करने वाले अभियुक्त संजीव उर्फ काला उर्फ कल्लू के विरुद्ध की गयी गैंगस्टर एक्ट14(1) की कार्यवाही।
29 लाख रुपये कीमत की चल/अचल सम्पत्ति सीज। @Uppolice pic.twitter.com/Q9H8698ho1
उन्होंने बताया कि अभियुक्त संजीव उर्फ काला उपरोक्त के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट, हत्या के प्रयास, लूट आदि जैसी संगीन धाराओं में जनपद मुजफ्फरनगर में 08 अभियोग पंजीकृत हैं। इंस्पेक्टर अनिल कपरवान ने बताया कि अभियुक्त संजीव उर्फ काला उपरोक्त द्वारा अवैध तरिके से अर्जित की गयी चलध्अचल सम्पत्ति जिसकी कीमत करीब 29 लाख रुपये है, जिसको उत्तर प्रदेश गिरोहबन्द एंव समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 की धारा-14;1द्ध के अन्तर्गत जब्त किया गया है। इसमें गांव बीबीपुर में स्थित उसके मकान को सीज करते हुए नोटिस चस्पा करा दिया गया है।
उन्होंने बताया कि अभियुक्त संजीव उर्फ काला की सीज की गयी चल व अचल सम्पत्ति में 10 लाख रुपये कीमत का आवासीय प्लाट ग्राम नसीरपुर- 76.54 वर्ग मीटर। 16 लाख रुपये कीमत का आवासीय मकान ग्राम बीबीपुर- 41.80 वर्ग मीटर। करीब दो लाख रुपये कीमत की आई-10 गाडी। और एसबीआई में बैंक खाता, जिसमें 90,930 रुपये हंै। सीज कराया गया है।
दो फरवरी को डीएम सेल्वा ने दिया था सम्पत्ति कुर्क करने का आदेश
अभियुक्त संजीव उर्फ काला उर्फ कल्लू पुत्र वेदप्रकाश निवासी अंकित विहार थाना नई मण्डी जिला मुजफ्फरनगर के खिलाफ उत्तर प्रदेश गिरोह बन्द समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारणद्ध अधिनियम 1986 के अन्तर्गत 25 अक्टूबर को नई मण्डी पुलिस ने अभियोग पंजीकृत किया था। संजीव काला थाना छपार के अन्तर्गत गांव दतियाना का मूल निवासी है।
इसके लिए थानाध्यक्ष थाना नई मण्डी की विस्तृत आख्या 25 नवम्बर 2020 को डीएम कोर्ट में पेश की गयी थी, जिसमें पुलिस ने जांच के आधार पर दावा किया कि गैंगस्टर एक्ट में नामजद अभियुक्त संजीव उर्फ काला द्वारा एक संगठित गिरोह के सदस्य के रूप में अनुचित रूप से आर्थिक एवं भौतिक लाभ प्राप्त करने व समाज में भय व आंतक पैदा करने के उद्देश्य से घातक हथियारों से लैस होकर लूट, अपमिश्रित अवैध शराब की तस्करी जैसे अपराध कारित कर समाज विरोधी क्रियाकलाप करते हुये अर्जित अवैध धन से अपने व अपने पत्नी संतोष कर्णवाल के नाम से क्रय की गयी चल व अचल सम्पत्ति को अर्जित किया। संजीव काला की सम्पत्ति को कुर्क किये जाने के सम्बन्ध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की संस्तुति 04 जनवरी 2021 को डीएम सेल्वा कुमारी जे. से की गयी।
डीएम ने इस मामले में 2 फरवरी को अपना फैसला सुनाते हुए संजीव काला की चल व अचल सम्पत्ति को अपराध के जरिये अर्जित करना पाया और सम्पत्ति को शासन के पक्ष में कुर्क करने के आदेश दिये थे। डीएम कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान धारा 161 के अन्तर्गत अपने बयान में संजीव काला ने बताया कि वह सि(बली फैक्ट्री में मजदूरी करता था। कम समय में ज्यादा धन कमाने की लालसा हो गयी थी जिस कारण मैं अपराध करने लगा। सन् 2000 उसने थाना सिविल लाईन क्षेत्र में अपने साथियों के साथ एक लूट की घटना को अंजाम दिया, लेकिन उसमें वाद में पकडा गया और जेल चला गया था। लूट की घटना में ज्यादा जोखिम होने के कारण उसने फिर अवैध शराब का धंधा किया। डीएम ने चल अचल सम्पत्ति जब्त करने के लिए नई मण्डी कोतवाली प्रभारी को प्रशासक नियुक्त किया था।