राकेश टिकैत की चेतावनी-किसानों की मर्जी बिना खेत में ना घुसे हाईवे अफसर
मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन ने राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिग्रहित की जा रही किसानों की भूमि के लिए बाजारी मूल्य पर मुआवजा तय कराने के आंदोलन को आज नई धार देने का काम किया है। भाकियू ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक मुआवजा के मसला नहीं सुलझ जाता, तब तक किसानों की मर्जी के बिना अफसर उसके खेतों में घुसने की हिमाकत कतई ना करें। भाकियू की इस पंचायत में आज मुजफ्फरनगर और शामली जनपदों के सैंकड़ों किसान व यूनियन कार्यकर्ता जुटे थे।
किसानों की भूमि अधिग्रहण, गन्ना मूल्य का बकाया भुगतान, यूरिया संकट आदि मुद्दों को लेकर बुधवार को भारतीय किसान यूनियन ने लालूखेड़ी में बड़ी पंचायत का आयोजन किया। यहां पर नेशनल हाईवे पानीपत-खटीमा के निर्माण, चैड़ीकरण के लिए किसानों की भूमि अधिग्रहण को लेकर किसान पिछले 8 दिनों से धरना दे रहे हैं। आज इस धरने को भाकियू ने पंचायत में परिवर्तित कर दिया। यहां मुख्य अतिथि के रूप में किसानों के बीच पहुंचे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चै. राकेश टिकैत ने प्रदेश की योगी सरकार पर आरोप लगाया कि किसानों के हितों से इस सरकार को कोई भी सरोकार नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि आज किसानों को गन्ना मूल्य का बकाया भुगतान नहीं हो रहा है। ब्याज दिलाने में अफसर नाकाम हो रहे हैं। ऐसे में किसानों की जमीन भी मनमर्जी व्यवस्था बनाकर हड़पी जा रही है। उन्होंने कहा कि भाकियू इस तरह की मनमानी का विरोध करती है। उन्होंने पानीपत खटीमा राजमार्ग का मसला उठाते हुए कहा कि हाईवे अथाॅरिटी के अधिकारी किसानों से सहमति बनने से पहले खेतों में घुसने की हिम्मत ना करें। इस पंचायत में भाकियू जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान, मण्डल अध्यक्ष राजू अहलावत सहित दो जिलों के किसान मौजूद रहे।