undefined

उद्यान विभाग की दीवार गिराने में फंसा पेंच

नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर की 7 अक्टूबर को आयोजित बोर्ड बैठक के बाद प्रस्ताव पारित होने पर कमला नेहरू वाटिका में स्थित उद्यान विभाग पर वाटिका की भूमि कब्जाने के आरोप लगाकर विभागीय दीवार को गिराने के मामले में भूमि की पैमाइश के बाद पालिका प्रशासन बैकफुट पर खड़ा नजर आ रहा है।

उद्यान विभाग की दीवार गिराने में फंसा पेंच
X

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के अधीन कमला नेहरू वाटिका में करीब 28 साल पहले बने उद्यान विभाग कार्यालय और राजकीय पौधशाला को आवंटित भूमि का विवाद अब पालिका प्रशासन की नींद उड़ाने वाला साबित हो रहा है। इस मामले में पालिका के सभासदों ने उद्यान विभाग पर आवंटन से ज्यादा भूमि पर कब्जा कर दीवार बनाने के आरोप लगाये और बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव पारित करते हुए मीटिंग के तुरंत बाद दीवार को बिना नोटिस दिये जेसीबी मशीन से गिरा दिया गया। इस मामले में उद्यान अधिकारी की तहरीर पर पालिका के ईओ, कर अधीक्षक और 60 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। सभासदों ने भूमि की पैमाइश कराने की मांग की थी, जिस पर भूमि की पैमाइश की गयी तो उद्यान विभाग का पक्ष मजबूत नजर आ रहा है। अब पालिका प्रशासन अपनी ही कार्यवाही पर बगले झांकने को मजबूर हो रहा है।

7 अक्टूबर 2020 को पालिका की बोर्ड मीटिंग का आयोजन किया गया। इसमें भाजपा सभासद राजीव शर्मा ने कमला नेहरू वाटिका में शासन की अन्य परियोजनाओं के लिए भूमि की दरकार का मामला उठाते हुए उद्यान विभाग पर वाटिका की करीब 46 बीघा भूमि पर कब्जा करने के आरोप लगाये थे। इसके बाद बोर्ड ने सर्वसम्मति से अपनी भूमि को सुरक्षित करने के लिए तत्काल कार्यवाही करते हुए उद्यान विभाग द्वारा कराई गई दीवार को गिराने का प्रस्ताव पारित कर दिया। बोर्ड में हुई इस हलचल का असर भी तुरंत हुआ और पालिका के ईओ विनय कुमार मणि त्रिपाठी, कर अधीक्षक आरडी पोरवाल के साथ सभासद जेसीबी मशीन लेकर वाटिका पहुंचे और बिना सुनवाई के उद्यान विभाग की लम्बी चैडी दीवार को बिस्मार करा दिया। यहां पर उद्यान विभाग के कर्मचारियों ने इस कार्यवाही का विरोध भी किया, लेकिन दीवार तोड़कर ही टीम वापस लौटी थी।

इसके बाद 9 अक्टूबर को उद्यान अधिकारी ने बिना नोटिस दिये जबरन विभागीय दीवार तोड़ने के मामले में पालिका के ईओ, कर अधीक्षक और 60 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पूरे बोर्ड पर ही मुकदमा दर्ज हो जाने को लेकर पालिका में हलचल मच गयी। सभासदों ने इसके विरोध में लामबंद होकर भूमि की पैमाइश कराने की मांग की। ईओ ने भूमि की पैमाइश करायी तो मामला उलट साबित हुआ। जितनी भूमि उद्यान विभाग को कार्यालय और राजकीय पौधशाला के लिए शासन से आवंटित करायी गयी थी, उससे भी कम भूमि दीवार तक मौके पर पायी गयी। इससे अवैध कब्जा साबित नहीं होने पर पालिका में हड़कम्प की स्थिति है। पालिका के ईओ विनय कुमार मणि त्रिपाठी ने बताया कि उद्यान विभाग की भूमि की पैमाइश करा ली गयी है। मौके पर आवंटन से कम ही भूमि मिली है। कोई अवैध कब्जा साबित नहीं हो रहा है। इस वहीं अब इस मामले में पालिका प्रशासन और सभासद बीच का रास्ता तलाशने में जुट गये हैं। यह भी संभावना है कि पालिका प्रशासन को अब उद्यान विभाग की तोड़ी गई दीवार स्वयं खर्च वहन करते हुए बनाकर देनी पड़े।

Next Story