28 साल पहले उद्यान विभाग को मिली थी 9246.69 वर्गमीटर भूमि
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के अधीन कंपनी बाग की भूमि में से उद्यान विभाग को विभागीय कार्यालय और पौधशाला के निर्माण के लिए प्रदेश के राज्यपाल ने भूमि हस्तांतरित करने के आदेश जारी किये थे। इसके लिए 18 अगस्त 1992 को प्रदेश शासन के तत्कालीन अनु सचिव रवीन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर भूमि हस्तांतरित करने की जानकारी दी थी। दरअसल डीएम मुजफ्फरनगर ने 27 जुलाई 1991 को शासन को पत्र लिखकर भूमि हस्तांतरण के लिए आग्रह किया था। अनु सचिव के इस पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि नगरपालिका मुजफ्फरनगर के प्रबंध की कमला नेहरू वाटिका की 9246.69 वर्गमीटर नजूल भूहिम को कार्यालय एवं पौधाशाला की स्थापना के लिए सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित करने की कार्योत्तर स्वीकृति राज्यपाल ने प्रदान की है। सभासद राजीव शर्मा का कहना है कि इससे साफ है कि उद्यान विभाग को कंपनी बाग से करीब 11.50 बीघा भूमि हस्तांतरित की गयी, लेकिन मौके पर विभाग की ओर से करीब 46 बीघा भूमि पर कब्जा जमा लिया गया है। अब शेष भूमि को बोर्ड सुरक्षित करने का काम करेगा।
सभासदों ने की उद्यान अधिकारी को बोर्ड में तलब करने की मांग
मुजफ्फरनगर पालिका के सभासदों ने उद्यान अधिकारी के प्रति गुस्सा जाहिर करते हुए चेयरपर्सन से इस मामले में चर्चा के लिए तत्काल बोर्ड मीटिंग बुलाने की मांग करते हुए उद्यान अधिकारी को भी तलब करने के लिए आग्रह किया है।
सभासद अरविंद धनगर ने कहा कि उद्यान अधिकारी को कंपनी बाग की भूमि पर अवैध कब्जा के बारे में पता है, बोर्ड ने सीएम योगी आदित्यनाथ की नीति के अनुसार ही अवैध कब्जा हटवाया है। इसमें प्रशासन को उद्यान अधिकारी की शिकायत मिलने के बाद पहले जांच करानी चाहिए थी, सीधे मुकदमा दर्ज करा दिया गया। यह नीति गलत है। उन्होंने पालिका अधिनियम की धारा 51 के अन्तर्गत उद्यान अधिकारी को आगामी बोर्ड मीटिंग में तलब करने और निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की। इसके साथ ही सभासद मनोज वर्मा ने चेयरपर्सन से तत्काल ही बोर्ड मीटिंग बुलाने कंपनी बाग की भूमि की पैमाइश कराने और निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की है।