भाजपा नेताओं की कोविड जांच में स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही
मुजफ्फरनगर जनपद में स्वास्थ्य विभाग के अफसर और कर्मचारी कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर गंभीर नजर नहीं आते हैं। भाजपा नेताओं की जांच के लिए बिना पीपीई किट ही सैम्पल लिये गये।
मुजफ्फरनगर। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर आम लोगों के बीच स्वास्थ्य विभाग जितना गंभीर और सतर्क नजर आता है, उतना ही वह लापरवाह भी बना हुआ है। कोविड-19 टेस्टिंग के लिए लगाये गये कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की नाक के नीचे ही गंभीर लापरवाही बरतते हुए अपनी और दूसरे लोगों की जिन्दगी को खतरे में डाल रहे हैं और अफसर इस लापरवाह को नजर अंदाज करते हुए केवल आंकडों के घालमेल में जुटे हुए हैं। भाजपा कार्यालय पर लगाये गये कोविड-19 टेस्ट शिविर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से भेजे गये कर्मचारी बिना पर्सनल प्रोटेक्शन इक्युपमेंट ;पीपीईद्ध के बिना ही कोविड-19 का सैम्पल लेने में जुटे रहे। सुरक्षा के नाम पर इन प्रशिक्षित कर्मचारियों ने अपने हाथों में गलब्ज और चेहरे पर मास्क ही लगाया हुआ था। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हुई, लेकिन सीएमओ साहब कह रहे हैं कि ऐसा नहीं हो सकता है।
जनपद मुजफ्फरनगर में कोरोना वायरस संक्रमण निरंतर नई चुनौतियां खड़ी कर रहा है, जितना यह संक्रमण जनपद में बढ़ रहा है, उतनी ही लापरवाही भी सामने आ रही हैं। जो स्वास्थ्य विभाग लोगों को इस संक्रमण के प्रति सचेत करते हुए कोविड गाइड लाइन का पालन कराने के लिए प्रचार प्रसार में जुटा हुआ है, उसी विभाग के अफसर और कर्मचारी इस लापरवाही के वाहक बने हुए हैं। कई मामलों में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी गंभीर लापरवाही कोरोना पाॅजीटिव लोगों को लेकर समाने आ चुकी है। सभासद की पत्नी का किस्सा अभी लोगों के जहन में ही है। मामला कोविड-19 टेस्टिंग को लेकर सामने आया है। इस टेस्ट के लिए कोरोना गाइडलाइन के अनुसार स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा के लिए पीपीई किट को अनिवार्य किया गया है, लेकिन स्वास्थ्य कर्मी ही गाइडलाइन को अनदेखा करते हुए अपने साथ ही लोगों के जीवन से भी खिलवाड़ कर रहे हैं।
भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला के कोरोना पाॅजीटिव पाये जाने और कोरोना संक्रमण से जिले के प्रभारी मंत्री चेतन चौहान की मौत हो जाने के बाद भाजपाईयों में बनी हलचल को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सोमवार को गांधीनगर स्थित भाजपा कार्यालय पर कोविड-19 टेस्टिंग के लिए कैम्प लगाया गया था। यहां पर पांच लोग कोरोना पाॅजीटिव पाये गये हैं। जबकि भाजपा के नेता और कार्यकर्ता इस संक्रमण से मुक्त बताये गये। उनकी रैपिड रिपोर्ट निगेटिव आयी। इस शिविर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से गंभीर लापरवाही बरती गयी है। शिविर में कोविड-19 संक्रमण की जांच के लिए लोगों का स्वैब सैम्पल लेने के लिए यहां पर भेजे गये प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा बिना पीपीई किट के ही सैम्पलिंग की गयी। इसकी कुछ तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं।
इसको लेकर सीएमओ डा. प्रवीण चोपडा से जब इस संबंध में पूछा गया तो उनका कहना था कि कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार बिना पीपीई किट कोई भी टेस्टिंग नहीं की जा सकती है। इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों को अपनी सुरक्षा के लिए पूरी तरह से सतर्क रहने के निर्देश भी दिये गये हैं। भाजपा कार्यालय पर बिना पीपीई किट के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का स्वैब सैम्पल लेने के सवाल पर सीएमओ ने दृढ़ता से कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है। जब उनको बताया कि इसके लिए कुछ तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं तो उन्होंने अपने दावे से पीछे हटते हुए कहा कि यदि कोई स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरत रहा है तो विभाग इसमें कुछ नहीं कर सकता है। सभी को पीपीई किट देकर ही वहां भेजा गया था। उन्होंने अंत में इतना ही कहा कि वह इस मामले में जानकारी करेंगे और इस लापरवाही को लेकर कार्यवाही की जायेगी। बता दें कि कोरोना संक्रमण किसी से भी किसी को फेल सकता है। यदि कोविड टेस्टिंग में लगे लोग ही इस तरह की लापरवाही बरतेंगे तो आम आदमी की सुरक्षा भी संकट में पड़ जायेगी।