शहादत को अनोखा सलाम-सीने पर सीएए का समर्थन-पीठ पर शहीदों के नाम
मुजफ्फरनगर। शहीद प्रशांत शर्मा की अंतिम यात्रा में युवा वर्ग जोश से लबरेज नजर आया। जयकारें गूंज रहे थे, इस भीड़ में एक युवक ने यकायक ही सभी का ध्यान खींचने का काम किया। इस युवक ने अपने शरीर पर कोई भी टाॅप नहीं पहन रखा था। छाती खुली थी, यह युवक प्रशांत की पार्थिव शरीर के आगे आगे हाथ में तिरंगा झण्डा लेकर चल रहा था। सबसे बड़ी बात यह है कि युवक नारे लगाती भीड़ का हिस्सा बनकर भी खामोशी के साथ एक बड़ा संदेश देने का काम कर रहा था। इन युवक ने अनोखी सलामी और श्रद्धांजलि शहीद प्रशांत को पेश की। यह युवक अपने नंगे बदन से भी युवाओं को राष्ट्रवाद के लिए प्रेरित करता रहा।
रविवार को जब पुलवामा में तीन आतंकियों को ढेर कर शहीद हुए भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल्स के जवान प्रशांत शर्मा का पार्थिव शरीर मुजफ्फरनगर पहुंचा तो इस शहीद युवा को सरकार, अफसर, राजनेता और आम जन सभी ने अपनी अपनी संवेदनाओं के साथ पुष्पांजलि अर्पित की। हजारों युवाओं और ग्रामीणों की भीड़ के बीच तिरंगा लहराते रहे और आकाश भारत मां के जयकारों से गूंजता रहा। इस भीड़ और शोर के बीच एक युवक ऐसा भी था, जिसके हाथों में तिरंगा था तो आधा बदन नंगा था। इस युवक ने अपने नंगे बदन से ही शहीद प्रशांत को अनोखा सलाम पेश करने का काम किया। उसका सीना देशहित में सीएए और एनआरसी जैसे केन्द्र सरकार के फैसलों का समर्थन करने के लिए संदेश दे रहा था तो पीठ पर शहीदों के नाम गुदवाकर युवक ने उनको सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की।
यह युवक पडौसी जनपद शामली का निवासी विजय कुमार है। राष्ट्रवाद की उसकी भावना के कारण ही उसे विजय राष्ट्रवादी के नाम से पहचाना जाता है। विजय शहीद प्रशांत की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए शामली से यहां पहुंचा था। विजय ने अपने सीने पर वी-सपोर्ट सीएए-एनआरसी अंग्रेजी में गुदवाकर टैटू बनवाया हुआ तो वहीं उसने अपनी पीठ पर कारगिल युद्ध के साथ ही उरी और पुलवाला आतंकी अटैक में शहीद हुए सैन्य बलों के जवानों के नाम गुदवा रखे हैं। विजय ने हाल ही में मुजफ्फरनगर जनपद के तीन जवानों के नाम भी अपनी पीठ पर गुदवाये, ये तीनों अपने अपने दायित्व निभाते हुए शहीद हुए हैं। इनमें मूल रूप से अलावलपुर माजरा निवासी लेफ्टिेनेंट आकाश चैधरी, जोकि असम में शहीद हुए थे के अलावा कश्मीर के पुंछ राजौरी सैक्टर में शहीद गढी नौआबाद निवासी राष्ट्रीय राइफल्स का सैनिक मोहित बालियान और पुलवामा का शहीद सैनिक प्रशांत बालियान भी शामिल हैं। विजय राष्ट्रवादी जोशीली भीड़ का हिस्सा नहीं रहता, लेकिन इस युवक का अंदाज युवाओं को राष्ट्रवाद का एक सार्थक और सकारात्मक सबक देने वाला साबित होता है।