किसान की फसल उजाड़ने पर भाकियू का हंगामा
गांव आखलौर में भूमि पर कब्जे लेने पहुंचे थे डीएफएलसी के अधिकारी, राकेश टिकैत ने काम रुकवाया
मुजफ्फरनगर। रेलवे के डेडिकेटिड फ्रेट कोरिडोर के निर्माण के लिए भूमि पर कब्जे लेने के लिए पहुंचे डीएफएलसी के अधिकारियों ने किसानों की फसल उजाड़ने का काम शुरू किया तो मौके पर पहुंचे भाकियू नेताओं और किसानों ने इसका विरोध करते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। भारी पुलिस बल के साथ अफसर भी पहुंचे, लेकिन विरोध के कारण भूमि कब्जाने का काम रोकना पड़ा। भाकियू ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि किसान का मुआवजा की समस्या का समाधान होने से पहले भूमि को हाथ भी लगाया तो बड़ा आंदोलन होगा।
बता दें कि रेलवे द्वारा डेडिकेटिड फ्रेट कोरिडोर के निर्माण के लिए जनपद मुजफ्फरनगर में अधिग्रहित भूमि पर डीएफएलसी के अधिकारियों द्वारा कब्जा लिया जा रहा है। इसमें तय मुआवजा को कम बताते हुए भारतीय किसान यूनियन ने आंदोलन छेड़ रखा है। इसी मामले को लेकर बीते दिन सिसौली में किसानों की महापंचायत का आयोजन करते हुए भाकियू ने 21 सितम्बर से किसान क्रांति सप्ताह का ऐलान किया है।
इसी बीच भाकियू ने मुआवजा तय होने से पहले किसानों की भूमि को कब्जाने नहीं देने की चेतावनी भी प्रशासन को दी है, लेकिन लगातार डीएफएलसी के अधिकारी जेसीबी मशीन लेकर किसानों के खेतों में उतरे हुए नजर आ रहे हैं। शुक्रवार को भी ये अधिकारी नगर कोतवाली क्षेत्र के गांव आखलौर के जंगल में भूमि अधिग्रहण मामले में किसानों की जमीन पर कब्जा करने के लिए पहुुंचे थे। इनके द्वारा एक खेत में किसान की खड़ी फसल को खुर्द बुर्द भी कर दिया गया था।
इसकी सूचना मिलने पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत मौके पर पहुंचे। यूनियन के विकास शर्मा, कुशवीर सिंह और मोनू ठाकुर सहित सैंकड़ों किसान उनके साथ वहां एकत्र हो गये। राकेश टिकैत ने डीएफएलसी के अधिकारियों का विरोध करते हुए वहां पर भूमि पर कब्जे की कार्यवाही को रुकवा दिया। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस प्रशासन में हड़कम्प मच गया। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व आलोक कुमार, नगर मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह, सीओ सिटी राजेश द्विवेदी भारी पुलिस बल केसाथ मौके पर पहुंचे।
अफसरों ने भाकियू नेता राकेश टिकैत से वार्ता की। उनको समझाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने कहा कि जब तक मुआवजा का मामला तय नहीं हो जात है, तब तक किसानों की एक इंच भूमि पर भी कंपनी को कब्जा नहीं करने दिया जायेगा। यदि इसके बाद भी प्रशासन और कंपनी के अफसरों की धींगामुश्ती नहीं रूकी तो यूनियन के कार्यकर्ता किसानों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने किसानों से प्रशासनिक रवैये के खिलाफ एकजुट होने का आह्नान करते हुए कहा कि कई बार के आश्वासन के बाद भी जिला प्रशासन मुआवजा तय करने की ओर सकारात्मक दृष्टिकोण नहीं अपना रहा है।