महिला अस्पताल की काउंसर कोरोना पॉजिटिव, ओटी में शुरू हुआ काम
मुजफ्फरनगर। जनपद में कोरोना संक्रमण को लेकर डाक्टर भी अब घबराहट में है। अभी तक कोरोना संक्रमण से मुक्त चल रहे जिला महिला अस्पताल में चार दिनों में स्टाफ नर्स और अन्य कई कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद यहां पर चिकित्सकों में भी दहशत है। स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद ऑपरेशन थियेटर को बन्द कर दिया गया, सोमवार को ओटी खुला और ऑपरेशन के लिए चिकित्सक तैयार भी दिखे, लेकिन अस्पताल में मरीजों और उनके तीमारदारों के द्वारा बरती जा रही लापरवाही को लेकर वह अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा को लेकर चिंतित नजर आये। इसके साथ ही आज फिर से महिला अस्पताल में कोरोना की दस्तक ने चिकित्सकों को भयभीत करने का काम किया। अस्पताल की काउंसलर भी कोरोना पाजिटिव बतायी गयी है।
बता दें कि जिला महिला अस्पताल ने कोरोना काल में बेहतरीन सेवा देने का काम किया है। यहां पर कोरोना काल में लाॅक डाउन के दौरान 20 दिनों में 400 से ज्यादा सिजेरियन और नार्मल डिलीवरी सीएमएस डा. अमृत रानी भाम्बे के देखरेख की कराई गई। इसके बाद भी महिला अस्पताल ने ओपीडी से लेकर सभी सेवाओं को चालू रखते हुए लोगों को उपचार और परामर्श देने का काम किया, लेकिन पिछले चार दिनों में यहां कोरोना का बड़ा हमला होने से महिला अस्पताल के चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों के साथ ही अन्य स्टाफ में हलचल मची है। यहां पर चार स्टाफ नर्स के साथ ही अन्य कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं। इनमें ऑपरेशन थियेटर का स्टाफ भी पॉजिटिव मिलने के कारण शनिवार से ऑपरेशन थियेटर को बन्द कर दिया गया। इससे यहां पर सिजेरियन डिलीवरी नहीं हो पा रही थी। सोमवार को ओटी को खोल दिया गया है। सीएमएस डा. अमृत रानी ने बताया कि सोमवार को सुबह से ही ऑपरेशन थियेटर को तैयार करा दिया गया था। यहां पर सेनिटाइजेशन के साथ ही संक्रमण को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय किये गये हैं। उन्होंने बताया कि महिला अस्पताल में संक्रमण को लेकर लोगों को लगातार जागरुक किये जाने के बाद भी लोग कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने में लापरवाही बरत रहे हैं। मास्क का प्रयोग कम किया जा रहा है। इसके लिए सख्ती करने पर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। उन्होंने अस्पताल आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों से अपील करते हुए कहा कि वह कोविड गाइडलाइन के तहत मास्क का प्रयोग अवश्य करें। इससे खुद की सुरक्षा के साथ ही संक्रमण को फैलने से भी रोका जा सकता है।
दूसरी ओर सूत्रों के अनुसार महिला अस्पताल की काउंसलर को भी आज कारोना पॉजिटिव पाया गया है। उन्होंने अस्पताल में अपना कोविड टेस्ट कराया था। पहले टेस्ट में काउंसलर की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद दूसरा स्वैब सैम्पल लेकर भी जांच के लिए भिजवा दिया गया है। इससे महिला अस्पताल के कर्मचारियों और चिकित्सकों को सुरक्षा को लेकर चिंता हो रही है।
तीन साल से रात्रि में नहीं हो रही सिजेरियन डिलीवरी
मुजफ्फरनगर। जिला महिला अस्पताल को हाल ही अपने सेवा और स्वच्छता के लिए प्रधानमंत्री कायाकल्प अवार्ड के अन्तर्गत यूपी में प्रथम स्थान पर रखा गया है, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि यूपी में अव्वल रहने वाले इस महिला अस्पताल में रात्रि में सिजेरियन डिलीवरी होने की सुविधा नहीं है। इस ओर कोई भी जनप्रतिनिधि अपना ध्यान नहीं लगा पाया है। यहां पर करीब तीन साल पूर्व दो एनेस्थेटिक्स में से एक के रिटायर हो जाने के बाद से ही यह संकट बना हुआ है। ऐसे में रात्रि में यहां पर आने वाली गर्भवती महिलाओं को यदि ऑपरेशन की आवश्यकता होती है तो उनको प्राइवेट चिकित्सक के यहां जाने के विकल्प के अलावा कुछ भी रास्ता नहीं है।