एम.जी. पब्लिक स्कूल में मना विश्व मानवाधिकार दिवस
मुजफ्फरनगर। एम.जी. पब्लिक स्कूल में विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर जागरुकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने शिक्षक-शिक्षकाओं को मानवाधिकार के बारे में विस्तार से जानकारी दी और नागरिक कर्तव्यों के पालन के लिए प्रेरित किया।
आज एम.जी. पब्लिक स्कूल में विश्व मानव अधिकार दिवस मनाया गया। इस अवसर पर भारतीय संविधान में दिये गये मूलभूत अधिकारों के प्रति जनजागरण के लिए गोष्ठी आयोजित हुई। इसमें मुख्य अतिथि के रूप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सिविल जज ;सीनियर डिवीजनद्ध सलोनी रस्तोगी और किशोर न्याय बोर्ड की सदस्या बीना शर्मा उपस्थित हुई। स्कूल डायरेक्टर जी.बी. पाण्डे और प्रिंसीपल मोनिका गर्ग ने अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया। अतिथियों ने गोष्ठी में उपस्थित शिक्षक-शिक्षिकाओं को मानव के अधिकारों के बारे में बताया।
मानवाधिकार व्यक्ति का प्राकृतिक एवं बुनियादी अधिकार है। भारतीय संविधान में इसकी व्यापक व्याख्या करते हुए अधिकार दिये गये हैं। इसमें साफ है कि जाति, वर्ग, संप्रदाय एवं धर्म के आधार पर मानव के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने विश्व मानवाधिकार दिवस के इतिहास से अवगत कराते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 1948 में इसी दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकार दिवस मनाने की घोषणा की थी। हर साल 10 दिसम्बर को इसे मनाया जाता है। इस साल 'रिकवर बेटर-स्टैंडअप फाॅर हयूमन राइट' की थीम के साथ इसके मनाया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान सभी ने मानव अधिकारों के संरक्षण का संकल्प लिया। अतिथियों के द्वारा मानव के मौलिक अधिकारों की जानकारी देने के साथ मानवाधिकार की रक्षा की शपथ दिलाई गई। उन्होंने संकट के समय हम किस प्रकार सहायता लें, इसके बारे में समझाया। कार्यक्रम में शिक्षक शिक्षिकाओं ने मानवाधिकारों पर अपनी जिज्ञासा को लेकर अतिथियों से प्रश्नोत्तर भी किये।
अंत में प्रिंसीपल मोनिका गर्ग ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपने सामाजिक कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी के साथ कर रहा है, तो उसको अपने अधिकार स्वतः ही हासिल हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में मानवाधिकार को विशेष स्थान दिया गया है। इस हेतु राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन किया गया है। कोई भी व्यक्ति हनन होने पर मानवाधिकार आयोग या न्यायालय की शरण में जा सकता है। अंत में उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया।