सीबीआई ने किया शातिर साइबर गिरोह का पर्दाफाश, 4 राज्यों से चलाते थे ठगी का नेटवर्क
सीबीआइ ने एक ऐसे बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है जो कंप्यूटर यूजर्स के स्क्रीन पर कंप्यूटर खराब का मैसेज पॉप-अप करके पैसे वसूलने का काम करता था। अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है तो आप कंप्यूटर पर मालवेयर भेजकर पैसे ऐंठने वाले गैंग के निशाने पर हो सकते हैं।
सीबीआइ ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में छह कंपनियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करते हुए दस स्थानों पर छापा मारा है। ठगी करने वाली ये कंपनियां दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव और जयपुर से लोगों के कंप्यूटर पर मालवेयर भेजती थीं। लोगों के स्क्रीन पर कंप्यूटर के खराब होने का मैसेज आ जाता था।
लोग समझते थे कि उनके कंप्यूटर में किसी वायरस का अटैक हो गया है या कोई तकनीकी गड़बड़ी आ गई है। शातिर साइबर अपराधी स्क्रीन पर मैसेज के साथ ही हेल्पलाइन नंबर भी देते थे। साइबर अपराधी के झांसे में आने वाला शिकार जैसे ही उस नंबर पर फोन करता, शातिर उसे एंटी-वायरस डलवाने की सलाह देते।
शिकार के ऊपर फंदा कसने के लिए कंप्यूटर की तकनीकी गड़बड़ी दूर करने का झांसा देते हुए दूसरे हेल्पलाइन नंबर पर फोन करने की सलाह दी जाती थी। इनकी चाल ये होती थी कि सामान्य आदमी वसूली गैंग पर संदेह ना कर पाए। शातिर अपराधी फंसे हुए शिकार का कंप्यूटर ठीक करने के एवज में आनलाइन पेमेंट करने के लिए कहते थे।
पेमेंट मिलने के बाद साइबर अपराधी मालवेयर को कंप्यूटर से हटा लेते थे और कम्प्यूटर पहले की तरह ठीक काम करने लग जाता था। शिकार समझता था कि कंपनी ने गड़बड़ी ठीक कर दी है जबकि हकीकत में कंप्यूटर में कोई गड़बड़ी होती ही नहीं थी। ठगी का शिकार होने वाले को अपने साथ हुए खेल की भनक तक नहीं लग पाती थी। कंप्यूटर विशेषज्ञ का कहना है कि मालवेयर एक तरह का प्रोग्राम या फिर साफ्टवेयर का एक छोटा सा रूप है जिसे किसी भी कंप्यूटर से डाटा चुराने या उसे नुकसान पहुंचाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
सीबीआई के अनुसार जानकारी मिलने के बाद इस गिरोह की जांच शुरू हुई। जांंच करने वालेे सीबीआई अधिकारियों को पता चला 6 कंपनियां कंप्यूटर यूजर्स की आंखों में धूल झोंक कर उनसे वसूली करने का काम कर रही है। इनमें दिल्ली की शाफ्टविल इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड और सबूरी टीएलसी वल्डवाइड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, नोएडा स्थित बेनोवेलिएंट टेक्नोलॉजिज प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम स्थित सबूरी ग्लोबल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड तथा जयपुर स्थित इनोवाना थिंकलैब लिमिटेड व सिस्टविक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां बड़े पैमाने पर इस तरह वसूली में लगी हुई हैं।
पुख्ता सबूत इकट्ठा करने के बाद सीबीआई ने इन कंपनियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करके कंपनियों के दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और जयपुर स्थित आफिस पर छापा मारा। जांच में सुराग मिलने पर कंपनियों के जुड़े दो लोगों के फरीदाबाद और उत्तर प्रदेश के मैनपुरी स्थित घर पर छापा मारा गया। सीबीआई को तलाशी के दौरान कंप्यूटर, लैपटॉप और बैंक खाते से जुड़े बहुत सारे दस्तावेज बरामद हुए। वसूली करने वाले शातिर साइबर अपराधी फिलहाल सीबीआई की गिरफ्त से बाहर हैं। सीबीआई इन को गिरफ्तार करने केेेे लिए सरगर्मी से जुटी हुई है।