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आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने उठाई राष्ट्रीय स्तर पर ‘सनातन धर्म रक्षण बोर्ड’ बनाये जाने की मांग

आंध्र प्रदेश की पिछली वाईएसआरसीपी की सरकार में प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को बनाने में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया। खुद राज्य के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने ये आरोप लगाए हैं। जिसके बाद पूरे देश में यह मुद्दा गरमा गया है और इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग उठ रही है।

आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने उठाई राष्ट्रीय स्तर पर ‘सनातन धर्म रक्षण बोर्ड’ बनाये जाने की मांग
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विशाखापत्तनम। तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद को लेकर जारी विवाद के बीच आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम और जनसेना पार्टी के मुखिया पवन कल्याण ने राष्ट्रीय स्तर पर सनातन धर्म रक्षण बोर्ड बनाने की मांग उठा दी है। पवन कल्याण ने सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में लिखा कि पूरे देश में धार्मिक मामलों की देखरेख के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सनातन धर्म रक्षण बोर्ड बनाने की मांग की। गौरतलब है कि आरोप लगे हैं कि आंध्र प्रदेश की पिछली वाईएसआरसीपी की सरकार में प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को बनाने में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया। खुद राज्य के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने ये आरोप लगाए हैं। जिसके बाद पूरे देश में यह मुद्दा गरमा गया है और इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग उठ रही है। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर काफी कुछ लिखा जा रहा है। इस विवाद के बीच राज्य के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘तिरुपति बालाजी प्रसाद में जानवरों की चर्बी ;मछली का तेल, सूअर की चर्बी और बीफ की चर्बीद्ध मिलाए जाने की बात से हम सभी बहुत परेशान हैं। तत्कालीन वाईएसआरसीपी की सरकार द्वारा गठित टीटीडी बोर्ड को कई सवालों के जवाब देने होंगे। हमारी सरकार हरसंभव सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन, यह मामला मंदिरों के अपमान, भूमि संबंधी मुद्दों और अन्य धार्मिक प्रथाओं से जुड़े कई मुद्दों पर प्रकाश डालता है।’ पवन कल्याण ने लिखा कि ‘अब समय आ गया है कि पूरे भारत में मंदिरों से जुड़े सभी मुद्दों पर विचार करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर श्सनातन धर्म रक्षा बोर्ड’ का गठन किया जाए। सभी नीति निर्माताओं, धार्मिक प्रमुखों, न्यायपालिका, नागरिकों, मीडिया और अपने-अपने क्षेत्रों के अन्य सभी लोगों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे पर एक बहस होनी चाहिए। मुझे लगता है कि हम सभी को किसी भी रूप में ‘सनातन धर्म’ के अपमान को रोकने के लिए एक साथ आना चाहिए।

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