महाराष्ट्र सरकार के एमपी को ऑक्सीजन आपूर्ति रोकने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती

कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बीच ताज़ा विवाद खड़ा हो गया है। विवाद की जड़ उद्धव ठाकरे सरकार का मध्यप्रदेश को ऑक्सीजन आपूर्ति रोकने के फैसले से जुड़ी हुई है। आपको बता दें बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच महाराष्ट्र सरकार ने एक अहम फैसले में अपने यहां से अन्य राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति पर रोक लगा दी है। उल्लेखनीय है महाराष्ट्र के आक्सीजन गैस संयंत्रों से मध्य प्रदेश को रोजाना करीब 130 टन ऑक्सीजन मिलती है। इसकी आपूर्ति रुक जाने से मध्य प्रदेश के लिए गंभीर समस्या खड़ी हो सकती है। आज सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सूबे को ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी जाएगी। इस मसले को लेकर उन्होंने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से भी बात की।सीएम शिवराज ने ज़ोर देते हुए कहा कि इस संकट काल में ऑक्सीजन की सप्लाई रोकने से राज्य को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है। शिवराज चौहान ने कहाकि उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है। उनका इशारा उद्धव ठाकरे की तरफ था। शिवराज चौहान ने कहाकि हमने वैकल्पिक व्यवस्था भी की है।
उधर इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए ये तय किया कि महाराष्ट्र सरकार के आक्सीजन आपूर्ति रोकने संबंधित फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। शिवराज चौहान ने महाराष्ट्र सरकार से इस संबंध में चर्चा करने के साथ ही केंद्र को भी हालात से अवगत करा दिया है। वहीं, मध्य प्रदेश सरकार ने हालात से उपजे संकट से निपटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कर ली है। वहीं, उद्योग विभाग ने कमिश्नर और कलेक्टरों को औद्योगिक क्षेत्रों में लगने वाली ऑक्सीजन का प्रथम उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने ये भी आदेश दिया है कि प्रदेश में जहां भी ऑक्सीजन तैयार की जाती है, वहां इसकी मात्रा बढ़ाई जाए। दूसरी तरफ महाराष्ट्र के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य डॉ. प्रदीप व्यास ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत राज्य के प्लांट में बनने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति सिर्फ महाराष्ट्र में होगी। आपको बता दें महाराष्ट्र स्थित आइनॉक्स कंपनी, मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर और शिवपुरी सहित अन्य जिलों में ऑक्सीजन आपूर्ति का काम करती है।
वहीं, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है, आवश्यक हुआ तो सरकार हाईकोर्ट जाने से भी पीछे नहीं हटेगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि यह निर्णय देश की संघीय व्यवस्था के खिलाफ है। मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद महाराष्ट्र सरकार के अपने समकक्ष अधिकारियों से बात की।प्रमुख सचिव उद्योग संजय कुमार शुक्ला ने मामले में जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट से आपूर्ति की व्यवस्था बनाई गई है। कहा, ऑक्सीजन की फिलहाल कमी नहीं है, लेकिन भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए इंतजाम किए जा रहे हैं। वहीं, सूत्रों की मानें तो इस पूरे घटनाक्रम पर केंद्र सरकार सीधी नजर रख रही है। औद्योगिक क्षेत्र में लगने वाली ऑक्सीजन की जानकारी केंद्र सरकार अपने स्तर पर जुटा रही है। केंद्र सरकार का मकसद है कि भविष्य में ऐसे हालात उपजने पर उससे निपटने की कारगर रणनीति अमल में लाई जा सके।