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मन की बात में पीएम मोदी ने सुनाई मुजफ्फरनगर की प्रियंका की संघर्ष गाथा

मुजफ्फरनगर जनपद के बस कंडक्टर की पुत्री और मध्यम परिवार में जन्मी वाकिंग रेस खिलाड़ी प्रियंका आज टोक्यो ओलंपिक में जाने की तैयारी कर चुकी हैं। प्रियंका गोस्वामी ने मेरठ कैलाश प्रकाश स्टेडियम में अभ्यास किया है।

मन की बात में पीएम मोदी ने सुनाई मुजफ्फरनगर की प्रियंका की संघर्ष गाथा
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मुजफ्फरनगर। टोक्यो ओलंपिक में भाग लेकर देश का प्रतिनिधित्व करने वाली मुजफ्फरनगर की वाकिंग रेस खिलाड़ी प्रियंका गोस्वामी का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात में किया। 11 बजे शुरू हुए मन की बात प्रोग्राम में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुजफ्फरनगर जनपद की रहने वाली प्रियंका गोस्वामी का जीवन बहुत सीख देता है। प्रियंका के पिता तो बस कंडक्टर है। परिवार बहुत संपन्न नहीं हैं, मगर प्रियंका का हौसला सराहना योग्य है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने इस खिलाड़ी का प्रोत्साहन करते हुए कहा कि प्रियंका को बचपन से ही वो बैग पसंद था जिसमें खिलाड़ी मैडल रखकर ले जाते थे। बस मैडल वाला वो बैग ही प्रियंका को आज टोक्यो तक ले जा रहा है। उस बैग को पाने का आकर्षण ही प्रियंका को रेस वॉकिंग प्रतियोगिता तक ले गया। आज प्रियंका इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए टोक्यो ओलंपिक जा रही हैं। कैलाश प्रकाश स्टेडियम मेरठ में खिलाड़ियों ने देखा आयोजन मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में प्रधानमंत्री के मन की बात को सुनाने के लिए लाइव आयोजन किया जा रहा है। स्टेडियम में सांसद राजेंद्र अग्रवाल सहित आरएसओ व स्टेडियम में अभ्यास करने वाले सभी खिलाड़ियों को यह आयोजन लाइव दिखाया जा रहा है। खिलाड़ी आयोजन को लाइव देख रहे हैं। जैसे ही पीएम ने प्रियंका का नाम लिया तो खिलाड़ियों ने ताली बजाकर गर्व का अनुभव किया।

पीएम ने सभी देशवासियों से कहा कि हमें अपने खिलाड़ियों का उत्साह बढाना है। हमारे खिलाड़ी बहुत मेहनत से यहां तक पहुंचे हैं। अपने खिलाड़ियों पर हमें भरोसा रखना होगा। हमें अपने खिलाड़ियों पर दवाब नहीं बनाना है बल्कि उनका हौसला बढ़ाना है। हम सब मिलकर हैशटेग अभियान चलाकर अपने खिलाड़ियों का साहस बढ़ाएं।

प्रियंका गोस्वामी वाकिंग रेस में ओलंपिक में कोटा लेने वाली खिलाड़ी हैं। मूलरूप से मुजफ्फरनगर जनपद के बुढाघ्ना क्षेत्र के गांव सागड़ी की निवासी प्रियंका गोस्वामी 2006 में मेरठ गई थी। कैलाश प्रकाश स्टेडियम में गौरव त्यागी की कोचिंग करते हुए प्रियंका ने आगे बढ़ना शुरू किया। 2011 में प्रदेश स्तरीय एथलेटिक चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। पांच किलोमीटर की वाक रेस में गोल्ड मेडल लेने के साथ ही प्रियंका प्रदेश की बेस्ट एथलीट भी बनी। 2011 में ही प्रियंका ने नेशनल यूथ एथलेटिक चैंपियनशिप में भी पांच किमी वाक रेस में हिस्सा लेकर रजत पदक जीता। 10 किमी, 20 किमी पैदल चाल में राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय स्तर के पदक जीते हैं।

2011-2013 के दौरान अंडर 18 वर्ग में प्रियंका ने तीन स्वर्ण, तीन रजत, दो कांस्य पदक जीते उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रियंका गोस्वामी को रानी लक्ष्मीबाई अवार्ड के लिए भी चुना। रांची में ओलंपिक कोटा हासिल करने केा बाद प्रियंका गोस्वामी अब टोक्यो ओलंपिक में देश और प्रदेश का गौरव बढ़ाएंगी। ओलंपिक में प्रियंका गोस्वामी 20 किमी पैदल में भाग लेंगी।

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