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कोरोना वायरस के कारण इस साल भी कांवड़ यात्रा रद्द

ये लगातार दूसरा साल है, जब ये तीर्थयात्रा रद्द रहेगी। यात्रा के दौरान, कावड़िया या शिव भक्त अपने-अपने क्षेत्रों में शिव मंदिरों में चढ़ाने के लिए हरिद्वार से गंगा का पवित्र जल लाते हैं। उत्तराखंड ने राज्य हाई कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में अगले आदेश तक चार धाम यात्रा स्थगित करने के कुछ दिनों बाद कांवड़ यात्रा रद्द करने का कदम उठाया है।

कोरोना वायरस के कारण इस साल भी कांवड़ यात्रा रद्द
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देहरादून। कोरोना वायरस का प्रकोप दूसरे साल भी कांवड़ यात्रा 2021 पर आखिरकार पड़ ही गया। उत्तराखंड सरकार ने इस साल भी कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने कोरोना महामारी की वजह से सावन माह में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को रद्द करने का निर्णय लिया है।

ये लगातार दूसरा साल है, जब ये तीर्थयात्रा रद्द रहेगी। यात्रा के दौरान, कावड़िया या शिव भक्त अपने-अपने क्षेत्रों में शिव मंदिरों में चढ़ाने के लिए हरिद्वार से गंगा का पवित्र जल लाते हैं। उत्तराखंड ने राज्य हाई कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में अगले आदेश तक चार धाम यात्रा स्थगित करने के कुछ दिनों बाद कांवड़ यात्रा रद्द करने का कदम उठाया है। हाईकोर्ट ने सोमवार को सीमित संख्या में तीर्थयात्रियों के साथ चार धाम यात्रा की अनुमति देने वाले राज्य कैबिनेट के फैसले पर रोक लगा दी थी और चार धाम मंदिरों की लाइव स्ट्रीमिंग का भी आदेश दिया था।

इसने सरकार से 7 जुलाई तक फिर से हलफनामा दाखिल करने को भी कहा। आदेशों के बावजूद, उत्तराखंड सरकार ने तीर्थयात्रा के लिए कोविड-19 दिशा निर्देशों का एक नया सेट जारी किया था और कहा था कि यात्रा का पहला चरण 1 जुलाई से शुरू होगा, जबकि दूसरा चरण 11 जुलाई से शुरू होगा। अब राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के स्टे आर्डर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उनियाल ने इस हफ्ते की शुरुआत में कहा था कि हाईकोर्ट ने भले ही चार धाम यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया हो, लेकिन सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अब केवल सर्वोच्च न्यायालय ही इस मामले पर फैसला करेगा।

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