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मुजफ्फरनगर---सरकार के खिलाफ जैन समाज का अनशन

धर्म तीर्थ श्री सम्मेद शिखरजी बचाने को जैन अतिथि भवन में उमड़ा समाज का सैलाब, दस जनवरी तक दिन रात क्रमिक अनशन करने का निर्णय, आंदोलन में महिलाएं होंगी शामिल

मुजफ्फरनगर---सरकार के खिलाफ जैन समाज का अनशन
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मुजफ्फरनगर। झारखंड में स्थित जैन धर्म के प्रमुख तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी के धार्मिक अस्तित्व को कायम रखने और अपना तीर्थ बचाने के लिए लगातार आंदोलन कर रहे जैन समाज ने आज यहां केन्द्र सरकार के निर्णय के विरोध में क्रमिक अनशन प्रारम्भ कर दिया। इस दौरान सैंकड़ों की संख्या में जैन समाज के लोग अपनी धर्म पताका लहराते हुए इस अनशन में शामिल हुए। सकल जैन समाज जनपद मुजफ्फरनगर के तत्वाधान में विश्व जैन संगठन के आह्नान पर चल रहे आंदोलन की कड़ी में आयोजित यह अनशन दिन रात लगातार चलाया जायेगा। इसमें ज्यादा से ज्यादा संख्या में समाज के लोगों से जुड़ने का आह्नान किया जा रहा है। इस प्रदर्शन में महिलाओं की भी बड़ी भागीदारी होने की संभावना है।


सकल जैन समाज के पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार सोमवार को जैन समाज के लोगों ने श्री सम्मेद शिखर बचाओ का नारा बुलन्द करते हुए केन्द्र और झारखंड सरकारों के खिलाफ क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। यहां मौहल्ला प्रेमपुरी स्थित भारत माता चौक पर जैन अतिथि भवन में सवेरे सर्द सुबह के बीच ही जैन समाज के लोगों का जुड़ाव होना शुरू हो गया था। आज से यह क्रमिक अनशन लगातार किया जायेगा। इस अवसर पर वक्ताओं ने इस बात पर नारजागी जताई कि जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ शिखर श्री सम्मेद शिखर जी, जहां पर अनेकानेक तीर्थंकर भगवान और समाज के प्रमुख संतों का मोक्ष हुआ, उस पवित्र धरती को सरकार पर्यटन स्थल बनाने जा रही है, जो निंदनीय है।


वक्ताओं ने कहा कि सरकार को यह याद रखना चाहिए कि श्री सम्मेद शिखरजी तीर्थ स्थल है, कोई पर्यटन स्थल नहीं है। उसकी पवित्रता और धार्मिक स्वरूप को कोई भी आंच आने नहीं दी जायेगी। वक्ताओं ने कहा कि सरकार को वन एवं पर्यावरण मंत्रालाय द्वारा जारी किये गये इको सिस्टम सेंसेटिव जोन संबंधी आदेश को तत्काल वापस लेना चाहिए। इस अवसर पर आज पहले दिन सुबह 9 बजे से रात्रि 9 बजे तक के लिए व्यापारी पंकज जैन, सपा नेता गौरव जैन, अमन जैन, नमो जैन, प्रवीण जैन, नितिन जैन मोन्टू सहित समाज के अन्य लोगों ने क्रमिक अनशन किया। यहां पर समाज के लोगों ने अपनी चार प्रमुख मांग फिर से उठाई, इनमें श्री सम्मेद शिखर पारसनाथ पवर्तरात को केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के तहत वन्यजीव अभ्यारण्य, पर्यावरण धार्मिक पर्यटन स्थल की सूची से तत्काल बाहर करने, पारसनाथ पर्वतराज और मुधबन को मांस मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र जैन तीर्थ स्थ्ल घोषित करने, पेडों का अवैध कटान, पत्थरों का अवैध खनन रोकने और वन्दना मार्ग को अतिक्रमण और अभक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त करने के साथ ही जांच के लिए सीआरपीएफ की चेक पोस्ट बनाने की मांग शामिल हैं।


क्रमिक अनशन पर बैठे गौरव जैन ने कहा कि जैन धर्मावलंबियों के आस्था के गढ़ सम्मेद शिखर जी पर आज संकट गहरा गया है। सम्मेद शिखर जी को जब से वन्य अभ्यारण्य क्षेत्र ;पर्यटक स्थल क्षेत्रद्ध केंद्र व झारखण्ड सरकार द्वारा घोषित किया गया है, तब से जैन समाज इस तानाशाही निर्णय के खिलापफ लामबंद होकर आंदोलनरत है। समाज के द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करते हुए लगातार प्रयास किया जा रहा है कि यह निर्णय सरकारों के द्वारा वापस लिया जाए, ताकि जैन समाज का पवित्र आस्था केंद्र शिखरजी की पवित्रता यथावत बनी रहे। इसी सम्बन्ध में आज से जैन अतिथि भवन में सकल जैन समाज के आह्नान पर यह क्रमिक अनशन का कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ है। यह अनशन 10 जनवरी तक दिन और रात 24 घंटे जारी रखा जायेगा। 12-12 घंटे के अंतराल के लिए यहां पर समाज के लोगों के द्वारा अनशन किया जायेगा। उन्होंने समाज के सभी लोगों से इस आंदोलन में जुटने का आह्नान किया, ताकि सरकार को एक बड़ा संदेश दिया जा सके।

अनशन पर पहुंचे मंत्री कपिल देव, झेलना पड़ा समाज का विरोध

जैन अतिथि भवन मुजफ्फरनगर में आज जैन समाज के क्रमिक अनशन की जानकारी मिलने पर राज्य सरकार के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार एवं नगर विधायक कपिल देव अग्रवाल भी पहुंचे। उनको जैन समाज की सरकार के निर्णय को लेकर बनी नाराजगी और विरोध का भी सामना करना पड़ा।


उन्होंने बताया कि सोमवार को नगर के प्रेमपुरी स्थित जैन अतिथि भवन में तीर्थराज श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में आयोजित धरने में जैन समाज के व्यक्तियों के बीच पहुंचकर उनकी भावना को समझा और समस्या को सुना। इस बीच सरकार तक उनकी बात पहुंचाने के लिए आश्वस्त किया गया है। मंत्री कपिल देव ने जैन समाज के बीच कहा कि संपूर्ण विश्व के जैन समाज और भारत की आध्यात्मिक विरासत एवं आस्था के प्रतीक श्री सम्मेद शिखर जी कोई पर्यटन स्थल नहीं अपितु भारत की आध्यात्मिक और ज्ञान ऊर्जा को समेटे हुए एक जीवंत पीठ है। जैन समाज की भावना के अनुरूप सरकार के निर्णय में परिवर्तन करने का मैं भी समर्थन करते हूं और सरकार तक समाज की भावना को पहुंचाने के लिए हर स्तर से प्रयास किया जायेगा।

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