इस्राइल-हमास संघर्ष पर चर्चा के बीच पाक ने किया कश्मीर का जिक्र
भारत ने कहा- यह सवाल प्रतिक्रिया के लायक नहीं
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चर्चा के बीच पाकिस्तान की तरफ से बार-बार कश्मीर मुद्दे का जिक्र किया जाना जारी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा समेत अधिकतर मंचों पर उसे भारत की तरफ से हर बार करारा जवाब मिलता है। हालांकि इस बार सुरक्षा परिषद में एक बैठक के दौरान पाकिस्तान की तरफ से फिर कश्मीर मुद्दा उठाने के बाद भारत ने उसे जवाब न देने का निर्णय लिया। भारत ने साफ किया कि पाकिस्तान की तरफ से इस मुद्दे पर सवाल न तो प्रतिक्रिया के लायक हैं, और न हीं भारत इस मुद्दे पर जवाब देकर मामले को तूल देना चाहता है।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मंगलवार को ही इस्राइल-हमास संघर्ष और इसके चलते पश्चिमी एशिया में उपजी स्थिति को लेकर चर्चा चल रही थी। इसी दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने कश्मीर के मुद्दे को भी उठाया। हालांकि, भारत की ओर से उप-स्थायी प्रतिनिधि आर रवींद्र ने कहा कि एक डेलिगेशन ;पाकिस्तानी डेलिगेशनद्ध की तरफ से भारत के केंद्र शासित प्रदेश को लेकर टिप्पणी की गई, जो कि भारत का अखंड और अविभाज्य अंग हैं। इससे पहले, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि सभी तरह के आतंकवादी कृत्य गैर-कानूनी और अनुचित हैं, चाहे उन्हें लश्कर-ए-तैयबा ने मुंबई में लोगों को निशाना बनाकर अंजाम दिया हो या हमास ने किबुत्ज बेरी में लोगों को निशाना बनाया हो। गौरतलब है कि मुंबई पर 2008 में हुए 26/11 हमलों में लश्कर-ए-तयैबा आतंकी संगठन का हाथ था। इसे लेकर भारत ने पाकिस्तान को कई सबूत भी सौंपे। लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। ब्लिंकन ने आगे कहा, ‘‘हमें अपनी रक्षा करने और ऐसी भयावहता को फिर होने से रोकने के किसी भी राष्ट्र के अधिकार की सुरक्षा करनी चाहिए।
इस परिषद का कोई भी सदस्य, इस संपूर्ण निकाय का कोई भी राष्ट्र अपने लोगों की हत्या बर्दाश्त नहीं कर सकता और न ही करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि इस परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बार-बार कहा है कि आतंकवाद के सभी कृत्य गैरकानूनी और अनुचित हैं। ये गैरकानूनी और अनुचित हैं, फिर चाहे नैरोबी में लोगों को निशाना बनाया गया हो या बाली में... ये हमले इस्तांबुल में हुए हों या मुंबई में, न्यूयॉर्क में हुए हों या किबुत्ज बेरी में।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये गैरकानूनी और अनुचित हैं, चाहे उन्हें आईएसआईएस ने अंजाम दिया हो या बोको हराम, अल शबाब, लश्कर-ए-तैयबा या हमास ने अंजाम दिया हो।