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बढी गर्मी और मानसून के लिए करना होगा जुलाई का इंतजार

मौजूदा मौसम संबंधी स्थितियां और पूर्वानुमानों से संकेत मिलता है कि अगले सप्ताह तक दक्षिण-पश्चिम मानसून के राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पंजाब के शेष हिस्सों में बढ़ने की संभावना नहीं है।

बढी गर्मी और मानसून के लिए करना होगा जुलाई का इंतजार
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नई दिल्ली। एक बार फिर गर्मी के तेवर तीखे होने के साथ दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश और पंजाब के कुछ हिस्सों, हरियाणा और राजस्थान को मानसून की बारिश के लिए जुलाई तक इंतजार करना होगा।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अंबाला और अमृतसर से होकर गुजरती है। आईएमडी ने एक बयान में कहा कि मौजूदा मौसम संबंधी स्थितियां और पूर्वानुमानों से संकेत मिलता है कि अगले सप्ताह तक दक्षिण-पश्चिम मानसून के राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पंजाब के शेष हिस्सों में बढ़ने की संभावना नहीं है। बयान के मुताबिक, 30 जून तक उत्तर पश्चिम भारत के अलग-अलग स्थानों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश और गरज के साथ छीटें पड़ने की संभावना है। आईएमडी ने यह भी कहा कि भारत में अब तक मानसून के मौसम में 28 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। 23 जून तक 145।8 मिमि बारिश हुई है, जबकि सामान्य बारिश 114.2 मिमि है। बारिश नहीं होने की वजह से उत्तर-पश्चिम और आसपास के मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है। आईएमडी ने कहा कि देश के किसी भी हिस्से में लू चलने की संभावना नहीं है। केरल में दो दिन देरी से पहुंचने के बाद, मानसून ने पूरे देश में सामान्य से सात से 10 दिन पहले पूर्वी, मध्य और आसपास के उत्तर-पश्चिम भारत को कवर लिया है। आईएमडी ने पहले अनुमान जताया था कि दिल्ली में हवा की स्थिति की वजह से समय से 12 दिन पहले 15 जून को मानसून आ सकता है। आम तौर पर मानसून 27 जून तक दिल्ली पहुंच जाता है और आठ जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है।

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