कांग्रेस पर भारी पडेगी कैप्टन की बेइज्जती
चंडीगढ़। क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह की बेइज्जती कांग्रेस को भारी पडने वाली है? कैप्टन यह भी स्पष्ट कर चुके हैं कि अगर कांग्रेस हाईकमान नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री बनाती है तो वह उनके साथ नहीं होंगे। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि कैप्टन ऐसी स्थिति में कांग्रेस में नहीं रहेंगे। इसके बाद उनके पास भाजपा में जाने या अपनी पार्टी बनाकर पांचवा फ्रंट खोलने का ही विकल्प रहेगा।
वहीं जानकारों के अनुसार 79 वर्षीय कैप्टन के अपनी पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में आने की संभावना भी कम ही दिखाई दे रही है। क्योंकि, इस उम्र में अपनी पार्टी बनाना और उसे चलाना कैप्टन के लिए आसान नहीं होगा। ऐसे में कैप्टन के सामने भारतीय जनता पार्टी में जाना या भाजपा को सपोर्ट करना विकल्प हो सकते हैं। वैसे भी कैप्टन अमरिंदर सिंह के भाजपा नेताओं के साथ अच्छे संबंध रहे हैं।
कैप्टन के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ अच्छे संबंध रहे है। चूंकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर भी राष्ट्रवाद को लेकर प्रखर हैं और भाजपा भी राष्ट्रवाद की राजनीति करती है, ऐसे में कैप्टन के समक्ष भाजपा एक बड़ा विकल्प हो सकती है।