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पर्यावरण के सहारे सोनिया-राहुल ने साधा पीएम मोदी पर निशाना

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार के पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) 2020 को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करते हुए गुरुवार को कहा कि यह प्रस्ताव पर्यावरण विरोधी है

पर्यावरण के सहारे सोनिया-राहुल ने साधा पीएम मोदी पर निशाना
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नयी दिल्ली। पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) 2020 को लेकर कांग्रेस ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है। पर्यावरण के सहारे कांग्रेस पूरी तरह से हमलावर नजर आयी और ईआईए को प्रदूषण फैलाने का रास्ता खोलने वाला बताते हुए कहा कि इसके दूरगामी दुष्प्रभाव भारतवासियों को भुगतने होंगे। सोनिया गांधी ने एक समाचार पत्र में ईआईए 2020 पर पूरा लेख प्रकाशित किया और इसमें केन्द्र सरकार के इस प्रस्ताव को पर्यावरण के विरु( बताते हुए कई सवाल उठाये।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार के पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) 2020 को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करते हुए गुरुवार को कहा कि यह प्रस्ताव पर्यावरण विरोधी है और इससे प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले लोगांे का मनोबल बढ़ेगा। श्रीमती गांधी ने अंग्रेजी के एक समाचार पत्र में इस संबंध में छपे अपने लेख के द्वारा सरकार को घेरते हुए कहा कि उसे मालूम होना चाहिए कि हमारा देश जैव विविधता का भंडार है और इसकी सुरक्षा हम सबका दायित्व है। कोरोना महामारी के दौरान सरकार को पर्यावरण की रक्षा के लिए काम करना चाहिए था लेकिन इस दिशा में अच्छे कदम उठाने की बजाय सरकार पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली नीति का प्रस्ताव लेकर आई है। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए पर्यावरण प्रभाव आकलन ;ईआईएद्ध 2020 ड्राफ्ट की हर ओर आलोचना हो रही है। विपक्षी पार्टियांे से लेकर पर्यावरण का मुद्दा उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता भी इसका विरोध कर रहे हंै। अब कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मसले पर एक लेख लिखा है, जिसमें उन्हांेने मोदी सरकार की इस नीति की कड़ी आलोचना की है। श्रीमती गांधी ने कहा कि नई पर्यावरण नीति से पूंजीपतियांे को विकास के नाम पर पर्यावरण को हानि पहुंचाने का वैधानिक मौका मिल जाएगा और पर्यावरण संरक्षण की बजाय देश में प्रदूषण फैलाने की नई परम्परा की शुरुआत होगी। राहुल गांधी ने भी एक बार फिर इस प्रस्ताव को लेकर सरकार पर हमला किया और कहा कि प्रकृति की रक्षा करंेगे तो वह हमारी रक्षा करेगी। सरकार को पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले नियमांे को खत्म करना चाहिये और इस क्रम में सबसे पहले ईआईए 2020 प्रस्ताव को वह वापस ले। श्रीमती गांधी ने अपने लेख में लिखा कि प्रकृति की रक्षा सबका धर्म है। देश और दुनिया कोरोना महामारी का जो संकट झेल रही है वह हमारे लिए एक नई सीख है और इससे सबक लेते हुए हमें पर्यावरण की रक्षा के लिए काम करना चाहिए। उन्हांेने कहा कि विकास की दौड़ अच्छी है लेकिन इसके लिए पर्यावरण की बलि नहीं दी जा सकती। विकास के लिए प्रकृति दोहन की भी एक सीमा तय की जानी चाहिए। इसमें सरकार की गलत नीतियांे के कारण पर्यावरण रक्षा में हम दुनिया से काफी पीछे छूट गए हंै। उन्हांेने कहा कि सरकार को पर्यावरण के बिगड़ते संतुलन की अनदेखी नहीं करनी चाहिए और इसकी सुरक्षा के उपाय करने चाहिए। इसके लिए सबसे पहले यह घातक प्रस्ताव वापस लिया जाना चाहिए। गौरतलब है कि सरकार जिस ईआईए को लागू करने जा रही है, उसके तहत विकास कार्यों के लिए पर्यावरण मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है।

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