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पालिका में दो अधिकारियों सहित 12 का वेतन रूका, हड़ताल की चेतावनी

स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन ने वेतन जारी नहीं करने पर कार्य बहिष्कार की दी चेतावन, सोमवार को होगी वार्ता

मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर। नगर पालिका परिषद में अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। ईओ ने ड्यूटी में लापरवाही और ऑडिट टीम की शिकायतों के आधार पर दो अधिकारियों और 10 कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है। 12 लोगों का वेतन रुक जाने से कर्मचारियों में भारी आक्रोश फैल गया है। स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों ने ईओ को चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र वेतन जारी नहीं हुआ तो कार्य बहिष्कार और हड़ताल के लिए मजबूर होना पड़ेगा। सोमवार को इस मुद्दे पर ईओ और संगठन के बीच वार्ता तय की गई है।
शासन में हुई शिकायतों के आधार पर पालिका में कुछ विवादित प्रकरणों को लेकर विशेष ऑडिट का काम चल रहा है। ऑडिट टीम को वांछित दस्तावेज और पत्रावलियां उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं, टीम प्रभारी ने इसकी शिकायत ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह से की तो उन्होंने जांच में दोषी पाये जाने पर अधिकारियों और संबंधित लिपिकों के वेतन आहरण पर रोक लगा दी। इसके साथ ही ड्यूटी के प्रति लापरवाही बरतने, बिना अवकाश सूचना के गायब रहने पर भी कुछ कर्मचारियों का वेतन रोका है। इसी को लेकर अब पालिका में संगठन और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन उत्तर प्रदेश की स्थानीय शाखा के अध्यक्ष ब्रजमोहन और महामंत्री सुनील वर्मा ने बताया कि इसको लेकर ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह से मिलकर उनको पत्र भी दिया गया। पालिकाध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप को भी समस्या से अवगत कराया गया। संगठन का कहना है कि इन दिनों कार्य की अधिकता के कारण कर्मचारी मानसिक दबाव सहकर भी कार्य कर रहे हैं। उनको पालिका में अपने दायित्व निभाने के साथ ही अपने निर्धारित पटल से अतिरिक्त अन्य पटल का कार्य भी सम्पादित करना पड रहा है। जबकि गत वर्षों में बड़ी संख्या में नगर पालिका कार्यालय का काफी स्टाफ सेवानिवृत्त हो चुका है तथा निकट समय में भी कुछ कर्मचारी सेवानिवृत्त होने वाले हैं इस कारण कार्य व्यवस्था को सुचारू रखने के उद्देश्य से कर्मचारियों द्वारा कार्यालय समय के अतिरिक्त सांय 5.00 बजे के उपरांत भी कार्य करना पडता है एवं अवकाश के दिनों में भी कार्य करना पडता है। कर्मचारियों द्वारा शासन द्वारा चलाये जाने वाले निर्वाचक नामावली पुनरीक्षण, प्रधानमन्त्री आवास योजना, वृद्धावस्था पेंशन योजना, विकलांग पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना, राशन कार्डों का सत्यापन जैसे महत्वपूर्ण व राष्ट्रीय हित के कार्य सम्पादित किये जाते हैं। साथ ही समय-समय पर उच्चाधिकारियों द्वारा सौंपे गये अन्य कार्य जैसे- अतिक्रमण अभियान, पॉलिथीन अभियान, व कांवड यात्रा सम्बन्धी महत्वपूर्ण कार्य भी पूर्ण निष्ठा एवं लगन के साथ सम्पादित किये जाते हैं। इसके बावजूद भी उनका उत्पीड़न हो रहा है।
ऐसे में गत माह कई कर्मचारियों के आकस्मिक अवकाश पर होने पर भी उनका वेतन रोका गया है। इनमें से कई कर्मियों ने सीएल भी दिया है, परन्तु फिर भी उन पर कार्यवाही की गई। इससे वो मानसिक रूप से परेशान हैं। कर्मचारियों की समस्या के सम्बंध में ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह से वार्ता कर राहत की मांग की गई, लेकिन पालिकाध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप द्वारा समाधान के लिए सहमति प्रदान करने के बावजूद भी कर्मचारियों का वेतन आहरण नहीं हुआ है। पालिका कर्मचारी अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों की श्रेणी में आते हैं। वेतन रोके जाने पर उन्हें मानसिक व आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
संगठन शाखा अध्यक्ष ब्रजमोहन और महामंत्री सुनील वर्मा ने बताया कि ईओ द्वारा एई निर्माण नेपाल सिंह, कार्यवाहक कर अधीक्षक पारूल यादव के साथ ही लिपिक प्रवीण कुमार, फिरोज खान, राजीव वर्मा, नितिन कुमार, शोभित सिंघल के अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मियों वसीम अहमद, अरूण कुमार, इमरान, बिजेन्द्र कुमार आदि का वेतन रोका गया है। ये सीधे तौर पर कर्मियों का उत्पीड़न है और इस निर्णय से कर्मचारियों में अत्यन्त नाराजगी है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि समाधान नहीं होता है तो कार्य बहिष्कार किया जायेगा। सुनील वर्मा ने बताया कि सोमवार को ईओ के साथ इस मुद्दे पर वार्ता तय है, इसके बाद ही अगला निर्णय लिया जायेगा।
ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह का कहना है कि ऑडिट टीम को वांछित सूचना और पत्रावलियां विभागों से उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं, जिससे पालिका प्रशासन की छवि धूमिल हुई और शासन से भी नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य, निर्माण और कर विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन वांछित दस्तावेज उपलब्ध कराने तक रोका गया है, ये उनका दायित्व है। वहीं चर्तुाि श्रेणी कर्मचारी इमरान तीन माह से ड्यूटी पर नहीं आ रहा है। तो कुछ कर्मचारियों ने ड्यूटी के प्रति अपनी जिम्मेदारियों में गंभीर लापरवाही दिखाई है, इस कारण उनका एक माह का वेतन रोका है। सोमवार को वार्ता के बाद ही निर्णय लिया जायेगा।

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