विकास बालियान ने लगाए 200 एकड़ भूमि अधिग्रहण पर गंभीर आरोप, कहा-मेरा एक भी आरोप गलत साबित हुआ तो मुझे जेल भेज दें अधिकारी, डीएम बोले- मामले की होगी निष्पक्ष जांच
मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर में दिल्ली देहरादून हाईवे पर सहारा समूह की जमीन पर विकसित हो रही टाउनशिप न्यू मैक्स सिटी परियोजना को लेकर चल रहा विवाद एक बार फिर नए आरोपों और सवालों के साथ उभर कर सामने आया है। परियोजना की वैधता और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए भाजपा नेता व समाजसेवी विकास बालियान ने शुक्रवार को जिलाधिकारी को विस्तृत दस्तावेज सौंपे। उनका दावा है कि जिस सपनों की सिटी का वादा कर किसानों और निवेशकों को आकर्षित किया गया, उसके पीछे एक बड़ा धोखा, ठगी और फर्जीवाड़े की साजिश का काला खेल छिपा है।
मुजफ्फरनगर में सहारा इंडिया की भूमि पर विकसित हो रही महत्वाकांक्षी न्यू मैक्स सिटी परियोजना पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। शुक्रवार दोपहर समाजसेवी विकास बालियान जिला मुख्यालय पहुंचे, जहाँ उन्होंने न्यू मैक्स सिटी टाउनशिप को लेकर धोखाधड़ी, ठगी और फर्जीवाड़े के आरोपों के साथ अपनी शिकायत के रूप में 71 पेज का विस्तृत दस्तावेज जिलाधिकारी उमेश मिश्रा को सौंपा। इस शिकायती पत्र में दावा किया गया है कि परियोजना के लिए 200 एकड़ से अधिक कृषि भूमि का अधिग्रहण अवैध तरीके से किया गया, और इसका उपयोग मूल उद्देश्य से हटकर व्यावसायिक गतिविधियों में किया जा रहा है।
इस प्रकरण को उठाकर सनसनी मचा देने वाले विकास बालियान का कहना है कि उन्होंने जो सबूत जमा किए हैं उनमें सेबी की जांच रिपोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के आदेश, एमडीए से जुड़े अभिलेख, भूमि क्रय-विक्रय से जुड़ी रजिस्ट्री और अन्य सरकारी दस्तावेज शामिल हैं। उनका आरोप है कि किसानों को गुमराह कर उनकी बेशकीमती जमीन हड़पी गई और बाद में उन भूखंडों का इस्तेमाल ऐसी परियोजनाओं में किया गया, जिनकी अनुमति न तो विकास प्राधिकरण ने दी और न ही राजस्व विभाग ने ही कोई स्वीकृति प्रदान की है। उन्होंने यह भी कहा कि अवैध अधिग्रहण के चलते सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान पहुंचा है। बालियान ने कड़े शब्दों में चुनौती देते हुए कहा कि अगर मेरे आरोपों में एक भी तथ्य गलत निकले, तो प्रशासन मुझे तुरंत जेल भेज दे।
गौरतलब है कि इस शिकायत से एक दिन पहले ही न्यू मैक्स सिटी की लीगल टीम ने मुजफ्फरनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर परियोजना को पूरी तरह वैध बताया था। कंपनी के वकीलों ने दावा किया था कि तमाम भूमि कानूनी तरीके से खरीदी गई, सभी अनुमतियां प्राप्त हैं और किसानों या निवेशकों के साथ किसी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं की गई। हालांकि, नई शिकायत पर कंपनी प्रबंधन ने अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। शिकायत मिलने के बाद जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने मामला गंभीर बताते हुए निष्पक्ष और विस्तृत जांच का आश्वासन दिया है। डीएम ने कहा कि शिकायत में लगाए गए हर बिंदु की गहराई से जांच होगी और यदि कहीं भी अनियमितता पाई जाती है तो कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
न्यू मैक्स सिटी परियोजना पर इससे पहले भी किसान, निवेशक और स्थानीय लोग सवाल उठाते रहे हैं। बीते वर्षों में सेबी, विभिन्न राज्य एजेंसियों, तथा न्यायालयों द्वारा इसकी कई बार जांच हो चुकी है। इन जांचों में भूमि खरीद, फंडिंग और स्वामित्व से जुड़े पहलुओं की पड़ताल की गई थी। जिले में इस नए घटनाक्रम के बाद एक बार फिर परियोजना सुर्खियों में है। शिकायत के दस्तावेजों में गंभीर आरोपों का उल्लेख होने से प्रशासन की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। अब सभी की नजर डीएम द्वारा गठित टीम की जांच पर टिकी है, जो तय करेगी कि यह विवाद तथ्य आधारित है या राजनीतिक रंग लिए हुए है। विकास बालियान ने मीडिया से कहा कि मैंने पूरे प्रमाणों के साथ शिकायत दी है। सच सामने आना चाहिए। अगर मैं गलत हूँ तो मुझे सजा मिलनी चाहिए, लेकिन अगर घोटाला हुआ है तो दोषियों पर कार्रवाई जरूरी है। प्रशासन की रिपोर्ट आने तक शहर में न्यू मैक्स सिटी प्रकरण चर्चा का प्रमुख विषय बना हुआ है।






