भारतीय किसान यूनियन के विधिक सलाहकार ने जारी की चेतावनी, यूनियन के नाम के अनधिकृत उपयोग पर कानूनी कार्यवाही का ऐलान
मुजफ्फरनगर। देशभर में किसानों के हक और आवाज को बुलंद करने वाली प्रतिष्ठित संस्था भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के शीर्ष नेतृत्व ने यूनियन के नाम के अनधिकृत उपयोग पर सख्त आपत्ति जताई है। संगठन की ओर से एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया है कि भारतीय किसान यूनियन नाम ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999 के अंतर्गत विधिवत रूप से पंजीकृत है और किसी भी प्रकार से इसके नाम का दुरुपयोग कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है और अगकर इसका गलत उपयोग किया गया तो मुकदमा दर्ज कराकर कानूनी कार्यवाही करने की चेतावनी भी दी गई है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय विधिक सलाहकार और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अली जैदी द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भारतीय किसान यूनियन का यह ट्रेडमार्क 26 जुलाई 2025 को ट्रेडमार्क जर्नल संख्या 2199 में दर्ज किया गया था। पंजीकरण संख्या 3888524 के तहत यह नाम संगठन को देशभर में अपने सभी कृषि, सामाजिक और संगठनात्मक कार्यों के लिए विशिष्ट और वैध अधिकार प्रदान करता है। उल्लेखनीय है कि इसका पहला उपयोग 2 जुलाई 2003 को स्थापित हुआ था।
संगठन की ओर से खुलासा किया है कि हाल के समय में कुछ व्यक्ति और समूह संगठन के नाम से मिलते-जुलते या भ्रमित करने वाले नामों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन समूहों की गतिविधियाँ संगठन से किसी भी प्रकार की वैध या कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं हैं, फिर भी वे स्वयं को भारतीय किसान यूनियन से जुड़ा हुआ दर्शा रहे हैं। ऐसे सभी नामों का प्रयोग ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999 और भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत अपराध है, जो ट्रेडमार्क उल्लंघन, मिथ्या प्रस्तुतीकरण और सार्वजनिक धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है।
कहा गया है कि भारतीय किसान यूनियन ने इन गतिविधियों के विरुद्ध कठोर कदम उठाते हुए संबंधित व्यक्तियों और समूहों को सीज़ एंड डेसिस्ट नोटिस जारी किए हैं। संगठन ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई भी संस्था या व्यक्ति बिना अनुमति भारतीय किसान यूनियन नाम या उससे मिलते-जुलते नाम का उपयोग करता पाया गया, तो उनके विरुद्ध नागरिक और आपराधिक मुकदमे, न्यायालयीन आदेश, हर्जाना, और अभियोजन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। संगठन ने आम जनता, मीडिया, और सभी सरकारी अधिकारियों से अपील की है कि वे किसी भी समानान्तर संगठन या भ्रामक नाम से संचालित निकाय से न तो कोई व्यवहार करें और न ही उन्हें किसी प्रकार की मान्यता दें। भारतीय किसान यूनियन ने अंत में यह दोहराया कि वह किसानों की सेवा, हक और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और ऐसे अवैध प्रयासों के खिलाफ पूरी ताकत से खड़ा रहेगा।






