माननीय और नौकरशाही में ठनी रार सूबे का कैसे होगा बेड़ा पार
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सैयद अख्तर अली12 Sept 2020 9:46 PM IST
अबकी बार भ्रष्टाचार मुक्त सरकार, बहुत हो गया अत्याचार जैसे लुभावने वायदे देकर भाजपा सत्ता में आयी थी। भाजपा सरकार ने सूबे के समेकित विकास के लिए कई अभिनव प्रयोग किए। प्रयोग के तहत एक तरफ जहां मंत्रियों को जनपद प्रभारी बनाया वहीं दूसरी तरफ शासन में तैनात सीनियर आईएएस अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाकर जनपदों में भेजा। हर स्तर पर कोशिश की गई कि जनता के बीच कोई नकारात्मक संदेश ना जाए यह प्रयोग काफी हद तक सफल भी रहा। लेकिन धीरे-धीरे महत्वाकांक्षा टकराने से विधायक और आईएएस, आईपीएस सामने आ गए।
कई उदाहरण ऐसे सामने आए जहां दोनों की रार खुलकर सामने आ गई। ऐसे मौके आने पर सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। विधायकों ने जहां स्थानीय प्रशासन के ऊपर मनमाफिक फैसले लेने का दबाव बनाया वही नौकरशाही को शिकायत रही कि उनके अधिकारक्षेत्र और कामकाज में विधायक फ़िज़ूल अड़ंगेबाजी कर रहे हैं। कई विधायकों ने चिट्ठी के माध्यम से अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए लिखा कि स्थानीय आईपीएस, आईएएस अधिकारी उन्हें भाव नहीं दे रहे हैं। यह मामला अभी ठंडा नहीं हुआ था कि महोबा से भाजपा विधायक गुड्डू राजपूत ने जिलाधिकारी राम विशाल मिश्रा के ऊपर आरोप जड़ कर आग में घी डाल दिया। चरखारी से भाजपा विधायक गुड्डू राजपूत वायरल हुए वीडियो में साफ कहते दिख रहे हैं कि महोबा में गौशालाओं की स्थिति काफी बदहाल है और इसके जिम्मेदार जिलाधिकारी हैं। सरकार डैमेज कंट्रोल को लेकर एक कदम उठाती है तब तक दूसरी जगह से सरकार की भद्द पिटने वाली कोई बात पैदा हो जाती है।
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