MUZAFFARNAGAR-पांच दिन बाद वार्डों में कूड़ा उठाने पहुंची गाड़ियां
पालिका चेयरपर्सन की सख्ती से वेतन को लेकर चल रही एमआईटूसी कंपनी के कर्मचारियों की हड़ताल खुली, कूड़े से परेशान लोगों को मिली बड़ी राहत
मुजफ्फरनगर। वेतन सम्बंधी समस्याओं को लेकर पिछले पांच दिन से चल रही डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में लगी कंपनी एमआईटूसी के कर्मचारियों की हड़ताल रविवार को छठे दिन खुल गई और पांच दिनों के बाद जब छोटी गाड़ियां अपना चिर-परिचित कूड़ा सॉन्ग बजाते हुए वार्डों में पहुंची तो घरों में जमा हुए कूड़े से परेशान लोगों को बड़ी राहत मिली। पालिका चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के निर्देश पर पहले दिन इन गाड़ियों को कंपनी के द्वारा वार्डों में तीन राउंड के लिए लगाया गया, ताकि ज्यादा से ज्यादा कूड़ा निस्तारण कराया जा सके। इसके साथ ही काम पर न आने वाले कुछ कर्मचारियों को कंपनी की ओर से नौकरी निकालने का अल्टीमेटम दिया गया है। वहीं कंपनी ने मंगलवार को वेतन भुगतान करने का आश्वासन दिया है।
बता दें कि नगरपालिका परिषद् के साथ अनुबंध के आधार पर शहर के 55 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन और डलावघरों से कूड़ा निस्तारण में लगी दिल्ली की एमआईटूसी सिक्योरिटी एण्ड फैसिलिटी प्रा. लि. के 300 कर्मचारियों ने वाहनों का चक्काजाम करते हुए पांच दिन पूर्व हड़ताल कर दी थी। इससे वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन ठप हो गया था। कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी के द्वारा उनको दो माह का वेतन नहीं दिया जा रहा है और पीएफ व ईएसआई कार्ड भी नहीं बनाया गया है। सभी के पीएफ खाते भी नहीं खुलवाये गये हैं। इसको लेकर शनिवार को इन हड़ताली कर्मियों ने कंपनी के सेकेंड्री जोन में लगे बड़े कूड़ा वाहनों की पार्किंग पर जाकर भी वाहनों को रोककर हंगामा किया था। कंपनी के द्वारा पांच-पांच हजार रुपये का भुगतान करने के बावजूद भी कर्मचारी काम पर वापस नहीं लौटे थे। जबकि सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप और पालिका के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अतुल कुमार ने भी आश्वासन दिया था, लेकिन कर्मचारी हड़ताल पर अडिग थे।
पालिका चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने कंपनी पर हड़ताल खुलवाने के लिए दबाव बनाया और कड़ी नाराजगी जताई तो इसका असर भी नजर आया। रविवार की सुबह कंपनी के परियोजना प्रबंधक का अतिरिक्त चार्ज संभाल रहे सेकेंड्री जोन के इंचार्ज कुलदीप सिंह ने डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए वाहनों को निकलवाने की कवायद शुरू की और उनके द्वारा हड़ताल कर रहे कर्मचारियों से वार्ता करते हुए उनको समझाया कि मंगलवार को उनका अक्टूबर माह का वेतन दे दिया जायेगा। 15 दिसम्बर तक नवम्बर माह का वेतन और सितम्बर तक के पीएफ का भुगतान भी 25 दिसम्बर तक करा दिया जायेगा। इस आश्वासन पर भी कर्मचारी काम पर लौटने को तैयार नहीं हुए तो सेकेंड्री जोन में कार्यरत चालकों और सुपरवाईजरों को बुलाकर उनको छोटी गाड़ियों के साथ वार्डों में निकालना शुरू कर दिया तो दूसरे कर्मचारी भी हड़ताल छोड़कर काम पर लौटने लगे।
पालिका चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के निर्देश पर एनएसए डॉ. अतुल कुमार भी सवेरे से ही हड़ताल खुलवाने में सक्रिय नजर आये। उन्होंने डालवघरों से कूड़ा उठान कराया तो वहीं वार्डों में गाड़ियों को निकलवाने का काम किया गया। कुलदीप सिंह ने बताया कि रविवार को सवेरे 73 में से 44 टिपर वाहनों को वार्डों में निकलवाया गया है। सोमवार को सभी वाहन का पर आ जायेंगे। चेयरपर्सन के आदेश पर आज वार्डों में एक गाड़ी के तीन राउंड कराये गये हैं, ताकि पांच दिनों की हड़ताल के कारण घरों में जमा कूड़ा ज्यादा से ज्यादा निकाला जा सके। सोमवार से कार्य नियमित हो जायेगा। उन्होंने कहा कि कामकाज करने वाले कर्मियों के हितों के लिए कंपनी संवेदनशील है, लेकिन कुछ ऐसे कर्मचारियों की सूची कंपनी द्वारा बनाई गई है, जो इस मामले को बिना वजह तूल देकर शहर को गन्दगी से सड़ाने की साजिश रच रहे थे। इनके खिलाफ प्रशासन और पालिका की सहमति के बाद कार्यवाही की जायेगी। वहीं हड़ताल पर रहने वाले कर्मचारियों जितेन्द्र वाल्मीकि, अश्वनी, आजाद, गौरव सूद, सन्नी आदि ने कहा कि कंपनी के आश्वासन पर हड़ताल वापस हो गई है और करीब 50 फीसदी कर्मचारी रविवार को काम पर लौट आये। सोमवार से सभी काम पर आ जायेंगे। यदि मंगलवार को वेतन नहीं मिला और पीएफ का भुगतान नहीं किया गया तो पुनः आंदोलन किया जायेगा। उनका कहना है कि किसी भी कर्मी का शोषण नहीं होने देंगे। यदि किसी को नौकरी से हटाया गया तो वाहन नहीं चलने दिये जायेंगे।
सिटी मजिस्ट्रेट ने बुधवार को बुलाई कंपनी के साथ मीटिंग
मुजफ्फरनगर। सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने शहर में सफाई व्यवस्था ठप होने और कर्मचारियों की समस्याओं को देखते हुए बुधवार को मीटिंग बुलाई है। इसमें कंपनी, पालिका के अधिकारी और हड़ताल करने वाले कर्मचारियों को भी बुलाया गया है। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया था, कर्मियों के हितों की पूर्ति करने का दायित्व एमआईटूसी कंपनी का ही है, इसमें पालिका की कोई भूमिका नहीं है। पालिका से भी प्रकरण में जानकारी मांगी गई है। इसमें समाधान के लिए बुधवार को मीटिंग बुलाई गई है। बताया कि रविवार को वेतन के आश्वासन पर कर्मचारी काम पर लौट आये हैं। कंपनी को हर हाल में मंगलवार को वेतन देने के लिए कहा गया है।