मुकदमे पर बोले अखिलेश-ये हारती हुई भाजपा की हताशा
उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और वर्तमान सांसद आजम खां के बाद अब समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व अखिलेश यादव पर योगीराज में शिकंजा कसता नजर आ रहा है। यहां पर पत्रकारों के साथ हुई नोकझोंक का विवाद बढ़ने पर अब अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और वर्तमान सांसद आजम खां के बाद अब समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व अखिलेश यादव पर योगीराज में शिकंजा कसता नजर आ रहा है। यहां पर पत्रकारों के साथ हुई नोकझोंक का विवाद बढ़ने पर अब अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। अखिलेश पर मुकदमा दर्ज होने के कारण सूबे में सियासी गरमाहट बनने लगी है। सपा ने योगी सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री पर इस तरह से मुकदमा दर्ज कराये जाने को द्वेष की राजनीति बताया है। समाजवादी पार्टी ने इस एफआईआर को लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी की है। खुद अखिलेश यादव ने इस एफआईआर पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसको हारती हुई भाजपा की हताशा करार दिया है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ मुरादाबाद के पाकबड़ा थाने में शनिवार को केस दर्ज किया गया है। सियासी गरमाहट का कारण बने इस केस में 20 अज्ञात कार्यकर्ताओं को भी अखिलेश यादव के साथ आरोपी बनाया गया है। उधर, सपा के जिला अध्यक्ष जय वीर सिंह यादव की तहरीर पर दो पत्रकारों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
मझोला थाना क्षेत्र के बुद्धि विहार निवासी एवं आईपीएए (इंडियन प्रेस अलाइवनेस एसोसिएशन) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अवधेश पराशर की तहरीर पर केस दर्ज कराया गया है। जिसमें आरोप लगाया है कि पाकबड़ा के रीजेंसी होटल में 11 मार्च की शाम पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी। जिसमें कुछ पत्रकारों ने व्यक्तिगत सवाल पूछ लिए जिससे गुस्साए अखिलेश यादव ने अपने सुरक्षा गार्ड और सपा कार्यकर्ताओं से पत्रकारों को बंधक बनवा लिया और उनकी पिटाई करवाई थी। जिसमें कई पत्रकारों को गंभीर चोटें आईं। उनका इलाज चल रहा है।
उप्र की भाजपा सरकार ने मेरे ख़िलाफ़ जो एफ़आईआर लिखवाई है, जनहित में उसकी प्रति प्रदेश के हर नागरिक के सूचनार्थ यहाँ प्रकाशित कर रहे हैं।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 13, 2021
अगर आवश्यकता पड़ी तो राजधानी लखनऊ में होर्डिंग भी लगवा देंगे।
ये एफ़आईआर हारती हुई भाजपा की हताशा का प्रतीक है। pic.twitter.com/50ddRQh0fs
उधर, सपा के जिलाध्यक्ष जय वीर सिंह यादव की तहरीर पर मीडियाकर्मी फरीद शम्सी और उवैद उर्रहमान के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसमें सपा जिला अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि खुद को पत्रकार बताने वाले दो व्यक्तियों ने पूर्व मुख्यमंत्री का सुरक्षा घेरा तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की, जब उन्हें सुरक्षा गार्डों ने रोका तो उनके साथ मारपीट की गई। इसके बाद फरीद खुद जमीन पर गिर गए और बेहोश होने का नाटक करने लगे। पुलिस अधीक्षक नगर अमित आनंद ने बताया कि दोनों ओर से केस दर्ज कर किए गए हैं। पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। होटल के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी कब्जे में ली गई है।
वहीं, इस एफआईआर को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और मुकदमे के आरोपी अखिलेश यादव ने ट्विटर पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एफआईआर की कापी को शेयर करते हुए ट्वीट किया है कि उप्र की भाजपा सरकार ने मेरे खघ्लिाफ जो एफआईआर लिखवाई है, जनहित में उसकी प्रति प्रदेश के हर नागरिक के सूचनार्थ यहाँ प्रकाशित कर रहे हैं। अगर आवश्यकता पड़ी तो राजधानी लखनऊ में होर्डिंग भी लगवा देंगे। ये एफआईआर हारती हुई भाजपा की हताशा का प्रतीक है।''