राकेश टिकैत को धमकी से भाकियू में आक्रोश
जिला मुख्यालय पर हुई मीटिंग में सरकार पर लगाये आरोप, पांच अक्टूबर को लखनऊ कूच का आह्नान
मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत को फोन पर जान से मारने की धमकी दिये जाने के बाद यूनियन नेताओं में रोष पनपा नजर आ रहा है। शनिवार को सुबह से ही राकेश टिकैत के सरकूलर रोड स्थित आवास पर यूनियन के पदाधिकारियों और किसानों का जमावड़ा लगा हुआ था। राकेश टिकैत ने सभी से बात की और मामले की जानकारी दी, वहीं शनिवार को जिला कार्यालय पर आयोजित हुई मीटिंग के दौरान भी यह मामला छाया रहा, कार्यकर्ताओं ने कड़ा आक्रोश जताया और सरकार को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की मांग के साथ चेतावनी भी दी। वहीं मीटिंग में छह अक्टूबर को महेन्द्र सिंह टिकैत की जयंती के अवसर पर लखनऊ में प्रस्तावित कार्यक्रम व पंचायत की तैयारियों को लेकर जिलाध्यक्ष ने यूनियन पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी।
शनिवार को महावीर चौक स्थित भाकियू के जिला कार्यालय पर जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा के नेतृत्व में मीटिंक का आयोजन किया गया। इसमें जनपद की सभी तहसील और ब्लॉक से पदाधिकारियों के साथ भारी संख्या में किसान उपस्थित रहे। मीटिंग के दौरान राकेश टिकैत को धमकी, गन्ना मूल्य, बकाया भुगतान और छह अक्टूबर की लखनऊ पंचायत को सफल बनाने पर विचार विमर्श किया गया। मीडिया कर्मियों से बात करते हुए जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा ने कहा कि छह अक्टूबर को किसान मसीहा स्वर्गीय महेन्द्र सिंह टिकैत की जयंती पर लखनऊ में बड़ी पंचायत होने जा रही है। इसमें किसानों की समस्याओं को उठाते हुए सरकार से गन्ना मूल्य का बकाया भुगतान और गन्ना मूल्य जल्द घोषित करने की मांग की जायेगी। इसके साथ ही यूनियन के कार्यकर्ताओं में संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को मिली धमकी को लेकर गहरा आक्रोश है।
इस मीटिंग के माध्यम से हम सरकार को चेतावनी देते हैं कि यूनियन के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ हो रही अपमानित करने और धमकी देने की साजिश का खुलासा करते हुए आरोपियों पर गंभीर कार्यवाही करे, यदि हमारे नेता के खिलाफ कुछ भी हुआ तो पूरे हिन्दुस्तान में क्या हो जायेगा, यह हम भी नहीं जानते हैं और इसकी पूरी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी। जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि ऐसा मामला पूर्व में भी कई बार हो चुका है, लेकिन गंभीरता के साथ कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। यदि गंभीर कार्यवाही होती तो ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति नहीं हो सकती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे मामलों में हमको सरकार की भी मिलीभगत लग रही है, क्योंकि सरकार की शह के आधार पर ही संगठन के विरोध में लगातार कुछ लोग कार्य कर रहे हैं। सरकार की शह पर ही संगठन में टूट कराई गई, बयानबाजी कराई जाती रही है। कार्यकर्ता पूरे गुस्से में हैं, लेकिन हमने सरकार को निष्पक्ष और सख्त कार्यवाही आरोपियों के खिलाफ करने के लिए समय दिया है। पहले हमारा फोकस लखनऊ के छह अक्टूबर के कार्यक्रम को लेकर है। वहां गन्ना शोध संस्थान के मैदान पर पूरे प्रदेश का किसान अपने मसीहा महेन्द्र सिंह टिकैत को याद करने के लिए जटेंगे और सरकार से बकाया भुगतान तथा नया गन्ना मूल्य घोषित करने की मांग करेंगे। पूरे प्रदेश के हर जिले से भारी संख्या में किसान लखनऊ पहुंचने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए आज हमने भी जिले में कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी है। पांच अक्टूबर की शाम को नौचंदी एक्सप्रेस ट्रेन से वो कार्यकर्ताओं के साथ रवाना होंगे। इस दौरान उन्होंने सरकार से मांग की है कि वो व्यवस्था बनाने का काम करें और रेल मंत्रालय नौचंदी एक्सप्रेस में किसानों के लिए अलग से बोगी जोड़ने का काम करे ताकि यात्रियों को कोई असुविधा न हो। इस दौरान मुख्य रूप से राष्ट्रीय महासचिव ओमपाल सिंह मलिक, प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज पहलवान, मंडल अध्यक्ष नवीन राठी, युवा मंडल अध्यक्ष विकास शर्मा, जिला महासचिव अनुपम शांडिल्य, तहसील सदर अध्यक्ष प्रताप सिंह, सुमित पचेंडा, सरदार अमीर सिंह, बलविन्द्र सिंह, मोनू प्रधान पुरकाजी, संजीव पंवार बुढ़ाना, गुलबहार राव, शाहिद आलम सहित सैंकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कई दिनों से आरोपी फोन कर बदतमीजी कर रहा थाः राकेश टिकैत
मुजफ्फरनगर। भाकियू किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि राजवीर सिंह पंवार ने कई दिनों से लगातार फोन कर उनके साथ अभद्रता की है। बागपत में ही इसके खिलाफ तहरीर दी गई है। आरोपी ने पहले चेहरा बिगाड़ने, फिर पंचायत में जूतों की माला डालने, गाली गलौच करते हुए जान से मारने की धमकी दी है।
यह एक सोची समझी के साथ विचारधारा के साथ काम कर रहे हैं। फोन के दौरान ऐसा प्रतीत होता है, जैसे किसी कमरे में बहुत सारे लोगों की मौजूदगी में फोन किया जाता है। निराना के गांव का आरोपी बताया गया है, लेकिन निराना गांव में इस नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं पाया गया है। आंदोलन में लगे दूसरे लोगों को भी इस तरह की कॉल कर परेशान किया जा रहा है। यह साजिश आंदोलन को कमजोर करने की है। पुलिस को शिकायत दे दी गई, पुलिस अपना काम ईमानदारी के साथ करे।