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एम.जी. पब्लिक स्कूल में अरूपा गायत्री ने किया ओडिसी नृत्य का मनमोहक प्रदर्शन

मां भगवती स्त्रोत और वल्लभाचार्य की रचना मधुराष्ट्रकम की नृत्य प्रस्तुति से नृत्यांगना ने समां बांध दिया

एम.जी. पब्लिक स्कूल में अरूपा गायत्री ने किया ओडिसी नृत्य का मनमोहक प्रदर्शन
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मुजफ्फरनगर। एम.जी. पब्लिक स्कूल में शुक्रवार को विद्यार्थियों को भारतीय नृत्य संस्कृति और कला से परिचित कराने के लिए स्पिक मैके के तत्वावधान में ओडिसी नृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें देश की प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना अरूपा गायत्री पांडा द्वारा अपने दल के सदस्य कलाकारों के साथ मनमोहक प्रस्तुति दी गई। इसके साथ ही उनके द्वारा छात्र-छात्राओं को ओडिसी नृत्य कला के सम्बंध में विस्तृत जानकारी भी प्रदान की गई।


एम.जी. पब्लिक स्कूल प्रांगण में स्पिक मैके के तत्वावधान में ओडिसी नृत्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। अतिथि के रूप में देश की प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना अरूपा गायत्री पांडा अपनी पूरी टीम के साथ पहुंची। इस दौरान स्पिक मैके वालिंटयर के रूप में डीएवी डिग्री कॉलेज से रिटायर्ड प्रोफेसर श्रीमती मृदुला मित्तल और नीति मित्तल भी उपस्थित रहीं। यहां प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका गर्ग ने उनका स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। इसके पश्चात ओडिसी नृत्य की मंचीय प्रस्तुति आरंभ हुई। नृत्यांगना अरूपा गायत्री पांडा द्वारा सर्वप्रथम छात्र-छात्राओं को ओडिसी नृत्य कला और संस्कृति के इतिहास की जानकारी देते हुए बताया गया कि यह ओडिसा का शास्त्रीय नृत्य है और इस नृत्य कला के पांच प्रमुख भाग तथा चार भंग हैं। आज स्पिक मैके द्वारा देश की सांस्कृतिक कलाओं और नृत्य संस्कृतियों के संरक्षण के लिए युवाओं के बीच इसके प्रचार प्रसार हेतु ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।


अरूपा गायत्री ने सर्वप्रथम ओडिसी के मंगलाचरण भाग में मां भगवती स्त्रोत की नृत्य प्रस्तुति देकर सभी का मन जीत लिया। इसमें मां दुर्गा की मातृशक्ति और विनाशकारी शक्ति को प्रदर्शित करते हुए उन्होंने भाव-भंगिमा के माध्यम से नृत्य के साथ मां दुर्गा के भाव, राक्षस शुंभ-निशुंभ वध और महिषासुर मर्दन को बहुत ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया। साथ ही अभिमया भाग में उनके द्वारा वल्लभाचार्य की रचना मधुराष्ट्रकम में भगवान श्रीकृष्ण के मुधर सुन्दर स्वरूप, उनके जन्म और लीलाओं पर आधारित नृत्य कला की मनमोहक प्रस्तुति दी। इस नृत्य शैली में उन्होंने श्री कृष्ण द्वारा माखन चुराना, गोपियों को सताना और शेषनाग कालिया का अहंकार दमन करना सभी लीलाओं को विशेष भाव के साथ प्रस्तुत करते हुए दिल जीत लिया। इस दौरान गायन में राजेश कुमार लेनका, बांसुरी पर रुद्र प्रसाद परिडा और मर्दला पर तारिणी प्रसाद दास ने भी नृत्यांगना अरूपा गायत्री का साथ देकर उनकी प्रस्तुति को यादगार बना दिया। अरूपा गायत्री पांडा ने तीन साल की उम्र में नृत्य की शुरुआत करने के बाद पद्मश्री गुरु गंगाधर प्रधान, पद्मश्री गुरु अरुणा मोहंती और गुरु मधुस्मिता मोहंती जैसे प्रतिष्ठित गुरुओं से प्रशिक्षण लिया। वर्तमान में वह श्री श्री विश्वविद्यालय कटक में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।


प्रधानाचार्या मोनिका गर्ग ने अपने सम्बोधन में कहा कि ओडिसी केवल एक नृत्य प्रस्तुति ही नहीं, बल्कि ये एक पूरी संस्कृति और कला सभ्यता है। स्पिक मैके द्वारा भारतीय संस्कृति और कला संरक्षण के लिए जिस प्रकार युवाओं को जोड़ने में जुटा है, वो प्रयास सराहनीय है। उन्होंने स्मृति चिन्ह प्रदान करते हुए नृत्यांगना अरूपा गायत्री पांडा और उनके सहयोगी कलाकारों को सम्मानित किया। संचालन श्रीमती रितु शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त स्टाफ का सराहनीय सहयोग रहा।

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