पालिका में बीसी का बड़ा खेल, टीएस के फर्जी साइन से कर दिया चाय वाले का चालान
चाय वाले से पैसों के लेने देन के विवाद में सीजेएम कोर्ट भेजा गया चालान, समन आया तो खुली फर्जी साइन करने की पोल, कर निर्धारण अधिकारी ने दिये जांच के आदेश, कर अधीक्षक ने राजस्व निरीक्षक और बीसी को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में फर्जीवाड़ा कर नित नये खेल किये जा रहे हैं। पालिका में चाय बेचने वाले ने अपने उधारी के पैसे क्या मांग लिये, जनाब का चालान ही कर दिया गया। चालान भी इस शातिराना अंदाज में हुआ कि विभागीय अधिकारियों और चाय वाले को कुछ भी पता नहीं चला। कोर्ट से चाय वाले के समन आये तो उसने अपना दुखड़ा अधिकारियों के सामने सुनाया, फाइल खंगाली गई तो विभाग के बीसी का बड़ा खेल सामने आया। बीसी ने चाय वाले से बदला लेने के लिए यह फर्जी चालान कर दिया। इस पर विभागध्यक्ष कर अधीक्षक के हस्ताक्षर भी खुद बीसी ने कर दिये और अधिकारियों को भनक लगे बिना चालान काट दिया गया। अब अधिकारी हैरत में है और जुर्माना लगने के डर से चाय वाला भी भयभीत है। प्रकरण उजागर हुआ तो कर निर्धारण अधिकारी ने जांच के आदेश जारी कर दिये। इसमें कर अधीक्षक ने सम्बंधित बीसी के साथ ही राजस्व निरीक्षक को भी नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है।
नगरपालिका परिषद् मुख्यालय टाउनहाल के सामने सदर बाजार में चाय की दुकान करने वाला मंगेश पालिका कार्यालयों में कर्मचारियों और अधिकारियों को चाय बेचने का काम करता है। अधिकांश के साथ उसकी उधारी चलती रहती है। मंगेश के सामने अब एक मुसीबत ने दस्तक दी। सीजेएम कोर्ट से उसका समन आया तो वो भौचक्क रह गया। बताया गया कि ये समन नगरपालिका परिषद् के टैक्स विभाग के द्वारा दी गई अतिक्रमण की रिपोर्ट पर किया गया है। इसमें चाय वाले मंगेश को कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा गया है।
मंगेश कोर्ट का समन लेकर पालिका पहुंचा और कर अक्षीक्षक नरेश शिवालिया से शिकायत करते हुए कहा कि साहब चाय की सेवा करने के बावजूद भी उसका चालान क्यों करा दिया, तो कर अधीक्षक भी सोच में पड़ गये, उनका कहना था कि उन्होंने तो उसका कोई भी चालान नहीं कटवाया है, फिर कोर्ट से समन कैसे आ गया। मामला कर निर्धारण अधिकारी दिनेश कुमार के समक्ष भी पहुंचा। उन्होंने मंगेश के चालान की पत्रावली तलब कर ली। पत्रावली का अवलोकन किया तो अधिकारियों के होश ही उड़ गये। कर अधीक्षक के फर्जी साइन और मुहर के साथ चालान कटा पाया गया। प्रथम दृष्टया जांच में पता चला कि टैक्स विभाग के लाइसेंस पटल पर कार्य कर रहे बीसी सोनू मित्तल का चाय के पैसों की उधारी के लिए कुछ दिन पहले मंगेश के साथ विवाद हुआ था। इसी रंजिश में बदला लेने के लिए बीसी सोनू मित्तल ने मंगेश का चालान फर्जी तरीके से बिना अधिकारियों के संज्ञान में लाये काटा, जिस पर कोर्ट से कार्यवाही हुई। इस चालान पर बीसी सोनू मित्तल ने ही कर अधीक्षक जोकि लाइसेंस पटल के प्रभारी भी हैं, के हस्ताक्षर और मुहर भी लगा दी। इतना ही नहीं राजस्व निरीक्षक विजय कुमार के साइन भी करा लिये गये।
कर निर्धारण अधिकारी ने बताया कि यह मामला बेहद गंभीर है। अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर कर चाय वाला का चालान किया गया है। इसके लिए कर अधीक्षक को जांच करने के लिए कहा गया है। कर अधीक्षक नरेश शिवालिया ने मामले का संज्ञान लेते हुए राजस्व निरीक्षक विजय कुमार और बीसी सोनू मित्तल को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब तलब किया है। इसके बाद आगे की कार्यवाही की जायेगी। मामले में पालिका चेयरपर्सन को भी अवगत करा दिया गया है।