RAMLEELA-भोला शंकर बने मदारी, राम नचाये-बजरंगी नाचे
श्री आदर्श रामलीला पटेलनगर में श्रीराम जन्म की भव्य लीला का मंचन, महल से झोपड़ी तक खुशियों से रोशन हुई दशरथ की अयोध्या
मुजफ्फरनगर। श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति के द्वारा आयोजित किये जा रहे 49वें श्री रामलीला महोत्सव के तीसरे दिन बुधवार की रात्रि में भगवान श्री राम का तीनों भाइयों के साथ अवतार हुआ। श्रीराम जन्म के साथ ही भस्मासुर लीला और जादू शो के रोमांच ने रामलीला मंचन के प्रति लोगों में खासा आकर्षण पैदा किया। कैलाश पर्वत पर मां पार्वती के साथ विराजमान भगवान भोला शंकर भी अयोध्या में खुशियों का दौर देखकर अपने आपको रोक नहीं पाये और बजरंगी को साथ लेकर मदारी का रूप धर कर अयोध्या नगरी राजा दशरथ के महल में पहुंचे और रामलला ने बाल हनुमान को वानर के रूप में खूब नचाया तो भगवान शिव ने भी इस नृत्य से मंत्रमुग्ध होकर खूब डमरू बजाया।
श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति द्वारा पटेलनगर में प्रभु श्रीराम जन्म लीला का सुन्दर और भाव विभोर कर देने वाला मंचन कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया। मंचीय प्रस्तुतियों के कारण पटेलनगर मैदान पर उपस्थित दर्शकों को भी अयोध्या जी में ही उपस्थिति का अहसास हुआ। श्रीराम ने जब अयोध्या में अपने तीनों भाईयों के साथ अवतार लिया तो दशरथ के महल से लेकर अयोध्या की गरीब कुटिया तक हर्ष और उल्लास के प्रकाश से रोशन हो गई। चारों ओर हर्ष का वातावरण बना, मिठाईयां और उपहार बांटे गये। इसी के साथ भगवान शंकर का भी वानर अवतार हुआ, तो भगवान भोलेनाथ राजा दशरथ के आंगन में छाई खुशियों में नाचने झूमने के लिए मदारी का स्वरूप लेकर अयोध्या पहुंच गये।
श्री आदर्श रामलीला भवन समिति पटेलनगर के 49वें श्री रामलीला महोत्सव के तीसरे दिन की लीला का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व सभासद एवं आईआईए के पूर्व चेयरमैन विपुल भटनागर एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सीमा भटनागर द्वारा किया गया। विशिष्ट अतिथि के रूप में धनप्रकाश टिकौला शुगर मिल, पीयूष शर्मा मेडिकल वाले, विशेष गर्ग चरथावल, राघव बंसल ने अन्य लोगों के साथ भगवान श्री गणेश, रामायण जी और श्री बांके बिहारी की आरती कर किया। समिति के पदाधिकारियों ने अतिथियों को समृति चिन्ह और प्रसाद देकर सम्मानित किया।
कलाकारों ने सर्वप्रथम भगवान शिव के अनन्य भक्त भष्मासुर की तपस्या और वरदान तथा इसके पश्चात भगवान श्री विष्णु का मोहिनी अवतार और भष्मासुर के अंत की लीला का मंचन करते हुए रोमांच पैदा किया गया। कलाकारों ने इस लीला को अपने अभिनय से इतना सजीव बनाया कि सभी दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये। इसके बार त्रेतायुग में अवतार के लिए भगवान विष्णु और भगवान शंकर के बीच संवाद हुआ। भगवान शंकर ने विष्णु जी को कहा कि तुम बनोगे राम तो मैं हनुमान बनकर आऊंगा। इसके पश्चात पूरी लीला भगवान श्रीराम के जन्म अवतार की अप्रीतम कहानी पर आधारित रही। अयोध्या में निसंतानता के कारण व्याकुल सूर्यवंशी राजा दशरथ गुरू वशष्ठि के आश्रम में पहुंचकर संतान पाने का आशीर्वाद पाकर लौटते हैं। पुत्र येष्टि यज्ञ के बाद अयोध्या में चार राजकुमार के जन्म से हर्ष और उल्लास का वातावरण है। वहीं मारूति नंदन का भी जन्म होता है। चहुंओर खुशियां हैं। नामकरण संस्कार के बाद समय बीता और चारों राजकुमार युवा अवस्था को पहुंचकर अपने पिता राजा दशरथ के साथ राज दरबार में बैठने लगे है। राजा दशरथ चारों राजकुमारों को विद्या ग्रहण करने के लिए गुरू वशिष्ठ के पास भेज देते हैं। यहां जादूगर अज्जू सरकार के कारनामों ने सभी को खूब गुदगुदाया और राजकुमारों को अपने जादू से चॉकलेट टॉफी बनाकर खूब खिलाये। रामलीला समिति के अध्यक्ष गोपाल चौधरी, मुख्य प्रबंधक अनिल ऐरन, कार्यक्रम संयोजक सभासद विकल्प जैन, महामंत्री सुरेंद्र मंगल, मंत्री जितेंद्र कुच्छल, उपाध्यक्ष प्रमोद गुप्ता, धर्मेंद्र पंवार नीटू, पंकज शर्मा, निर्देशक अमित शर्मा, गोविंद शर्मा, नारायण ऐरन, ज्योति ऐरन, मीना ऐरन, कन्दर्प ऐरन, जितेंद्र नामदेव, विनय गुप्ता टिंकू, पीयूष शर्मा, राकेश बंसल, अनिल गोयल, राकेश मित्तल, अंकुश गुप्ता, विपुल मोहन, अज्जू जैन, आकाश गोयल, गौरव मित्तल, अनुराग अग्रवाल एडवोकेट आदि मौजूद रहे।