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32 साल सौ बार रक्तदान, इन्टरनेशनल बुक आफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड मे नाम दर्ज

सौरभ मौर्या ने अपनी 31 वर्ष की आयु में 100 बार स्वैच्छिक रक्तदान कर जिसमे 42 बार रक्तदान एवं 58 बार प्लेटलेट्स का दान कर यह विश्व रिकाॅर्ड बनाया है।

32 साल सौ बार रक्तदान, इन्टरनेशनल बुक आफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड मे नाम दर्ज
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वाराणसी। साधना फाउंडेशन के संस्थापक एवं राष्ट्रीय सचिव सौरभ मौर्या का नाम ब्रावो इंटरनेशनल बुक आॅफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में दर्ज किया गया है।

स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम जमा चुके वाराणसी के युवा समाजसेवी और साधना फाउंडेशन के संस्थापक एवं राष्ट्रीय सचिव सौरभ मौर्या का नाम ब्रावो इंटरनेशनल बुक आॅफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड द्वारा एशियाई उप-महाद्वीपीय संस्करण 2020 में बतौर ष्यंगेस्ट सेंचुरियन ब्लड एंड प्लेटलेट्स डोनरष् के खिताब से दर्ज किया गया। सौरभ मौर्या ने अपनी 31 वर्ष की आयु में 100 बार स्वैच्छिक रक्तदान कर जिसमे 42 बार रक्तदान एवं 58 बार प्लेटलेट्स का दान कर यह विश्व रिकाॅर्ड बनाया है। संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश सिंह गौतम ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि यह सिर्फ काशी ही नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए गौरव की बात है, कि स्वैच्छिक रक्तदान जैसे क्षेत्र में हमारे संस्थापक सौरभ मौर्या द्वारा इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की गई। कमलेश सिंह गौतम ने यह भी कहा जब से ब्रावो इंटरनेशनल बुक आॅफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड द्वारा यह खबर सुनाई गई, तब से साधना फाउंडेशन परिवार में खुशी की लहर है। प्रदेश अध्यक्ष विकल्प गोस्वामी ने कहा कि आज के युवाओं के लिए हमारे संस्थापक एक आदर्श के रूप में हैं, क्योंकि उनके द्वारा शुरू से ही संस्था एक सिद्धांत पर काम करती है कि हम उस प्रभु की सेवा करते हैं, जिन्हें अज्ञानी लोग मनुष्य कहते हैं और आज यह मानव सेवा पूरे भारतवर्ष में लोगों को लगातार जागरूक कर रहा है, कि हमें अपने लिए नहीं बल्कि समाज के लिए जीना है। विकल्प ने यह भी बताया की हमारे संस्थापक सौरभ मौर्या द्वारा शरीर के सभी अंग एवं देह तक का भी दान कर मिसाल कायम किया गया है।

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