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पहलगाम के शोक में डूबा ब्राह्मण समाज, डीजे और ढोल बिना निकाली ध्वज यात्रा

भगवान परशुराम शोभायात्रा से पूर्व काली पट्टी बांधकर निकाली गई ध्वज यात्रा

पहलगाम के शोक में डूबा ब्राह्मण समाज, डीजे और ढोल बिना निकाली ध्वज यात्रा
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मुजफ्फरनगर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ देशभर में आक्रोश देखा जा रहा है। इसी कड़ी में मुजफ्फरनगर में भगवान परशुराम की भव्य शोभायात्रा निकालने की तैयारी में जुटे ब्राह्मण समाज के लोगों में भी शोक नजर आया। शोभायात्रा से पूर्व शुक्रवार को निकाली गई परशुराम ध्वज यात्रा में हर्ष और उल्लास को थामकर सादगी का प्रदर्शन किया गया। यहां जुटे ब्राह्मण समाज के लोगों ने आतंकवाद के विरोध में अपना रोष और पहलगाम के शहीद पर्यटकों के लिए शोक का प्रदर्शन किया और ध्वज यात्रा में शामिल हुए लोगों ने हाथों में काली पट्टी बांधकर पहलगाम हमले की निंदा की।

भगवान परशुराम ध्वज यात्रा के आयोजक व्यापारी नेता संजय मिश्रा ने बताया कि कश्मीर में हुए कायराना हमले में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए कार्यक्रम में कई बदलाव किए गए हैं। श्र(ालुओं ने तय किया कि इस बार यात्रा में किसी भी प्रकार का डीजे या ढोल नहीं बजेगा और न ही कोई जश्न मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत भगवान परशुराम का अभिषेक किया गया है, लेकिन यात्रा को पूरी तरह श्र(ाभाव के साथ निकाला गया। भारत कॉलोनी से शिव चौक तक निकली ध्वज यात्रा में भक्त केवल जयकारे लगाते हुए आगे बढ़े। संजय मिश्रा ने बताया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दाेष लोगों की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। ऐसे समय में किसी भी प्रकार का उत्सव उचित नहीं होगा। इसलिए श्र(ालुओं ने काली पट्टी बांधकर आतंकवाद के प्रति अपना आक्रोश प्रकट किया और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की।

भाजपा नेता सुशील शर्मा ने कहा कि आज की यात्रा पूरी तरह श्र(ा और विरोध का प्रतीक है। जिस कार्यक्रम में ढोल-नगाड़े और डीजे बजने थे, वह सब रद्द कर दिए गए हैं। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हैं कि अब वक्त आ गया है कि वह अपनी 36 इंच की छाती दिखाएं और पाकिस्तान को उसके किए की सख्त सजा दें। स्वामी पंडित भगवान शर्मा ने कहा कि आज भगवान परशुराम का विधिवत अभिषेक और पूजन हुआ है, लेकिन साथ ही हम सभी ने काली पट्टी बांधकर पहलगाम हमले का विरोध किया है। यह हमला बेहद निंदनीय है और इसकी कड़ी से कड़ी प्रतिक्रिया होनी चाहिए।

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