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राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान हंगामे के साथ शुरू हुआ बजट सत्र

सरकार किसान विरोधी है, हम लोगों ने राज्यपाल वापस जाओ के नारे लगाए।

राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान हंगामे के साथ शुरू हुआ बजट सत्र
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल सत्र के पहले दिन विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। इसके चलते बैठक कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।

गुरुवार से यूपी का बजट सत्र शुरू हो गया है।े जैसे ही राज्यपाल का अभिभाषण शुरू हुआ तो सदन में मौजूद विपक्षियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। सदन में हंगामा देखकर विधानसभा की कार्रवाई शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सत्र के पहले दिन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दोनों सदनों को संबोधित किया। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में प्रधानमंत्री मोदी के कामों की तारीफ की तो सदन में मौजूद भाजपाइयों ने मेज थपथपाकर स्वागत किया। उन्होंने राम मंदिर शिलान्यास के लिए न्यायपालिका और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साधु-संतों की उपस्थिति में अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का शिलान्यास किया है। मैं प्रधानमंत्री और देश की न्यायपालिका की आभारी हूं।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण सरकार की नीतियों का पन्ना होता है, लेकिन आज जिस प्रकार से विपक्ष ने गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया है, वह निंदनीय है। नेता विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के रामगोविंद चैधरी ने पत्रकारों से कहा, राज्यपाल अपना भाषण नहीं पढ़ना चाहती थीं, लेकिन मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने बहुत मनाया तब जाकर वह अपना अभिभाषण पढ़ने को तैयार हुईं। चैधरी ने कहा, प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त है, मंहगाई चरम पर है, महिलाओं पर अत्याचार बेलगाम हो गए हैं, सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है, प्रदेश में जंगलराज है, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय भी कह चुके हैं कि उत्तर प्रदेश में कानून नाम की चीज नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार में नैतिकता हो तो उसे इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा, हमने सदन में किसान आंदोलन में शहीद हुए 200 किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए प्रस्ताव रखा, लेकिन सरकार नहीं मानी। सरकार किसान विरोधी है, हम लोगों ने राज्यपाल वापस जाओ के नारे लगाए। हमने राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया। कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा और विधान परिषद में नेता कांग्रेस के दीपक सिंह ने कहा कि किसान विरोधी कानूनों को सरकार वापस ले । आराधना मिश्रा ने सरकार पर हमला बोलते हुये राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध किया और सदन से वॉकआउट किया।

आराधना ने कहा कि उन्नाव की घटना पर सरकार मौन है और मामले की लीपापोती में जुट गई है। बहुजन समाज पार्टी के विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण सरकार के वक्तव्यों का पुलिंदा होता है। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब राज्यपाल सरकार से असहमत थीं इसलिए देर से आईं। सरकार किसानों को बिचैलियों के हाथ में बांधने के काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिला, जब से भाजपा की सरकार बनी है पूरे प्रदेश में महिलाओं से बलात्कार और हत्या की घटनाएं रोकने में सरकार नाकाम है।

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