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उपचुनाव में मंत्री अनिल और कपिल को सीएम योगी ने दी बड़ी जिम्मेदारी

एक सीट पर तीन मंत्रियों को लगाया, अनिल कुमार को मीरापुर और कपिल देव को गाजियाबाद सीट पर उपचुनाव का मिला दायित्व, बीस जुलाई के वृक्षारोपण कार्यक्रम में भी मंत्रियों को जिला आवंटित, मंत्री अनिल कुमार मुजफ्फरनगर और कपिल देव कानपुर नगर में करायेंगे वृक्षारोपण

उपचुनाव में मंत्री अनिल और कपिल को सीएम योगी ने दी बड़ी जिम्मेदारी
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मुजफ्फरनगर। लोकसभा चुनाव में अपेक्षित परिणाम नहीं आने और उत्तराखंड सहित देश के सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन के मुकाबले एनडीए को मिली करारी शिकस्त ने भाजपा के लिए संगठन से सरकार तक चिंतन और मंथन का दौर गहरा कर दिया है। इसी को लेकर अब उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर प्रस्तावित उपचुनाव में भाजपा ने एनडीए प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने और पार्टी के प्रदर्शन को सुधारने के लिए फुल प्रूफ प्लान बनाना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में नेतृत्व परिवर्तन और संगठन से सरकार तक बड़े बदलाव की गंभीर चर्चाओं के बीच उपचुनाव के लिए सरकार के मंत्रियों की पूरी फौज को फील्ड में उतारने का निर्णय लिया है। एक सीट पर उपचुनाव के लिए तीन मंत्रियों को लगाया गया है। इनमें एक कैबिनेट मंत्री के साथ दो राज्यमंत्री विधानसभा सीटों पर प्रचार करने के लिए जनता के बीच रहेंगे। मीरापुर विधानसभा सीट की जिम्मेदारी काबीना मंत्री अनिल कुमार को मिली है तो वहीं गाजियाबाद सीट पर होने वाले चुनाव के लिए राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल को उतारा गया है।

लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना प्रस्तावित है, यहां पर जिन दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराया जाना है, उनमें अलीगढ़ जिले की खैर, अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, कानपुर नगर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, गाजियाबाद की गाजियाबाद सदर, मिर्जापुर की मझवां, मुरादाबाद की कुंदरकी और मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट शामिल हैं। इन दस सीटों के राजनीतिक परिणाम की बात करें तो 2022 के विधानसभा में इनमें से समाजवादी पार्टी ने सबसे अधिक पांच सीटें जीती थीं। वहीं, भाजपा ने इनमें से तीन सीटें जीतीं थीं। राष्ट्रीय लोक दल और निषाद पार्टी के एक-एक उम्मीदवार इन सीटों पर विजयी हुए थे। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कई विधायक सांसद निर्वाचित हुए थे। इनमें से पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत नौ विधायक शामिल हैं। सांसद बनने के बाद इन विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं, कानपुर नगर की सीसामऊ सीट 2022 में यहां से जीते सपा के इरफान सोलंकी को अयोग्य करार दिए जाने से रिक्त हो गई है।

यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री आवास पर बुधवार को बैठक हुई, जिसमें सरकार व संगठन के लोग शामिल हुए। बैठक में एक सीट की जिम्मेदारी तीन मंत्रियों को दी गई हैं। बैठक के बाद बाहर निकले कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने संगठन और सरकार के इस प्लान की जानकारी मीडिया से साझा करते हुए बताया कि प्रस्तावित उपचुनाव को लेकर सीएम योगी के साथ चर्चा हुई और सभी की जिम्मेदारी तय की गई। मुजफ्फरनगर जनपद की मीरापुर विधानसभा सीट पर प्रस्तावित उपचुनाव के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार के साथ जिले प्रभारी और ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेन्द्र तोमर तथा वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री केपी मलिक को लगाया गया है।

राष्ट्रीय लोक दल के चंदन चौहान मीरापुर सीट से विधायक थे। चंदन ने इस लोकसभा चुनाव में बिजनौर सीट से अपनी किस्मत आजमाई और सफल भी हुए। चंदन चौहान के विधायक पद से इस्तीफे की वजह से मीरापुर में उपचुनाव होना है। गत विधानसभा चुनाव में रालोद के चंदन चौहान ने भाजपा उम्मीदवार प्रशांत चौधरी को हराया था। उस चुनाव में रालोद सपा के साथ गठबंधन में लड़ी थी। लोकसभा चुनाव से पहले रालोद ने भाजपा से हाथ मिलाया और चंदन को एनडीए प्रत्याशी के रूप में बिजनौर लोकसभा से टिकट मिला था। वो सांसद बने तो सीट रिक्त हुई है। इस सीट पर जातिगत समीकरण को देखते हुए संगठन और सरकार ने दलित, गुर्जर और जाट मंत्रियों को उतारने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही गाजियाबाद सदर पर होने वाली सीट के लिए इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री व साबिहाबाद के विधायक सुनील शर्मा के साथ व्यावसायिक शिक्षा एवं कोशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल तथा लोक निर्माण विभाग के राज्यमंत्री बृजेश सिंह को लगाया गया है। भाजपा विधायक अतुल गर्ग इस लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद लोकसभा सीट से सांसद बने हैं। 2022 में गर्ग गाजियाबाद विधानसभा सीट से जीते थे। उनके सांसद बनने के बाद इस सीट पर उपचुनाव होना है। गत विधानसभा चुनाव में भाजपा के अतुल गर्ग ने सपा उम्मीदवार विशाल वर्मा को हराया था। यहां पर भी भाजपा ने जातिगत समीकरण को देखते हुए मंत्रियों को फील्ड में उतारने का निर्णय लिया है। वैश्य और ब्राह्मण के साथ क्षत्रिय समाज के वोट बैंक को साधने की जिम्मेदारी मंत्रियों को मिली है।

इसके अलावा 20 जुलाई को देशभर में मनाये जाने वाले वृक्षारोपण अभियान में यूपी के सभी 75 जिलों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को प्रभारी बनाकर उतारा है। इसके साथ ही कुछ जिलों में अफसरों को अभियान का नोडल अधिकारी बनाया गया है। 20 जुलाई को यूपी में एक ही दिन सभी प्रभारी मंत्री और नोडल अधिकारी वृक्षारोपण करते हुए लोगों को पर्यावरण से जोड़ने के लिए प्रेरक संदेश देने का काम करेंगे। काबीना मंत्री अनिल कुमार को जनपद मुजफ्फरनगर में वृक्षारोपण अभियान का प्रभारी बनाया गया है, तो वहीं राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल कानपुर नगर के प्रभारी बनाये गये है। दोनों मंत्रियों को 20 जुलाई को अपने आवंटित जनपद में वृक्षारोपण अभियान की शुरूआत करने की जिम्मेदारी दी गई है।

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