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कमिश्नर सहारनपुर ने डीएम को वापस लौटाये बोर्ड बैठक में पारित दो एजेंडे

एजेंडे के प्रत्येक प्रस्ताव पर अधिशासी अधिकारी का मन्तव्य (टिप्पणी) दर्ज कराये जाने के बाद दोबारा से स्वीकृति के लिए भेजें।

कमिश्नर सहारनपुर ने डीएम को वापस लौटाये बोर्ड बैठक में पारित दो एजेंडे
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर में हुई दो बोर्ड बैठक में पारित हुए एजेंडे को नई व्यवस्था के अन्तर्गत प्रस्तावों पर अधिशासी अधिकारी मन्तव्य दर्ज नहीं होने पर मंडलायुक्त सहारनपुर डॉ. हृषिकेश भास्कर यशोद के द्वारा दोनों एजेंडे की प्रोसेडिंग जिलाधिकारी को वापस लौटा दी है। इसमें डीएम को निर्देशित किया गया है कि वो एजेंडे के प्रत्येक प्रस्ताव पर अधिशासी अधिकारी का मन्तव्य (टिप्पणी) दर्ज कराये जाने के बाद दोबारा से स्वीकृति के लिए भेजें।

सहारनपुर मण्डल के अपर आयुक्त (न्यायिक) रमेश यादव के द्वारा जिलाधिकारी को पालिका की मार्च और जुलाई में हुई बोर्ड मीटिंग में पारित एजेंडे की प्रोसेडिंग रिपोर्ट को अस्वीकार करते हुए वापस लौटा दिया है। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि नगर पालिका परिषद, मुजफ्फरनगर की 06 मार्च में हुई बोर्ड बैठक में पारित प्रस्ताव की प्रति एवं जिला शासकीय अधिवक्ता सिविल के विधिक अभिमत के साथ नियमानुसार अग्रेत्तर कार्यवाही हेतु 27 जून 2024 को प्रेषित की गयी है। इसमें अधिशासी अधिकारी निर्धारित पांच बिन्दुओं पर प्रस्तावों को लेकर अपनी आख्या प्रेषित नहीं की गयी है, उन्होंने निर्देश दिये कि पांच बिन्दुओं पर अधिशासी अधिकारी अपना मन्तव्य दर्ज करायें। इसमें अधिशासी अधिकारी की जिन बिन्दुओं पर जवाबदेही सुनिश्चित की गई हैं, उनमें यही बताना होगा कि क्या बोर्ड बैठक में पारित प्रस्ताव चैक लिस्ट के अनुसार सही है?, पूर्व में बोर्ड प्रस्ताव में पारित कार्र्यांे को कराया जा चुका है, या अभी कराया जाना अवशेष है?, पूर्व पारित बोर्ड प्रस्ताव में किस मद से कार्य कराया जाना था। कुल कितनी धनराशि का कार्य कराया जाना था, धनराशि की उपलब्धता कितनी थी, कितनी धनराशि व्यय हो चुकी हैं और कितनी धनराशि व्यय की जानी अवशेष है?, बजट/धनराशि की उपलब्धता की वर्तमान स्थिति क्या है? और अंतिम बिन्दु में एजेंडे में पारित प्रस्ताव अधिनियम में दिये गये प्राविधानों के अनुसार है, अथवा नहीं? अपर आयुक्त

न्यायिक रमेश यादव ने पत्र में कहा कि मार्च की बोर्ड बैठक के भेजे गये एजेंडे में पारित प्रस्तावों पर न तो डीएम और न ही अधिशासी अिधकारी का मन्तव्य अंकित है, इस कारण यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि बोर्ड बैठक में पारित प्रस्ताव नियमानुसार हैं भी या नहीं?। निर्देश दिये कि पारित प्रस्तावों के सम्बन्ध में शासनादेश/ नियमों का पालन करते हुए उपरोक्त बिन्दुओं पर डीएम अपनी व अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद, मुजफ्फरनगर की आख्या जिला शासकीय अधिवक्ता सिविलके विधिक अभिमत के साथ स्वीकृति के लिए उपलब्ध करायें। इस सम्बंध में अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि मंडलायुक्त द्वारा बोर्ड बैठक में पारित होने वाले सभी प्रस्तावों पर जवाबदेही सुनिश्चित की है। ईओ को ही प्रत्येक प्रस्ताव के सही और गलत होने के लिए लिखित टिप्पणी के साथ रिपोर्ट डीएम को भेजनी होगी। मार्च और जुलाई की बोर्ड बैठक में पारित एजेंडा वापस कर दिया गया है। इस मामले में पालिका के एजेंडा लिपिक अशोक ढींगरा को नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया है। सात अक्टूबर की बोर्ड बैठक की प्रोसेडिंग भी इसी नियम के अनुसार तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं।

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