ACTION-ईओ की गाड़ी भुगतान प्रकरण में कम्प्यूटर ऑपरेटर पर गाज
निर्माण विभाग के लिपिक ने 25 हजार के भुगतान पर ढाई लाख का आदेश बनाकर भेजा था लेखा विभाग, लिपिकों में हुई थी तकरार
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के निर्माण विभाग में क्लेरिकल मिस्टेक के बहाने 25 हजार के भुगतान के लिए ढाई लाख रुपये का भुगतान आदेश बनाकर लेखा विभाग में पत्रावली भिजवाने के प्रकरण में विभाग के कम्प्यूटर ऑपरेटर पर गाज गिरी है। पालिकाध्यक्ष ने इस प्रकरण में गंभीर नाराजगी जताई और उनके आदेश पर ईओ ने ठेका कर्मी के तौर पर कार्य कर रहे कम्प्यूटर ऑपरेटर को हटाने के निर्देश जारी किये। इसके साथ ही भुगतान का संशोधित आदेश भी तैयार कराकर लेखा विभाग को भिजवाया गया है। इसमें निर्माण विभाग के लिपिक पर कार्यवाही नहीं होने को लेकर भी चर्चा हो रही है।
नगरपालिका में ईओ के लिए किराये पर गाड़ी ली गई है। इसके लिए बोर्ड द्वारा पारित प्रस्ताव में डीजल के साथ ही 25 हजार रुपए प्रतिमाह भुगतान तय किया गया। इस दौरान इसमें जीएसटी नहीं जोडी गई। बताया जाता है कि निर्माण विभाग के एक लिपिक के द्वारा ईओ की गाड़ी के भुगतान के लिए पत्रावली तैयार की गई। उक्त पत्रावली में 25 हजार के स्थान पर ढाई लाख रुपए की धनराशि अंकित कर दी गई। बाद में उक्त पत्रावली को लेखा विभाग में भुगतान की स्वीकृति के साथ भेज दिया गया। लेखा विभाग में कार्यरत लिपिक के द्वारा इस पत्रावली का गंभीरता के साथ परीक्षण किया गया, तो इसमें भारी अनियमितता पकड़ में आयी। इस पर लेखा विभाग के लिपिक ने निर्माण विभाग के लिपिक पर कड़ी नाराजगी जताई। इस बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया और मामला मारपीट तक पहुंच गया था। कुछ लिपिकों के द्वारा मामला शांत कराया गया। बाद में निर्माण विभाग के लिपिक ने क्लेरिकल मिस्टेक कहते हुए इस गंभीर प्रकरण से अपना पल्ला झाड़ दिया। यह लिपिक पहले लेखा विभाग में ही कार्यरत रहा था। इस दौराहन लिपिक पर पहले भी अनियमितता के गंभीर आरोप लग चुके हैं। लेखा विभाग के लिपिक के द्वारा इस मामले की जानकारी ईओ और पालिकाध्यक्ष को भी दी गई थी।
इस मामले में पालिकाध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप ने कड़ी नाराजगी जताते हुए अपने स्तर से जांच कराई तो भुगतान आदेश टाइप करने वाले कम्प्यूटर ऑपरेटर रजत अग्रवाल की भूमिका को संदिग्ध पाये जाने पर उन्होंने ईओ प्रज्ञा सिंह को कार्यवाही करने के आदेश दिये। ईओ डॉ. प्रज्ञा ने बताया कि निर्माण विभाग में कम्प्यूटर ऑपरेटर रजत अग्रवाल ठेका कर्मी के रूप में कार्यरत है और काफी दिनों से वो यहीं पर कार्य कर रहा है। पूर्व में भी रजत के खिलाफ टाइपिंग एरर की कई शिकायत सामने आई थी। पालिकाध्यक्ष के आदेश पर ठेकेदार को आदेशित किया गया है कि वो निर्माण विभाग से रजत अग्रवाल को हटाकर नया कम्प्यूटर ऑपरेटर तैनात करें। अभी फिलहाल रजत अग्रवाल की पालिका में किसी भी पटल पर सेवा पर भी रोक लगाई गई है। इसके साथ ही गाड़ी के किराये की तय राशि 25 हजार रुपये की दर से भुगतान का संशोधित आदेश भी लेखा विभाग को भिजवा दिया गया है। जल्द भुगतान कराया जायेगा। वहीं इस मामले में गंभीर त्रुटि होने के बावजूद भुगतान स्वीकृति आदेश लेखा विभाग भेजने वाले निर्माण लिपिक पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिसको लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं। बताया गया है कि लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद पालिका में भारी उथल पुथल मचने की संभावना है। कई गैर जिम्मेदार लिपिकों पर भी कार्यवाही हो सकती है।