धर्मांतरण और जबरन शादी पर दस साल तक सजा
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनट कि बैठक ने शादी के लिए अवैध धर्मांतरण रोधी कानून के प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी। इसमें बलात धर्मांतरण और लव जेहाद पर सात और दस साल की सजा का प्रावधान है।
बैठक के बाद मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि आज उत्तर प्रदेश कैबिनेट 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020' लेकर आई है। जो उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सामान्य रखने के लिए और महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए जरूरी है। प्रदेश के गृह विभाग ने लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित कानून का मसौदा पहले ही तैयार कर लिया था। इस मसौदे को परीक्षण के लिए विधायी विभाग को भी भेज दिया गया था। हालांकि विभाग ने कानून का जो मसौदा तैयार किया है उसमें 'लव जिहाद' शब्द का जिक्र नहीं है। इसे गैर कानूनी धर्मांतरण निरोधक बिल कहा जा रहा है। मंगलवार की सुबह यूपी कानून आयोग के अध्यक्ष आदित्यनाथ मित्तल ने भी कहा कि दो अलग-अलग धर्म के लोग आपस में शादी कर सकते हैं लेकिन नए कानून में व्यवस्था अवैध रुप से धर्मांतरण को लेकर है। इसमें 3 साल, 7 साल और 10 साल की सजा का प्रावधान है। नए कानून के जरिए अवैध रुप से धर्मांतरण कर शादी करने पर रोक लगेगी।